रावण किसका अवतार था Ravan kiska avtar tha
रावण किसका अवतार था whose avtar was ravan
हैलो दोस्तों नमस्कार आपका इस लेख रावण किसका अवतार था (Ravan kiska avtar tha) में बहुत बहुत स्वागत है, आज आपको एक लेख में हम बताएंगे कि रावण किसका अवतार था।
इसके बारे में बहुत से लोग अभी नहीं जानते। दोस्तों आपको इस लेख के माध्यम से रावण किसका अवतार था बताएँगे, तो आइए दोस्तों जानते हैं, कि रावण किसका अवतार था।
रावण कौन था Who was Ravan
यह एक बहुत ही सरल प्रश्न है, जिसका उत्तर आप सभी को अवश्य पता होगा, कि रावण लंका का राजा था जिसकी पत्नी मंदोदरी थी।
लेकिन रावण का जवाब सिर्फ एक वाक्य में नहीं दिया जा सकता है, क्योंकी रावण ज्ञान का ज़बरदस्त भंडार था और उसके जैसा विद्वान पंडित इस पूरी दुनिया में पहले कभी नहीं थे और न ही कभी होंगया।
अब आप सोच रहे होंगे कि अगर वह पंडित था तो भगवान श्रीराम ने उसे क्यों मारा? रावण का पूरा परिचय जान ने से पहले हम इस बारे में और चर्चा करेंगे।
वास्तव में रावण एक बहुत ही विद्वान, सेनापती, वास्तुकला का वास्तुकार और साथ-साथ विज्ञान से संबंधित कई ज्ञान का स्वामी था। अपनी सिद्धि और तपोबल के माध्यम से,
उस ने अपने जीवन में बहुत अधिक मायावी शक्तियाँ प्राप्त कर ली थीं, जिसके कारण वह इंद्रजाल, तंत्र मंत्र, सम्मोहन और कई प्रकार के जादू करने के लिए प्रसिद्ध था। रावण एक ऐसा दानव था जो भगवान की तरह 64 कलाओं में पारंगत था।
रावण का जन्म Birth of Ravan
रावण के परिवार के बारे में बात करते हैं तो पता चलता है, कि रावण भगवान ब्रह्मा के वंशजों में से एक है। रावण के पिता ऋषि विश्रवा एक बहुत बड़े विद्वान पंडित थे,
जो हमेशा धर्म के मार्ग पर चलते थे। ब्रह्मा के वंशज होने के नाते, रावण भगवान ब्रह्मा के पोता था। मुनि विश्रवा ने अपने जीवन के दौरान दो विवाह किए थे उनकी पहली पत्नी वरवनी थी और दूसरी पत्नी कैकसी थी।
उनकी पहली पत्नी वरवनी ने एक बेटे को जन्म दिया जिसे आप आज कुबेर के नाम से जानते हैं, जी हाँ वो ही कुबेर जिन्हें दुनिया के सभी ख़ज़ानों धन दौलत का राजा मालिक माना जाता है।
और उनकी दूसरी पत्नी कैकसी ने अशुभ समय में गर्भ धारण किया और कुंभकर्ण, शूर्पनखा और रावण जैसे क्रूर राक्षसों को जन्म दिया।
लेकिन एक सकारात्मक काम भी उस के साथ हुआ कि जब उस ने विभीषण को जन्म दिया। विभीषण राक्षस वंश में पैदा होने के बाद भी बहुत ही सहज स्वभाव का व्यक्ति था।
रावण किसका अवतार था whose Avatar was ravan
धर्म ग्रंथों के आधार पर बताया जाता है, कि रावण किसी समय भगवान विष्णु का द्वारपाल हुआ करता था, किंतु एक श्राप के कारण ही राक्षस योनि को प्राप्त हुआ
आपको यह जानकर बड़ी हैरानी होगी कि रावण के एक जन्म नहीं बल्कि तीन-तीन जन्म हुये थे यह बात उस समय की है। जब जय विजय नाम के दो द्वारपाल भगवान विष्णु के यहां पहरा दे रहे थे।
उसी समय महान ऋषि सनक, सनंदन, सनातन तथा सनत कुमार भगवान विष्णु के दर्शन करने के लिए पधारे किन्तु द्वारपालों को भगवान विष्णु की आज्ञा थी कि किसी को अंदर आने ना दिया जाए
इसलिए भगवान विष्णु के द्वारपाल जय और विजय ने उन महान ऋषियों को अंदर जाने से मना कर दिया जिस कारण ऋषि रुष्ट हो गए और उन्होंने जय विजय को श्राप दिया कि
वह राक्षस योनि को प्राप्त करेंगे जब भगवान विष्णु को यह बात पता चली तो जय विजय ने ऋषिगणों से क्षमा याचना की तब ऋषियों ने कहा कि हम अपना श्राप वापस तो नहीं ले सकते
लेकिन इसे कम जरूर किया जा सकता है तुम तीन राक्षस योनियों में जन्म लोगे तथा तीनों बार भगवान विष्णु तुम्हारा संघार करेंगे उसके बाद तुम अपने वास्तविक स्वरूप को पुनः प्राप्त कर पाओगे
इसलिए पहले जन्म में जय और विजय हिरण्यकशपु और हिरणकश्यप बने जिनका संहार नरसिंह भगवान ने किया तथा दूसरे जन्म में उन्होंने रावण और कुंभकरण का रूप धारण किया
