समाचार पत्र पर निबंध | Essay on Newspaper in hindi
समाचार पत्र पर निबंध महत्व Essay on Newspaper in hindi
हैलो दोस्तों इस लेख समाचार पत्र पर निबंध (महत्व ) (Essay on newspaper in hindi) में आपका बहुत-बहुत स्वागत है।
इस लेख में हमने समाचार पत्र के बारे में तथा इससे संबंधित समस्त पहलुओं को सीधी सरल भाषा में समझाया गया है। समाचार पत्र पर निबंध कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12वीं तक तथा
उच्च कक्षाओं में हमेशा पूछा जाता है। समाचार पत्र ही एक ऐसा सस्ता माध्यम है। तो आइये दोस्तों जानते है इस सस्ते माध्यम के बारे में:-
समाचार पत्र पर निबंध 100 शब्द Essay on Newspeper in 100 words
समाचार पत्र सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त करने का सबसे सस्ता साधन है जो बड़ी ही आसानी से उपलब्ध हो जाता है। समाचार पत्र कई प्रकार के होते है
जिनमें दैनिक, साप्ताहिक, तथा मासिक अधिक प्रचलित तथा लोकप्रिय है। भारत का पहला हिंदी समाचार पत्र उदंत मार्तंड है। किन्तु वर्तमान में कई समाचार पत्र प्रचलित है जो कई भाषाओं में छापे जाते है,
तथा उनका क्षेत्र अलग - अलग है। प्रमुख रूप से दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, नई दुनियाँ, नवभारत टाइम्स, अमर उजाला इंग्लिश में द हिन्दू द हिंदुस्तान टाइम्स, द टाइम्स ऑफ इंडिया आदि प्रसिद्ध समाचार पत्र है।
समाचार पत्रों ने स्वतंत्रता संग्राम से ही अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कई स्वतंत्रता संग्रामियों ने समाचार पत्र तथा पत्रिकायें प्रकाशित की जिनके माध्यम से लोगों को भारतीय
स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया, समाचार पत्रों में देशभक्ति गीत तथा लेखों ने भारतीय लोगों के दिलों में स्वतंत्रता की मशाल जला दी
तथा स्वतंत्रता प्राप्ती में समाचार पत्र की अहम् भूमिका रही और आज वर्तमान में समाचार पत्र सभी अच्छी बुरी राजनैतिक, आर्थिक, प्रकति की
घटनाओं, मानवजनित घटनाओं की जानकारी का साधन है। इसलिए समाचार पत्र आज के वर्तमान में मनुष्य जीवन का अभिन्न अंग बन गया है।
समाचार पत्र पर निबंध 150 शब्द Essay on Newspaper in 150 words
प्रस्तावना Preface
समाचार पत्र कागज पर लिखित सन्देश सूचनाएँ होती है जो बड़े ही सस्ते सुलभ तथा मानव समाज की प्रगति विकास में सहायक होते है।
इसलिए समाचार पत्र का इतिहास बहुत पुराना है। द रोमन एक्टा डिउरना' पहला ज्ञात समाचार पत्र है, जो 59 ई.पू. में चला था। 8 वीं शताब्दी में चीन में समाचार पत्रों का चलन हुआ।
किन्तु अंग्रेजी शासनकल में वायसराय जेम्स हिक्की द्वारा बंगाल गजट (Bengal Gazette) समाचार पत्र निकला जो अंग्रेजी में था।
इसके बाद 30 मई 1826 को प्रकाशित हिन्दी का पहला समाचार पत्र उदंत मार्तंड था। इसके बाद कई समाचार पत्र प्रकाशित होने लगे।
समाचार पत्र का महत्व Importence of Newspaper
प्राचीन काल से ही समाचार का चलन है लोग पहले कबूतर, तथा नाऊ जाति के लोगो का प्रयोग अपने सगे संबधियों को खबर भेजने के लिए करते थे।
तथा उनके दुख - दर्द आदि का समाचार प्राप्त करते थे। राजा-महाराजाओं के समय यह काम दूत करते थे। एक राजा दुसरे राजा को सन्देश इसी प्रकार भेजा करते थे।
किन्तु वर्तमान में समाचार पत्रों का क्षेत्र व्यापक हो गया है। विज्ञान के कारण आज विभिन्न उपकरणो की सहायता से आज समाचार पत्र तैयार हो रहे है,
जो बड़े ही सस्ते तथा उपयोगी है और मनुष्य के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। स्वतंत्रता संग्राम में भारतियों के दिलों में राष्ट्रीय चेतना जगाने और उन्हें आजादी की लड़ाई लड़ने में समाचार पत्रों की अहम् भूमिका रही है।
