सूर्य भगवान के 108 नाम हिंदी में Soorya bhagwan ke 108 naam in hindi







सूर्य भगवान के 108 नाम हिंदी में Surya bhagwan ke 108 naam in hindi 

हैलो दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, आज के इस लेख सूर्य भगवान के 108 नाम हिंदी में (108 Names of lord Sun in hindi)। दोस्तों आज हम सूर्य भगवान के 108 नाम हिंदी में पड़ेंगे।

इसके साथ ही हम सूर्य भगवान के 12 नाम के साथ ही सूर्य भगवान के बारे में अन्य जानकारी भी जानेंगे। कि सूर्य भगवान कौन है।

उनके पिता का नाम क्या है? आदि तो आइए दोस्तों शुरू करते हैं यह लेख सूर्य भगवान के 108 नाम हिंदी में:-

सूर्य भगवान के 108 नाम हिंदी में

सूर्य भगवान कौन है who was surya bhagwan 

सूर्य भगवान हिंदू धर्म के एक महान देवता है, जो सभी प्राणियों को नित्य प्रति ताप देते। इसलिए भगवान सूर्य के बिना जीवन की कल्पना तक नहीं की जा सकती।

भगवान सूर्य के पिता का नाम महर्षि कश्यप तथा माता का नाम अदिति है। महर्षि कश्यप के 33 पुत्र देवता है, जिनमें से अदिति के 12 पुत्र हैं

जो देवता की श्रेणी में आते हैं। भगवान सूर्य का विवाह संज्ञा देवी से हुआ था, जो देव शिल्पी विश्वकर्मा जी की पुत्री हैं। भगवान सूर्य की तीन प्रमुख संताने यमुना, यम और शनिदेव हैं।

भगवान सूर्य के और भी पुत्र हैं, जो भगवान सूर्य के अंश के द्वारा ही उत्पन्न हुए हैं, जिनमें कपिराज सुग्रीव, सूर्यपुत्र कर्ण आदि शामिल है।

सूर्य भगवान के 108 नाम हिंदी में


भगवान सूर्य के 12 नाम Bhagwan surya ke 12 naam 

भगवान सूर्य देव हिंदू धर्म के एक करुणानिधान देवता है जो, सभी जीवो पर अपनी कृपा बरसाते रहते हैं।

भगवान सूर्य के इन 12 नामों का नित्य प्रति जाप करने से आपको भगवान सूर्य की असीम कृपा प्राप्त होती है, भगवान सूर्य के 12 नाम इस प्रकार से हैं:-

भगवान सूर्य के 12 नाम Bhagwan Surya ke 12 naam 

1- ॐ सूर्याय नम:।
2- ॐ मित्राय नम:।
3- ॐ रवये नम:।
4- ॐ भानवे नम:।
5- ॐ खगाय नम:।
6- ॐ पूष्णे नम:।
7- ॐ हिरण्यगर्भाय नम:।
8- ॐ मारीचाय नम:।
9- ॐ आदित्याय नम:।
10- ॐ सावित्रे नम:।
11- ॐ अर्काय नम:।
12- ॐ भास्कराय नम:।

भगवान सूर्य के 108 नाम Bhagwan Surya ke 108 naam 

हिंदू धर्म के अंतर्गत सूर्य देव एक ऐसे देवता हैं, जो साक्षात सभी व्यक्तियों को दिखाई देते हैं। चाहे वह पाप करने वाले हो या फिर पुण्य करने वाले

और सूर्यदेव अपनी कृपा सभी जीव जंतुओं वनस्पतियों पर हमेशा बनाए रखते हैं। सूर्य देव की दो पत्नियाँ छाया और देवी संज्ञा है, तथा उनकी प्रमुख संतानों के रूप में शनि, यम और यमुना को गिना जाता है।

भगवान सूर्य देव के 108 नाम का नित्य प्रति सुबह जाप करने से भगवान सूर्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए दोस्तों जानते हैं, भगवान सूर्य देव के 108 नाम:-