जिसका वध भगवान श्री राम के हाथों किया गया तीसरे जन्म में उन्होंने शिशुपाल तथा दंतवक्र का रूप धारण किया और भगवान श्री कृष्ण के द्वारा मुक्ति पाई और अपने पहले वाले रूप को प्राप्त कर लिया।
![]() |
रावण |
रावण का परिवार Family of Ravan
रावण लंका का राजा था, जिसकी ख्याति तीनों लोकों में विख्यात है। लंका के राजा रावण का परिवार बहुत बड़ा था जो निम्नप्रकार है:-
रावण के दादा का नाम महान ऋषि पुलस्त्य था और दादी का नाम हविर्भुवा था। रावण के पिता महर्षि विश्रवा तथा माता कैकसी थी। रावण के नाना सुमाली तथा नानी ताड़का थी।
रावण के भाई विभीषण, कुम्भकरण, अहिरावण, खर - दूषण तथा कुबेर थे। उसकी दो बहिने शूर्पणखा तथा कुम्भनी थी। रावण के मामा का नाम मारीच
तथा सुबाहु था। रावण की तीन रानियाँ थी, जिनमें सबसे प्रिय मंदोदरी थी। रावण के कई पुत्र महाबली पुत्र थे जिनमें सबसे प्रिय मेघनाद, अक्षय कुमार, अतिकाय और प्रहस्थ थे।
रावण से जुड़े कुछ रोचक तथ्य Some interesting fect about ravan
- शिव भक्त रावण भले ही कितना भी असुर रहा हो, लेकिन शुरू से ही वह भगवान शिव की भक्ति करता था और भगवान शिव को सबसे बड़ा मानता था।
- रावण को गीत संगीत से बहुत प्यार था और इसके कारण आपने कई तस्वीरों में रावण के हाथ में वीणा देखी होगी। रावण वीणा बजाता था और वह वीणा इतनी अच्छी तरह बजाता था कि स्वर्ग के देवता उस को वीणा बजाते सुनते थे।
- अपने पुत्र को अमर करने के लिए रावण ने अपनी शक्ति के बल पर सब ग्रहों को आदेश दिया कि जब मेरे पुत्रों का जन्म होगा तो आप सभी को 11 वें स्थान पर रहना होगा। सभी देवताओं ने रावण की बात को स्वीकार कर लिया, लेकिन शनी देव ने रावण की बात नही मानी और 12 वें घर पर बैठ गए।
- रावण के जीवन में सब से दिलचस्प बात यह थी कि वो जानता था की उस की मृत्यु भगवान विष्णु के अवतार द्वारा ही लिखा गयी थी। उसे सर्वशक्तिमान भी कहा जाता है क्योंकी सब कुछ जानते हुए भी वह भगवान से नफ़रत करता था ताकी भगवान उसे अपने हाथों से मार सके और उसे मुक्ति प्रदान कर सके।
- माता सीता लगभग 11 महीनों तक रावण के महल में स्थित अशोक वाटिका में रहीं लेकिन रावण ने उन्हें एक बार भी नहीं छुआ क्योंकी रावण को एक श्राप दिया गया था कि यदी वह किसी महिला के साथ ज़बरदस्ती करेगा तो उसी समय उस के सिर के 10 टुकड़े हो जाएंगे
- भारत के दक्षिणी भाग में रावण को भगवान के रूप में माना जाता है क्योंकि यह माना जाता है कि रावण के समय कोई भी गरीब नहीं था, क्योंकि सभी के घर सोने से भरे थे। रावण को सोने से बहुत लगाव था जिसके कारण उसने अपना महल सोने का बनवाया था। इतिहास गवाह है, कि एक व्यक्ति के पास अच्छे और बुरे दोनों गुण हैं, जैसे कि रावण के पास थे लेकिन व्यक्ति को अपने गुणों का वर्णन करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उस के कार्यों से ही उस के गुणों का पता चलता है। भगवान श्रीकृष्ण के अनुसार व्यक्ति को अपने कर्मों को करते रहना चाहिए न तो उसे फल की चिंता करनी चाहिए और न ही उसे अधर्म के मार्ग पर चलना चाहिए।
दोस्तों आपने इस पोस्ट में रावण के अवतार (Ravan ka avtar) तथा उसके बारे में आश्चर्यजनक तथ्यों को पड़ा आशा करता हूँ, यह पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी।
अगर आप इस बारे में कुछ अपने विचार देना चाहते हैं तो कमेंट करके जरूर बताइएगा तथा शेयर करना बिल्कुल भी ना भूलें।
इसे भी पढ़े:-
- मंदोदरी किसकी पुत्री थी Whose daughter was Mandodari Story
- रावण किस जाति का Which caste belong to Ravan
- कुम्भकरण कितने फुट का था How was tall Kumbhkaran
- सुलोचना किसका अवतार थी Whose Avtar was Sulochna
Comments
Post a Comment