और आज वर्तमान में समाचार पत्र घर बैठे ही लोगों को देश - विदेश की महत्वपूर्ण जानकारी देते है। समाचार पत्र देश - विदेश की सभी प्रमुख घटनाओं जैसे
राजनैतिक, आर्थिक, भौगोलिक, हत्याएँ, निधन, रोजगार, सरकारी योजना आदि के बारे में जानकारी प्रदान करते है, जिनका लाभ मनुष्य जाति को मिलता है।
उपसंहार Conclusion
समाचार पत्र नि:सन्देश मानव जाति के विकास में सहायक है, किन्तु वर्तमान में कुछ दोष भी उनमें नजर आने लगे है। समाचार पत्रों में विभिन्न अश्लील चित्र छापे जाते है, जिससे नई पीढ़ी पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
कई फ्रॉड विज्ञापन रहते है, लोग उनके चक्कर में ठगी का शिकार हो जाते है। इसलिए सभी को समाचार पत्र के दोषों को समझकर उनसे दूर रहना चाहिए और उपयोगी सामग्री से जानकारी प्राप्त कर समाज देश के विकास में अपना योगदान देना चाहिए।
समाचार पत्र पर निबंध Essay on Newspaper
समाचार पत्र क्या है What is Newspaper
मनुष्य हमेशा से ही समाज (Society) में रहता आया है तथा समाज मैं रहने के कारण मनुष्य में समाज के विभिन्न पहँलुओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने की लालसा रहती है
इसलिए कहा जाता है, कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी (Social animal) है और अक्सर नई - नई चीजों के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहता है। यह स्वभाव उसका सदा से ही है और कह सकते हैं, कि आगे भी यही रहेगा।
अपने देश के साथ-साथ पूरे संसार के कोने-कोने में क्या हो रहा है की जानकारी प्राप्त करना एक लालसा सी बनी रहती है और इच्छा को पूरी करने के लिए समाचार पत्र अहम भूमिका निभाते हैं
जिसकी मदद से हम घर बैठकर देश-विदेश में होने वाली समस्त घटनाओं के बारे में जान सकते हैं, किस देश में क्या हो रहा है?
वहाँ की आर्थिक (Economical) सामाजिक,(Social) राजनीतिक (Political) घटनाओं के साथ-साथ भूकंप, ज्वालामुखी तथा कई प्राकृतिक तथा मानवजनित घटनाओं के बारे में भी जानकारी घर बैठकर हमें समाचार पत्रों के द्वारा प्राप्त हो जाती है।
आज के समय में रोटी, कपड़ा, मकान मनुष्य के लिए जितना जरूरी हो गया है उतना ही जरूरी मनुष्य के लिए अपने देश के साथ-साथ अन्य देशों की खबरें प्राप्त करना भी हो गया है
क्योंकि आज का मनुष्य केवल एक देश में सिमटकर नहीं रह गया आज भारत के लोग विदेशों में भी रह रहे हैं इसलिए लोग अपने देश के साथ-साथ विदेशों की भी खबर जानना चाहते हैं
तथा इसके लिए समाचार पत्र का उपयोग करते हैं इसलिए समाचार पत्र मनुष्य का एक अभिन्न अंग सा बन गया है, क्योंकि जब भी मनुष्य सुबह-सुबह उठता है
तो सबसे पहले समाचार पत्र ही ढूंढता है उस में छपी खबरें पड़ता है। इसलिए समाचार पत्र एक ऐसा माध्यम (Medium) है, कि संसार में कहीं पर भी कोई भी घटना क्यों ना घटित हो दूसरे दिन हमें उसका पता चल ही जाता है।
समाचार पत्रों का विकास Development of news paper
पौराणिक कथाओं के आधार पर बताया जाता है, कि पौराणिक काल में भी समाचार का चलन था। पौराणिक काल में देवर्षि नारद तीनों लोकों में समाचार पहुँचाने का कार्य किया करते थे।
इसके बाद प्राचीन काल (Ancient Age) में समाचार पहुँचाने का काम हरकारे, घोड़े, कबूतरों के द्वारा किया जाने लगा किन्तु
आज के आधुनिक युग (Modern Age) में सब कुछ बदल गया है क्योंकि आज का युग विज्ञान का युग (Age of Science) है