भगवान सूर्य के 108 नाम Bhagwan Surya ke 108 naam 

1. अरुण: तांबे जैसे रंग वाला देव 
2. शरण्य- शरण देने वाला देव 
3. करुणारससिन्धु- वह जो करुणा-भावना के महासागर है।
4. असमानबल- असमान बल वाले देवता 
5. आर्तरक्षक- पीड़ा से रक्षा करने वाले देवता 
6. आदित्य- वह जो अदिति के पुत्र है। 
7. आदिभूत- प्रथम जीव
8. अखिलागमवेदिन- वह जो सभी शास्त्रों के ज्ञाता है।
9. अच्युत- वह जिसका अंत विनाश न हो सके (अविनाशी)
10. अखिलज्ञ- समस्त ज्ञान रखने वाले
11. अनन्त- वह जिसकी कोई सीमा नहीं है।
12. इना- बहुत शक्तिशाली देवता 
13. विश्वरूप- सभी रूपों में दिखने वाला देवता 
14. इज्य- परम पूजनीय देवता 
15. इन्द्र- वह जो देवताओं के राजा है। 
16. भानु- एक अद्भुत तेज के साथ
17. इन्दिरामन्दिराप्त- इंद्र निवास का लाभ पाने वाले देव 
18. वन्दनीय- स्तुति करने योग्य देव 
19. ईश- ईश्वर
20. सुप्रसन्न- वह देव जो बहुत उज्ज्वल है। 
21. सुशील- नेक दिल वाला देव 
22. सुवर्चस्- तेजोमय चमक वाले देव 
23. वसुप्रद- धन दान करने वाले देव 
24. वसु- देव
25. वासुदेव- श्री कृष्ण
26. उज्ज्वल- वह जो धधकता हुआ तेज वाला है 
27. उग्ररूप-क्रोध में रहने वाले देव 
28. ऊर्ध्वग- आकार बढ़ाने वाला देव 
29. विवस्वत-चमकता हुआ देव 
30. उद्यत्किरणजाल- रोशनी की बढ़ती कड़ियों का एक जाल उत्पन्न करने वाले देव 
31. हृषिकेश- वह जो इंद्रियों के स्वामी है। 
32. ऊर्जस्वल- पराक्रमी
33. वीर- निडर
34. निर्जर- न बिगड़ने वाला देव 
35. जय- जीत हासिल करने वाला देव 
36. ऊरुद्वयाभावरूपयुक्तसारथी- बिना जांघों वाले सारथी 
37. ऋषिवन्द्य- वह जो ऋषियों द्वारा पूजनीय है। 
38. रुग्घन्त्र्- रोग विनाशक देव 
39. ऋक्षचक्रचर- सितारों के चक्र के माध्यम से चलने वाले देव 
40. ऋजुस्वभावचित्त- जो प्रकृति की वास्तविक शुद्धता को पहचानने वाले है। 
41. नित्यस्तुत्य- प्रशस्त के लिए तैयार रहने वाला देव 
42. ऋकारमातृकावर्णरूप- ऋकारा पत्र के आकार वाला देव 
43. उज्ज्वल तेजस- दीप्ति वाला देव 
44. ऋक्षाधिनाथमित्र- वह जो तारों के देवता के मित्र है। 
45. पुष्कराक्ष- कमल नयन वाले देव 
46. लुप्तदन्त- वह देव जिनके दांत नहीं हैं।
47. शान्त- शांत रहने वाले देव 
48. कान्तिद- वह जो सुंदरता के दाता है। 
49. घन- नाश करने वाले देव
50. कनत्कनकभूष- तेजोमय रत्न वाले देव 
51. खद्योत- वह जो आकाश की रोशनी देने वाले है। 
52. लूनिताखिलदैत्य- असुरों का नाश करने वाला देव 
53. सत्यानन्दस्वरूपिण्- परमानंद प्रकृति वाले देव 
54. अपवर्गप्रद- मुक्ति के दाता देव 
55. आर्तशरण्य- दुखियों को अपने शरण में लेने वाले देव 
56. एकाकिन - वह जो त्यागी है। 
57. भगवत- दिव्य शक्ति वाले देव 
58. सृष्टिस्थित्यन्तकारिण- जगत को बनाने वाले, चलाने वाले और उसका अंत करने वाले देव 

