चीता पर निबंध Cheetah Par Nibandh

चीता पर निबंध Essay on cheetah 

हैलो दोस्तों आपका इस लेख चीता पर निबंध (Essay on Cheetah) में बहुत -बहुत स्वागत है। आज हम इस लेख में चीता के बारे में सभी जानकारी बताएँगे जो आपके ज्ञान की दृष्टि से लाभदायक सिद्ध होगी।

दोस्तों चीता का नाम तो सभी ने सुना है किन्तु मनुष्य तथा पर्यावरणीय सकंट के कारण चीता की प्रजाति बिलुप्ति की कगार पर है। यह एक गंभीर विषय है।

जिस पर सरकार तथा स्वयं कई संगठनों को विचार करना चाहिए और चीता के सरक्षण में हर एक मुमकिन कदम उठाना चाहिए तो आइये दोस्तों पढ़ते है यह लेख चीता पर निबंध:-

चीता पर निबंध Essay on cheetah

चीता के विषय में जानकारी Information about cheetah 

आज दुनिया में ऐसे कई पशु पक्षी हैं, जिनकी प्रजाति का अस्तित्व ख़त्म हो चुका है और बहुत से पशु पक्षियों की प्रजाति विलुप्त होने की स्थिति में है, जिनमें से एक पशु है "चीता" (Cheetah) 

चीता बिल्ली की प्रजाति का एक जानवर है जो अपनी  तेज रफ्तार के कारण जाना जाता है, क़्योकी यह दुनियाँ का सबसे तेज रफ्तार से दौड़ने वाला पशु है।

जो 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है, किंतु दुर्भाग्यवश आज संसार में चीतों की संख्या लगातार कम होती जा रही है।

बढ़ते हुए औद्योगिकरण और जनसंख्या के कारण वनों को काटा जा रहा है और मनुष्य अपनी शौक के लिए भी चीतों का शिकार कर रहे हैं, जिसके चलते इनकी संख्या में गिरावट आती जा रही है।

किन्तु भारत में एक भी चीता नहीं है, इसलिए इस स्थिति को देख भारत सरकार तथा अन्य देशों ने भी चीतों के संरक्षण (Conservation) में कई प्रकार की योजनाओं को प्रारम्भ किया है।

इन योजनाओ के द्वारा भारत में विदेशों से चीते लाये जाने थे तथा उनका संरक्षण भारत में बने गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान आदि प्रदेशों के राष्ट्रीय पार्क तथा वन्य जीव अभ्यारण्य में किया जाना था। 

किन्तु सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस पर रोक लगा दी गयी और 1973 में भारत सरकार ने  बाघ के संरक्षण में एक योजना लागू की और वह योजना है "प्रोजेक्ट टाइगर योजना (Project tiger Plan) 

तथा इस प्रोजेक्ट टाइगर योजना के तहत विभिन्न प्रकार के अभ्यारण में बाघ तथा उसके प्रजाति से संबंधित जंतुओं तेंदुआ आदि का संरक्षण किया जा रहा है, जिसमें कई अभ्यारण्य जैसे- बांधवगढ़ आदि इनके संरक्षण के लिए प्रसिद्ध हैं।

चीता पर निबंध Essay on cheetah

चीता कहाँ पाए जाते है where does cheetah found 

चीता बहुत से देशों में पाया जाने वाला एक पशु है। किन्तु यह भी सच है, कि यह अब लुप्त प्राय प्राणियों  की श्रेणि में गिना जाता है जबकि कई देशों में तो इसका अस्तित्व  ही ख़त्म हो गया है।

चीता मुख्यतः भारत के पडोसी देशों पाकिस्तान, श्रीलंका,बांग्लादेश,के जंगली भागों के पेड़ों तथा झाड़ियों में रहते है. किन्तु इन देशों में भी इनकी संख्या नगण्य है। अब केवल अफ्रीका तथा ईरान के कुछ भाग मे ही पाए जाते है।

चीतों की नस्लें प्रत्येक देश की वहाँ की जलवायु परिवर्तन के कारण रंग, रूप, आकार आदि में अलग-अलग होती हैं, जैसे एशियाई नस्ल के चीतों के सिर और पैर छोटे देखने को मिलेंगे जबकि अफ्रीकी चीता की गर्दन पतली तथा एशियाई चीतों की गर्दन मोटी होती है।

अफ्रीकी चीते के सिर पर लंबे बाल देखें जा सकते है। जबकि एशिया में पाए जानें वाले चीते की पूँछ अधिक लंबी पायी जाती है। 

चीते जंगलों में और दूर- दराज के भागों में मिलते हैं जहाँ पर मानवीय हस्तक्षेप बहुत होता है। आमतौर पर चीते बड़े और घने जंगलो में गुफाओं में  रहते है। 