और इस युग में समाचार को कई माध्यमों के माध्यम से पहुँचाया जाता है। आज विज्ञान ने कई प्रकार के माध्यम जैसे- तार, ट्रांजिस्टर, टेलीफोन, टेलीविजन, इमेल आदि उपलब्ध करा दिए हैं
जिससे हम बहुत ही कम समय में एक स्थान से दूसरे स्थान पर समाचार पहुँचा सकते हैं। वर्तमान में इंटरनेट (Internet) समाचार माध्यम का सबसे सशक्त माध्यम बन गया है।
समाचार पत्र का इतिहास History of news paper
समाचार पत्रों का इतिहास बहुत पुराना है, द रोमन एक्टा डिउरना' पहला ज्ञात समाचार पत्र है, जो 59 ई.पू. में चला था। जूलीयस सीसर (Juliyas Seesar) ने यह समाचार पत्र शहर के प्रमुख स्थानों पर राजनैतिक,
सामाजिक घटनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए किया था। इसके बाद चीन में समाचार पत्रों का चलन 8 वीं शताब्दी में हुआ।. उस समय चीन में हस्तलिखित समाचार पत्र चलते थे।
सही तरीके से समाचार पत्र का विकास अंग्रेजी शासनकाल से हुआ। वायसराय जेम्स हिक्की द्वारा बंगाल गजट (Bengal Gazette) समाचार पत्र निकला जो अंग्रेजी में था।
इस समाचार पत्र का पूरा लाभ अंग्रेजी शासन (English Govt) को था। भारतीयों को इसका लाभ नहीं मिला कुछ समाचार पर उर्दू तथा अन्य भाषाओ में प्रकाशित हुए। जिनका मूल्य भारतीय हिंदी भाषियों के लिए ना के बराबर था।
इसके बाद ‘द हिंदुस्तान टाइम्स’, ‘नेशनल हेराल्ड', 'पायनियर', 'मुंबई-मिरर' अंग्रेजी समाचार पत्र निकले किन्तु भारतियों को एक सूत्र में बाँधने का श्रेय 30 मई 1826 को प्रकाशित हिन्दी का
प्रथम पत्र ‘उदंत मार्तंड’ (Udant martand) को जाता है। इसके साथ ही समाचार पत्रों के विकास की रफ़्तार तेज हो गई। भारतीयों द्वारा 10 मई 1829 को बंगाल से हिन्दी अखबार 'बंगदूत' का प्रकाशन,
जुलाई, 1854 में श्यामसुंदर सेन ने कलकत्ता से ‘समाचार सुधा वर्षण’ का प्रकाशन, लोकमान्य तिलक ने 'केसरी, लाला लाजपत राय ने पंजाब से 'वंदे मातरम' जैसे हिंदी समाचार पत्रों का विकास करके
भारतीय लोगों को एक सूत्र में जोड़ा तथा अंग्रेजी शासन के खिलाफ ज्वाला भड़का दी। इन समाचार पत्रों के द्वारा कई नये क्रांतिकारियों का उदय हुआ।
गणेश शंकर विद्यार्थी ने 1913 में कानपुर से साप्ताहिक पत्र 'प्रताप' का प्रकाशन के द्वारा लोगों पर हो रहे अत्याचारों की जानकारी जन जन तक पहुँचाकर अंग्रेजी शासन को हिला दिया। इस प्रकार से समाचार पत्रों का विकास लगातार होता चला गया।
भारत में समाचार पत्रों का आरंभ Start of newspapers in India
भारत में प्राचीन काल में समाचार पहुँचाने के कई ऐसे माध्यम थे, जिनसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर समाचार पहुँचाने में कई घंटे तो क्या कई दिन लग जाते थे
उस समय पर आमतौर पर लोग नाई, कबूतर आदि को समाचार पहुँचाने के लिए उपयोग में लाते थे, किंतु अंग्रेजी शासनकाल में अंग्रेजो के द्वारा समाचार पत्र का विकास किया गया
और सन 1780 में कोलकाता में भारत का सबसे पहला समाचार पत्र बंगाल गैजेट जेम्स हिकी के द्वारा प्रकाशित किया गया।
इसके बाद समाचार दर्पण प्रकाशित हुआ और समाचार दर्पण के बाद उदंत मार्तंड समाचार पत्र प्रकाशित हो गया
और इसके बाद तो समाचार पत्रों के प्रकाशन में एक नई क्रांति सी आ गई फिर दैनिक हिंदुस्तान, नवभारत टाइम्स, पंजाब केसरी आदि के साथ कई प्रकार के समाचार पत्रों का संपादन किया जाने लगा।
समाचार पत्रों में आई क्रांति के कारण समाचार पत्र भी कई प्रकार के हो गए कुछ दैनिक समाचार पत्र हो गए जो प्रतिदिन छपते है, कुछ साप्ताहिक समाचार पत्र हो गए जो सप्ताह में एक दिन प्रकाशित होते हैं,
