सुलोचना का जन्म कैसे हुआ | Birth of sulochana in hindi







सुलोचना का जन्म कैसे हुआ Birth of sulochana in hindi 

हैलो दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, हमारे इस लेख  सुलोचना का जन्म कैसे हुआ (Birth of Sulochna) में। दोस्तों आप इस लेख में जानेंगे सुलोचना कौन थी? सुलोचना का जन्म कैसे हुआ?

सुलोचना के पिता का क्या नाम था? दोस्तों इससे पहले हमने बताया था, रावण किसका अवतार था? रावण कितने फुट का था आदि

इन कथाओं का लिंक भी आपको इस लेख में मिल जाएगा दोस्तों हम ऐसे ही पौराणिक कथाएं लेकर आते रहते हैं।

इसलिए आप हमारे इस ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर कीजिएगा। तो दोस्तों आइए शुरू करते हैं सुलोचना का जन्म कैसे हुआ:-

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सुलोचना का जन्म कैसे हुआ


सुलोचना कौन थी who was sulochana 

सुलोचना रामायण की एक ऐसी पतिव्रता और सती नारी थी, जिसके गुणों की प्रशंसा करते हुए मुंह नहीं थकता। सुलोचना का विवाह राक्षस कुल में जरूर हुआ था।

लेकिन उसमें सभी गुण देवीय प्रकृति के थे। सुलोचना महाराज लंकापति रावण की पुत्रवधू तथा इंद्रजीत मेघनाथ की पत्नी थी।

सुलोचना रामायण काल में अपने पतिव्रत धर्म तथा सत मार्ग पर चलने के लिए जानी जाती थी। सुलोचना पतिव्रता तो थी ही साथ ही

उसने हमेशा अपने पति का साथ दिया और अपने पतिव्रत धर्म को पूरा  करते हुए स्वयं अपने पति के शरीर के साथ सती भी हो गई।

सुलोचना में पतिव्रत धर्म न्याय तथा आदर का भाव कूट-कूट कर भरा था।

  1. रावण किसका अवतार था
  2. ताड़का किसकी पत्नी थी

सुलोचना का जन्म कैसे हुआ

सुलोचना का जन्म Birth of sulochna in hindi 

दोस्तों पौराणिक काल में बहुत से महान व्यक्ति हुये हैं।जिन्होंने अपने व्यक्तित्व के कारण समस्त संसार में एक अलग ही छाप छोड़ रखी है।

आज लोग उनके बताए हुए रास्ते पर चलते हैं और उनके शिक्षा, आदि गुणों का अनुसरण भी करते हैं। पौराणिक काल में बहुत से व्यक्तित्व ऐसे हुये हैं,

जिनका जन्म बहुत ही आश्चर्यजनक तरीके से हुआ है। किसी का जन्म की वृक्ष से हुआ है तो किसी का यज्ञ से तो किसी का जन्म आंसुओं से ही हो गया है।

इसी प्रकार से एक पौराणिक कालीन स्त्री है, सती सुलोचना सती सुलोचना का जन्म भी एक अद्भुत रहस्यमय कहानी है,

सती सुलोचना का जन्म एक ऐसी आश्चर्यजनक घटना है, जिसे जानने के बाद हर एक व्यक्ति आश्चर्यचकित हो जाएगा। सती सुलोचना का जन्म उस समय हुआ था।

जब माता पार्वती भगवान शिव शंकर के हाथ में वासुकी नाग को बांध रही थी। यह उनका नित्य प्रतिदिन का काम था,

किंतु एक दिन भूलवश माता पार्वती ने भगवान शिव शंकर के हाथ में वासुकी नाँग को थोड़ा कसकर बांध दिया।

जिससे वासुकी नाँग के आंख से दो आंसू गिरे और इन एक आंसू से सती सुलोचना का जन्म हुआ और दूसरे दूसरे आँसू से महाराज जनक की पत्नी सुनैना का।

सती सुलोचना के पिता का क्या नाम था Sulochana's father name 

सती सुलोचना का जन्म भगवान शिव के वासुकी नाग के एक अश्रु से हुआ था। इस प्रकार से सती सुलोचना के पिता का नाम वासुकी नाग है।

सती सुलोचना का पालन  पोषण भी नागों के बीच हुआ था। इसलिए सती सुलोचना नाग कन्या के रूप में भी जानी जाती है।

नागों के बीच रहते हुये सती सुलोचना धर्म, वेद, उपनिषद आदि की महान ज्ञाता तथा संस्कारवान स्त्री थी। उसे विभिन्न प्रकार की शक्तियां भी प्राप्त थी।

जब सुलोचना बड़ी हुई तो उसका विवाह लंकापति रावण के पुत्र इंद्रजीत मेघनाथ से कर दिया गया।

सुलोचना और मेघनाथ का विवाह Sulochana or meghnath married 

मेघनाथ और सुलोचना का विवाह - सती सुलोचना का जन्म वासुकी नाग के अश्रु से हुआ था। इसलिए नागों के बीच पालन-पोषण होने के कारण सुलोचना भगवान शिव की बहुत बड़ी भक्त थी।

वह भगवान शिव की आराधना कई कई दिनों बिना खाए पिए ही करती रहती थी। एक बार सुलोचना भगवान शिव की आराधना करने मंदिर में गई।

वहां पर उसे एक मुख पर तेज कांतिमय, सुन्दर तेजस्वी पुरुष दिखाई दिया। यधपि सुलोचना उसके बारे में नहीं जानती थी, कि वह कौन है? कहाँ से आया है?

और सुलोचना उस पुरुष को देख कर उस पर मोहित हो गई तथा मन ही मन उसे अपना पति मान बैठी। सुलोचना  मेघनाथ के पास पहुँची और विवाह की इच्छा प्रकट की।

सुलोचना भी कोई कम सुंदर नहीं थी। वह भी अप्सराओं के समान सुंदर थी। उसकी सुंदरता को देखकर मेघनाथ ने भी विवाह के लिए अपनी सहमति प्रकट कर दी

और मेघनाथ तथा सुलोचना ने अपना - अपना  परिचय बताया  और दोनों अपनी विवाह की इच्छा लेकर वासुकी नाँग के पास पहुँचे।

बासुकी नाँग दोनों की विवाह की इक्षा जान बहुत ही आश्चर्य में पड़ गए। वे अपनी पुत्री का विवाह एक राक्षस से कैसे कराएँ क्योंकि वह अपनी पुत्री सुलोचना को बहुत प्रेम करते थे।

मेघनाथ सुलोचना का विवाह असंभव था। किंतु उस समय मेघनाथ की विजय का डंका चारों दिशाओं में और तीनों लोकों में गूंज रहा था।

मेघनाथ के पास कई शक्तियां और वरदान थे। यहां तक कि तीनों लोकों में उसके समान कोई नहीं था। जो उसकी टक्कर ले सके अर्थात विवश होकर वासुकी नाँग ने सुलोचना और मेघनाथ का विवाह संपन्न करवा दिया।

दोस्तों इस लेख में आपने सुलोचना का जन्म (Birth of sulochna) सुलोचना और मेघनाथ का विवाह पढ़ा। आशा करता हुँ, यह लेख आपको अच्छा लगा होगा।

इसे भी पढ़े:-

  1. राजा दशरथ की अदभुत जन्म कथा
  2. बाली और सुग्रीव की माँ कौन थी

मेघनाथ और सुलोचना का विवाह विडिओ



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