शिक्षित बेरोजगारी पर निबंध हिंदी में Essay on Educated unemployment
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शिक्षित बेरोजगारी पर निबंध
Essay on educated unemployment in hindi
हेलो दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, हमारे इस लेख शिक्षित बेरोजगारी क्या है? शिक्षित बेरोजगारी पर निबंध (Essay on educated unemployment) में।
दोस्तों आज के समय में आप देख ही रहे हैं कि बेरोजगारी एक ऐसी विकराल समस्या के रूप में हमारे समाज के सामने तथा देश के सामने उत्पन्न हो रही है,
जिससे कि हमारे युवा का जीवन अंधेरे में दिखाई दे रहा है। आज के समय में हमारे भारतीय युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार कार्य नहीं मिल पाता है।
तथा वे निराश हो जाते हैं। तो दोस्तों आज लेख में हम जानेगे कि शिक्षित बेरोजगारी क्या है? शिक्षित बेरोजगारी के कारण क्या है?
तथा शिक्षित बेरोजगारी को दूर करने के उपाय क्या है? दोस्तों यह शिक्षित बेरोजगारी पर निबंध कक्षा 5 से लेकर कक्षा 12 वी तक के छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।
यहाँ से आप निबंध लिखने का आईडिया भी ले सकते हैं, तो दोस्तों आइए बने रहिए हमारे इस लेख के साथ शिक्षित बेरोजगारी क्या है? शिक्षित बेरोजगारी पर निबंध में:-
शिक्षित बेरोजगारी क्या है
What is educated unemployment
शिक्षित बेरोजगारी क्या है - भारतवर्ष एक ऐसा समस्या प्रधान देश है, जो आज के समय में बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई, भ्रष्टाचार, जमाखोरी, जनसंख्या वृद्धि और आतंकवाद जैसी भीषण समस्याओं से जूझ रहा है।
आज के समय में इन समस्याओं के निराकरण की तीव्र मांग की जा रही है। बेरोजगारी या बेकारी भी इनमें से एक ऐसी ज्वलनशील समस्या है जो समाज में कई प्रकार की भयंकर कुरीतियों को जन्म भी दे रही है।
आज के समय में युवा डिग्रियाँ लेकर दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें योग्यता के अनुसार ठीक से काम भी नहीं मिल पा रहा है।
जिस कारण युवाओं में निराशा तथा अपराध के प्रति जाना प्रमुख रूप से देखने को मिल रहा है। लाखों युवा छात्र प्रति वर्ष डिग्रियां प्राप्त करते हैं
और नौकरी की तलाश में गैर सरकारी तथा सरकारी संस्थानों में भटकते रहते हैं किंतु उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार कार्य नहीं मिलता।
इसलिए शिक्षित बेरोजगारी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, तथा शिक्षित (Educated) युवा परेशान और निराश होता जा रहा है।
शिक्षित बेरोजगारी की परिभाषा, तथा अर्थ Definition of educated unemployment
शिक्षित बेरोजगारी की परिभाषा - शिक्षित बेरोजगार वह व्यक्ति होता है, जिसने किसी विशेष कार्य करने हेतु आवश्यक योग्यता अर्जित कर ली है किंतु उसे उस कार्य को करने के लिए अवसर नहीं मिल रहे हैं।
जबकि वह इस प्रकार का कार्य करने के लिए सक्षम है। इस स्थिति को शिक्षित बेरोजगारी कहते हैं। आज के समय में भारत देश में लगभग 10 करोड़ ऐसे लोग हैं,
जो अपनी योग्यता के अनुसार कार्य नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं, जबकि वे लोग अनेक प्रकार से विभिन्न कार्य करने में सक्षम है और उनके पास विभिन्न प्रकार की डिग्रियां और योग्यता भी है।
फिर भी वह दर-दर नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं और अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए ऐसे बेरोजगार युवक भयंकर निराशा का सामना कर रहे हैं।
शिक्षित बेरोजगारी के कारण तथा समस्या Causes and problems of educated unemployment
भारत में शिक्षित बेरोजगारी के विभिन्न कारण हैं, जिनमें से सबसे पहले अपनी शिक्षा पद्धति है। भारत देश की शिक्षा पद्धति हर वर्ष लाखों छात्रों को प्रमाण पत्र और उपाधियाँ देती जा रही है।
जबकि सरकारी और गैर सरकारी स्थानों में उनके लिए नौकरियां उपलब्ध नहीं है। अतः उन्हें नौकरी देना संभव नहीं है। इसलिए शिक्षित बेरोजगारों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
आज के समय में भारत की जनसंख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है, जो शिक्षित बेरोजगारी का प्रमुख कारण है। 2010 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या 121 करोड़ आंकी गई थी।