59. गुणात्मन- गुणों से परिपूर्ण देव 
60. घृणिभृत- रोशनी को अधिकार में रखने वाले देव 
61. बृहत्- वह जो बहुत महान है। 
62. ब्रह्मण- अनन्त ब्रह्म वाला देव 
63. ऐश्वर्यद- वह जो शक्ति के दाता है।
64. शर्व- पीड़ा देने वाला 
65. हरिदश्वा- गहरे पीले रंग घोड़े के साथ रहने वाला देव 
66. शौरी- वीरता के साथ रहने वाला देव 
67. दशदिक्संप्रकाश- दशों दिशाओं में रोशनी देने वाला देव 
68. भक्तवश्य- भक्तों के लिए चौकस रहने वाला देव 
69. ओजस्कर- वह जो शक्ति के निर्माता है। 
70. जयिन- सदा विजयी रहने वाला देव 
71. जगदानन्दहेतु- विश्व के लिए उत्साह का कारण बनने वाले देव 
72. जन्ममृत्युजराव्याधिवर्जित- युवा,वृद्धा, बचपन सभी अवस्थाओं से दूर रहने वाले देव 
73. उच्चस्थान समारूढरथस्थ- बुलंद इरादों के साथ रथ पर चलाने वाले देव 
74. असुरारी- वह जो राक्षसों के दुश्मन है। 
75. कमनीयकर- इच्छाओं को पूर्ण करने वाले देव 
76. अब्जवल्लभ- अब्जा के दुलारे देव 
77. अन्तर्बहिः प्रकाश- अंदर और बाहर से चमकने वाले देव। 
78. परम ज्योतिष- परम प्रकाश वाले देव 
79. अहस्कर- दिन की शुरूआत करने वाले देवता 
80. सूर्य- शक्तिशाली और तेजस्वी देव 
81. कवि- ज्ञानपूर्ण
82. नारायण- पुरुष की दृष्टिकोण वाले देव 
83. परेश- वह जो उच्च देवता है। 
84. तेजोरूप- आग जैसे रूप वाले देव 
85. हिरण्यगर्भ्- संसार के लिए सोनायुक्त रहने वाले देव 
86. सम्पत्कर- सफलता को बनाने वाले देव 
87. अचिन्त्य- किसी बात की चिन्ता न करने वाले देव 
88. आत्मरूपिण- आत्मा रूपी देव 
89. अच्युत- अविनाशी रूप वाले देव 
90. अमरेश- सदा अमर रहने वाले देव 
91. ऐं इष्टार्थद- मन की इच्छा पूरी करने वाले देव 
92. रवि- भभकने वाले देव 
93. हरि- पाप को हटाने वाले देव 
94. परमात्मन- अद्भुत आत्मा वाले देव 
95. तरुण- हमेशा युवा रहने वाले देव 
96. वरेण्य- उत्कृष्ट चरित्र वाला देवता 
97. ग्रहाणांपति- वह जो ग्रहों के देवता है। 
98. भास्कर- वह जो प्रकाश के जन्म दाता है। 
99. आदिमध्यान्तरहित- जन्म, मृत्यु, रोग आदि पर विजय पाने वाले देव 
100.सौख्यप्रद- खुशी देने वाला देवता 
101.सकलजगतांपति- वह जो संसार के देवता है। 
102.अं सुप्रसन्न- सबसे अधिक प्रसन्न रहने वाले देवता 
103.श्रीमत्- सदा यशस्वी रहने वाले देव 
104.श्रेयस्- उत्कृष्ट स्वभाव वाले देव 
105.सौख्यदायिन- वह जो प्रसन्नता के दाता है. 
106.दीप्तमूर्ती- सदा चमकदार रहने वाले देव 
107.निखिलागमवेद्य- वह जो सभी शास्त्रों के दाता है..
108.नित्यानन्द- हमेशा आनंदित रहने वाले देव।

सूर्य को अर्घ्य देने का मंत्र Surya ko ardhya dene vala mantra 

भगवान सूर्य को अर्घ्य देते समय कई प्रकार के नियम भी होते हैं। नियम के अनुसार अगर आप सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं और सूर्य मंत्र का जाप करते हैं, तो आप अवश्य ही सूर्य भगवान की कृपा प्राप्त कर पाएंगे।

भगवान सूर्य को अर्घ्य देते समय आपके दोनों हाथ आपके सिर से ऊपर होना चाहिए। और हमेशा अर्घ्य सूर्य की ओर या पूर्व दिशा की ओर ही देना चाहिए क्योंकि भगवान सूर्य पूर्व दिशा से ही उदय होते हैं।

अर्घ्य देते समय अपना मन और तन दोनों शुद्ध रखना चाहिए। तथा अर्घ्य हमेशा एक ताम्बे के लोटा में जल भरकर जिसमें रोली या फिर चंदन और कुछ पुष्प डाल कर देना चाहिए.

अगर आप भगवान सूर्य को अर्घ्य भगवान सूर्य के उदय होने के 1 घंटे के अंदर देते हैं तो अधिक लाभकारी रहेगा। भगवान सूर्य को अर्ध्य देने के कई फायदे हैं,

भगवान सूर्य को नित्य प्रति अर्ध्य देने से मन मस्तिष्क ऊर्जावान बनता है। घर संपत्ति कारोबार में वृद्धि होती है, घर से दुख दूर हो जाते हैं,

आने वाली हर प्रकार की समस्याएँ तुरंत नष्ट हो जाती हैं। सूर्य देव को अर्ध्य देते समय निम्न प्रकार के मंत्रों का जाप करना लाभकारी रहेगा:- 

1. ऊँ नमो भगवते श्री सूर्याय क्षी तेजसे नम:। ऊँ खेचराय नम:।
2. ऊँ महासेनाय नम:। ऊँ तमसे नम:।
3. ऊँ रजसे नम:। ऊँ सत्वाय नम:।
4. ऊँ असतो मा सद्गमय।
5. तमसो मा ज्योतिर्गमय। मृत्योर्मामृतं गमय।
6. हंसो भगवाञ्छुचिरूप: अप्रतिरूप:।
7. विश्वरूपं घृणिनं जातवेदसं हिरण्मयं ज्योतीरूपं तपन्तम्।
8. सहस्त्ररश्मि: शतधा वर्तमान: पुर: प्रजानामुदत्येष सूर्य:।

दोस्तों इस लेख में आपने सूर्य भगवान के 108 नाम (Lord Surya ke 108 Name) हिंदी में सूर्यदेव के 12 नाम पढ़े। आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।

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