चीता क्या खाते है what does cheetah eat 

चीता मनुष्य के समान ही होता है। चीता रात में देख नहीं सकता है, इसलिए चीता दिन में सुबह और दोपहर के समय पर शिकार करता है।

चीता हमेशा ताजा माँस ही पसंद करता है, किंतु नर चीते के लिए खाने की कोई समस्या नहीं होती, क्योंकि चीते की गति तो 120 किलोमीटर के होती है, जो अपने शिकार को सरलता से पकड़ लेता है।

किन्तु मादा चीते के लिए खाना इकठा करना बहुत ही मुश्किल होता। क़्योकी उसे अपने बच्चों की देखभाल भी करनी होती है और उनके भोजन के लिए भोजन का प्रबंध भी क्योंकि

मादा चीता एक बार में लगभग 5 बच्चों को जन्म देती है और उनका ख्याल रखना तथा उन्हें खाना खिलाना एक मादा चीते के लिए बहुत बड़ी चुनौती जैसा होता है।

क़्योकी चीता के बच्चे भी माँस ही खाते है और अगर मादा शिकार करने जाये तो उसके बच्चों को कोई अन्य जानवर शिकार कर लेता है  इसलिए मादा के लिए प्रत्येक दिन शिकार करना मुश्किल होता है। 

चीता के बारे में बेहतरीन तथ्य Interesting fect about cheetah 

  1. एक समय वह था, जब चीते भारत, पाकिस्तान तथा अन्य कई देशो में पाए जाते थे, किन्तु आज यह स्तिथि है, कि चीता केवल अफ्रीका और ईरान में ही देखने को मिलते है।
  2. चीता के पंजे खुले हुये होते हैं, इसकारण चीता की पेड़ पर पकड़ अच्छी नहीं होती और वह पेड़ पर चढ़ नहीं पाते तथा पेड़ के शिकार को मुश्किल में ही पकड़ पाते है।
  3. चीते कि सबसे खास बात है कि चीते में नर चीता हमेशा झुंड बनाकर रहना पसंद करता है, जबकि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि झुंड में उसके भाई हो या फिर अन्य सदस्य, किन्तु मादा झुण्ड में रहना पसंद नहीं करती। 
  4. मादा चीता 4 से 5 बच्चों को जन्म देती है तथा उनका पालन पोषण करने में उसे बहुत ही कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
  5. मादा चीता नर चीता से केवल सहवास के समय मिलती है इसके पश्चात अलग ही रहना शुरू कर देती है। 
  6. एक अफ्रीकी रिपोर्ट के में बताया गया है, कि चीते के लगभग 90% बच्चे मर जाते हैं, जिसका कारण भूख, प्यास वातावरण परिवर्तन तथा शिकारी पशुओं आदि का शिकार करना है। 
  7. चीता के बारे में सबसे रोचक तथ्य यह है, कि चीता दहाड़ता नहीं है वह केवल गुर्राता है और बिल्ली की तरह म्याऊं म्याऊं की आवाज करता है।
  8. चीता दौड़ते समय कम से कम आधे समय हवा में ही रहता है और 23 फीट लंबी छलांग लगाता है, जिससे पता चलता है चीता सबसे फुर्तीला जानवर है।

चीता के बारे में 10 लाइन Ten line about cheetah 

  1. चीता एक ऐसा जीव है, जिसने भारत सरकार के द्वारा  1952 में बिलुप्त प्राणी का दर्जा प्राप्त कर लिया है।
  2. चीता विश्व का सबसे फुर्तीला और तेज दौड़ने वाला जानवर है जो लगभग 120 km / घंटा की रप्तार से दौड़ सकता है। 
  3. चीता भारत के राष्ट्रीय पशु बाघ के कुल से सम्बन्ध रखता है।
  4. चीता बिल्ली प्रजाति का सबसे बड़ा जानवर है। चीता का वैज्ञानिक नाम एँसिनोनिक्स जुबेटस है।
  5. चीता रात्रि में शिकार नहीं करता क़्योकी चीते को रात्रि में दिखाई  नहीं देता है। 
  6. नर चीता मादा से थोड़ा बड़ा और झुण्ड में रहना पसंद करता  है। 
  7. चीते पर काले धब्बे तथा धारियाँ पायी जाती है जो इसकी मुख्य पहचान है।
  8. नर चीते का सामान्य बजन 110  से 130 kg के लगभग होता है किन्तु मादा चीता का बजन 80 से 120 kg होता है। 
  9. चीते की सम्पूर्ण शरीर की लम्बाई 130 cm के आसपास होती है तथा पूंछ की लम्बाई  80 cm तक होती है।
  10. चीता दहाड़ते नहीं है, ये बिल्ली जैसे गुर्राते है।

दोस्तों इस लेख में आपने चीता पर निबंध (Essay on Cheetah) पढ़ा, आशा हुँ आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा। करता 

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