किंतु आज के समय में यह लगभग 145 करोड़ के आसपास पहुँच गई होगी। जनसंख्या लगातार बढ़ने के कारण उपभोग करने वाली वस्तुओं की मांग बढ़ती जा रही है,
जिससे महंगाई जैसी समस्याएं समाज में उत्पन्न हो रही है, किंतु रोजगार के साधन सीमित होने के कारण बेरोजगारी भी बढ़ती जा रही है।
इसके साथ ही आय असमान वितरण भारत देश में है जिस कारण से दिन-प्रतिदिन बेरोजगारी देखने को मिल रही है। शिक्षित बेरोजगारी के कारण से कई प्रकार की समस्या में भी उत्पन्न होती जा रही है
जिससे हमारा समाज दूषित हो रहा है तथा आम जनता और गरीब लोग इससे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। शिक्षित लोग अपनी योग्यता के अनुसार काम प्राप्त नहीं कर पाते हैं,
जिसके कारण वे विभिन्न प्रकार के गैर कानूनी कार्य चोरी डकैती कलाबाजी ठगी जैसे कार्य करने लगते हैं, जिससे हमारा समाज तथा समाज के गरीब और भोले वाले लोग प्रभावित होते हैं
जिसका मुख्य कारण शिक्षित बेरोजगारी ही है। आज के समय में शिक्षित बेरोजगारी इतनी बढ़ गई है कि अगर चपरासी के लिए भी आवेदन मांगे जाते हैं,
तो उसमें बड़े-बड़े डिग्रीधारी जैसे - बीएससी एमएससी बीटेक एमटेक बीसीए एमबीए 10 जगहों के लिए लाखों की संख्या में आवेदन करते हैं।
इसके बाद भ्रष्टाचार का जन्म होता है जो घूंस देता है वह नौकरी पा लेता है। इसी से ही आप कल्पना कर सकते हैं कि भारत में शिक्षित बेरोजगारी कहाँ तक सीमा पार कर चुकी है
शिक्षित बेरोजगारी को दूर करने के उपाय Measures to remove educated unemployment
शिक्षित बेरोजगारी को दूर करने के उपाय - विभिन्न प्रकार के प्रबुद्ध विचारकों के द्वारा शिक्षित बेरोजगारी को दूर करने के लिए अनेक प्रकार के सुझाव दिए गए। और उन पर प्रयास भी किया गया।
किंतु वे सही तरीके से सफल नहीं हो पाए। ऐसा अक्सर कहा जाता है, कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है इसलिए बेरोजगारों को जल्दी से जल्दी रोजगार देने की व्यवस्था करनी होगी
नहीं तो वे अनैतिक कार्य करने को उतारू हो सकते हैं। क्योंकि आज के समय में बढ़ती महंगाई के कारण लोग अपनी आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए विभिन्न प्रकार के गैर कानूनी कार्य करने लग जाते हैं।
इसलिए शिक्षित बेरोजगारी का निदान करने के लिए राष्ट्रीय विकास कार्यों का तेजी से प्रसार करना चाहिए। देश की आर्थिक स्थिति को और अधिक मजबूत बनाना चाहिए तथा जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
देश की पूंजीपतियों को आगे आकर नए नए उद्योगों को प्रारंभ करना चाहिए जिससे शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त हो सके और वह अपनी रोजी-रोटी अर्जित कर सकें।
शिक्षित बेरोजगारी दूर करने के उपाय में भाई-भतीजावाद भ्रष्टाचार जैसी कृतियों पर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए।
तथा लोगों को उनके पढ़े लिखे के अनुसार काम प्रदान किया जाना चाहिए इस प्रकार से शिक्षित बेरोजगारी पर लगाम लगाई जा सकती है।
उपसंहार Conclusion
सरकार बेरोजगारी कम करने के लिए प्रयत्नशील है। योजना आयोग ने इस समस्या को भी गंभीरता पूर्वक लिया है।
इसलिए अप्रेंटिसशिप योजना के विस्तार तथा बैंकों से ऋण देकर भी बेरोजगारी को कम किया जा रहा है। जिससे बेरोजगार अपना स्वयं का औद्योग या छोटा सा व्यवसाय स्थापित कर सकें
और अपनी रोजी-रोटी का साधन बना सके। जबकि पढ़े लिखे शिक्षित युवकों को भी केवल नौकरी को अपना आदर्श नहीं मानना चाहिए और स्वतंत्र रूप से अपनी जीवन यापन करने के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए।
उन्हें तकनीकी शिक्षा देने के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा भी प्रदान की जानी चाहिए सरकार का रुख युवा पीढ़ी में आक्रोश उत्पन्न करता है।
इसलिए पेट की भूख से पीड़ित युवक कोई भी अवैध कार्य करने के लिए तैयार हो जाते हैं। अतः शासन को भी बेरोजगारी उन्मूलन के लिए तत्काल अच्छे से अच्छे ठोस कदम उठाना चाहिए और फैसला लेना चाहिए।
दोस्तों इस लेख में आपने शिक्षित बेरोजगारी पर निबंध (Essay on educated unemployment) शिक्षित बेरोजगारी क्या है?
शिक्षित बेरोजगारी के कारण तथा समस्या और शिक्षित बेरोजगारी को दूर करने के उपाय पड़े आशा करता हूं यह लेख आपको अच्छा लगा होगा।
शिक्षित बेरोजगारी वीडियो
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