तो कुछ मासिक समाचार पत्र हो गए जो माह में एक बार प्रकाशित होते हैं
इसके साथ ही कई प्रकार की पत्रिकाएँ भी प्रकाशित होने लगी जो साल में केवल एक बार ही प्रकाशित होती हैं। इसप्रकार समाचार पत्र के क्षेत्र में लगातार विकास होता गया।
समाचार पत्र के नाम Name of news paper
समाचार पत्र देश के विभिन्न भागो से प्रकाशित होते है जो विभिन्न भाषाओं में होते है, जिनमें कुछ दैनिक, साप्ताहिक तो कुछ मासिक भी होते है। जिनमें प्रमुख समाचार पत्रों के नाम निम्नप्रकार है:-
मासिक समाचार पत्र के नाम Monthly Newspaper Names
नवजीवन, जबलपुर समाचार पत्र, अनंथा सागरम, रॉयलसीमा समयम, चारमीनार वीक, यथार्थवादी, वर्तमान चक्र आदि।
साप्ताहिक समाचार पत्र के नाम weekly newspaper names
श्री गणपति दर्पण हिंदी राष्ट्रीय उत्तर प्रदेश, चौथी दुनिया, पाञ्चजन्य, उगता भारत, सादिम, असम बानी, अग्रदूत एकोमोडेशन टाइम्स आदि।
दैनिक समाचार पत्र के नाम daily newspaper names
दैनिक हिन्दुस्तान, नईदुनिया, नवभारत टाइम्स, अमर उजाला, दैनिक जागरण, प्रभात खबर, पंजाब केसरी, दैनिक भास्कर, उगता भारत , दीपशील भारत, असम ट्रिब्यून, द हिंदुस्तान टाइम्स, द टाइम्स ऑफ इंडिया, आदि।
समाचार पत्रों का महत्व Importance of newspapers
समाचार पत्र ही वह एक सशक्त माध्यम है जिसके द्वारा कई प्रकार के लाभ हमारे मानव समाज के कल्याण के साथ-साथ देश के कल्याण के लिए उत्तरदाई है। जिनमें से समाचार पत्रों के कुछ महत्व निम्नप्रकार हैं:-
समाचार पत्र जनप्रतिनिधि के रूप में - आज के समय में समाचार पत्र ना केवल किसी एक व्यक्ति या किसी धनी व्यक्ति से संबंध रखता है,
बल्कि हर एक इंसान चाहे वह गरीब हो या अमीर सब की आवाज को जनता तक पहुंचाने की शक्ति रखता है समाचार पत्र ही गरीबों (Poor) शोषितों (Oppressed) और दलितों (Dalits) की पुकार है।
इसके माध्यम से सभी प्रकार के लोग अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं, तथा सरकार के साथ-साथ जन-जन तक पहुँचा सकते हैं।
समाचार पत्र जन जागरण के रूप में - समाचार पत्र जन जागरण के रूप में एक सशक्त माध्यम के रूप में सामने आया है।
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान समाचार पत्रों ने कई सोए हुए दिलों में स्वतंत्रता प्राप्ति की आग जलाकर भारत को स्वतंत्रता प्राप्त कराई है
और आज हमारा भारत देश आजाद और एक लोकतांत्रिक गणराज्य है, जिसका जिसका श्रेय हमारे समाचार पत्रों को जाता है।
शिक्षा के क्षेत्र में समाचार पत्र के महत्त्व - एक और समाचार पत्र हमारे देश-विदेश की घटनाओं तथा अन्य जानकारियों को प्राप्त करने का साधन है
तो इसके साथ यह एक शिक्षा का प्रमुख साधन है जिसमें पुराना इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान आदि के दर्शन हो ही जाते हैं। समाचार पत्रों में कई बड़े-बड़े लेखकों के अच्छे लेख निकलते रहते हैं,
जो शिक्षा का सर्व प्रमुख साधन है। इसके साथ ही साथ नए-नए प्रकार के अविष्कार (Invension) तथा अंतरिक्ष (Space) में होने वाली गतिविधियों से शिक्षा की अच्छी जानकारी प्राप्त होती है।
समाचार पत्र ज्ञान और मनोरंजन के साधन - समाचार पत्र मनोरंजन और विज्ञापन (Entertainment & Advertising) के सबसे बड़े साधन हैं। समाचार पत्रों में मनोरंजन के लिए कॉमिक्स, कार्टून, चुटकुले के साथ-साथ कई प्रकार की मनोरंजक कहानियाँ पढ़ने को मिल जाती है
तो इसके साथ ही साथ कई प्रकार के विज्ञापन का भी साधन समाचार पत्र ही हैं जिनमें कई प्रकार के विशेष गुणों वाले उत्पादों का विज्ञापन छपा रहता है,
जो लोगों तक बहुत ही कम कीमत पर पहुँच जाता है और लोग उसके बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। समाचार पत्र में गैर सरकारी तथा सरकारी नौकरियों के विज्ञापन भी होते हैं यहाँ से आप अपनी योग्यता अनुसार नौकरी भी प्राप्त कर सकते हैं।
समाचार पत्र समाज सुधारक के रूप में - समाचार पत्र समाज सुधारक के रूप में विशेष भूमिका निभाते हैं। समाचार पत्र ही समाज में मानवता (Humanity) भाईचारा (Brotherhood) सद्भावना (Goodwill) मित्रता (Friendship) आदि
गुणों का विकास करने के साथ ही साथ समाज में व्याप्त विभिन्न प्रकार की कुरीतियों जैसे- दहेज प्रथा (Dowry system) बाल विवाह (Child marriage) आदि का घोर विरोध करते हैं।
इसके साथ ही साथ देश और समाज के लोगों में देशप्रेम की भावना जागृत करके देश के प्रति अपने कर्तव्य का पालन करने के लिए तथा देश की संपत्ति की रक्षा करने के लिए भी प्रेरित करते हैं।
समाचार पत्रों के माध्यम से ही लोग देश में फैली भयंकर बुराइयों जैसे - नशा आदि के बारे में प्रचार प्रसार करके तथा उनके दुष्परिणामों को जन-जन तक पहुँचा कर समाज के लिए समाज सुधारक का मुख्य काम करते हैं।
व्यापार के क्षेत्र में - समाचार पत्र व्यापार के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय भूमिका निभाते हैं। क्रय करने वाले तथा विक्रय करने वाले दोनों ही अपने विचारों को समाचार पत्र के माध्यम से एक दूसरे तक पहुँचाते हैं।
इसके साथ ही साथ हमें देश के सभी शेयर मार्केट (Share Market) की जानकारी सोना, चाँदी का भाव मंडी का समस्त भाव के साथ-साथ देश में होने वाली तेजी मंदी के सभी पहलुओं का ज्ञान हमें समाचार पत्र के माध्यम से ही प्राप्त हो जाता है।
समाचार पत्रों की सामाजिक भूमिका - समाचार पत्रों की समाज में अहम् भूमिका है। समाचार पत्रों के द्वारा समाज में फैली कई कुरीतियों के दुष्प्रभाव के बारे में मनुष्यों को पता चलता है,
जिससे समाज कल्याण और समाज सुधार का भाव मन में जाग्रत होता है। समाज के हित में समाचार पत्र ही सबसे अधिक महत्वपूर्ण है, समाज में होने वाले अनीतिपूर्ण कार्य,
भ्रस्टाचार, शोषण आदि के खिलाफ देश में आबाज समाचार पत्रों के माध्यम से ही उठती है। इसलिए कह सकते है कि समाचार पत्र समाज सुधारक का काम करते है।
समाचार पत्रों से लाभ Benefit of Newspaper
समाचार पत्रों से हानियाँ Losses from newspapers
समाचार पत्र से जहाँ अनेक प्रकार के लाभ होते हैं, तो कई प्रकार की हानियाँ भी होती हैं।
समाचार पत्रों को आकर्षक बनाने के लिए इसप्रकार अश्लील चित्र छाप दिए जाते हैं जिससे हमारे मन मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है और जिसका दुष्परिणाम हमारे समाज को झेलना पड़ता है।
साथ ही साथ कई प्रकार के फ्रॉड विज्ञापन (Fraud Advertisement) समाचार पत्रों के माध्यम से लोगों तक पहुँचते हैं और लोग उनसे ठगी का शिकार भी बन जाते हैं
इसलिए कभी-कभी भ्रम पैदा करने वाले विचार भी समाचार पत्रों में छाप दिए जाते हैं। हमारे समाज के साथ-साथ हमारे देश को भी कई प्रकार की हानियों का सामना करना पड़ता है।
निष्कर्ष Conclusion
यह सच है कि समाचार पत्र जनता के प्रतिनिधि के रूप में बहुत अहम भूमिका निभाने के साथ-साथ समस्त प्रकार की सूचनाओं का आदान-प्रदान एक सशक्त और सस्ता माध्यम है।
दोस्तों इस लेख में आपने समाचार पत्र निबंध हिंदी में (Essay on Newspaper in hindi) तथा अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं को जाना आशा करता हुँ यह लेख आपको अच्छा लगा होगा।
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