दहेज प्रथा पर निबंध 400 शब्दों Essay on Dowry System in 400 Words
दहेज प्रथा पर निबंध 400 शब्दों Essay on Dowry System in 400 Words
हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख दहेज प्रथा पर निबंध (Essay on dowry System) में। दोस्तों इस लेख में आप दहेज प्रथा पर निबंध 50 शब्दों में,
दहेज प्रथा पर निबंध 100 शब्दों में, दहेज प्रथा पर निबंध 250 शब्दों में पड़ेंगे। तो आइये दोस्तों शुरू करते है, यह लेख दहेज प्रथा पर निबंध:-
दहेज प्रथा पर निबंध 50 शब्दों में Essay on Dowry System in 50 Words
दुनियाभर में मनुष्य की सुख सुविधा तथा उनके सहयोग तथा संस्कृति के लिए कई प्रकार की प्रथाएँ बनाई जाती है। किन्तु कुछ प्रथाएँ समाज के हित के बजाय समाज का अहित करती है। उनमें से एक प्रथा है 'दहेज प्रथा'
यह प्रथा प्रबुद्ध विचारकों द्वारा समाज कल्याण के लिए बनाई गई थी, किन्तु आज यह समाज के लिए शत्रु बन गई है।
इस प्रथा में नई विवाहित दंपत्ति को घर गृहस्थी में सहयोग के लिए कन्या पक्ष के लोग उपहार स्वरूप धन तथा अन्य वस्तुएँ देते थे।
किन्तु आज यह वर पक्ष का अधिकार बन गया कि वह कन्या पक्ष वालों से यह मांग करते है कि उन्हें विवाह में इतना रुपया चाहिए।
कन्या पक्ष वाले यह मांग स्वीकार नहीं कर पाते है। इस कारण कई योग्य कन्यायें धन के आभाव में अयोग्य व्यक्तियों के साथ व्याह दी जाती है
जबकि कुछ घर से भाग जाती है। इस कारण समाज के हित के लिए बनाई गई प्रथा ही समाज के लिए शत्रु शाबित होती है।
दहेज प्रथा पर निबंध 100 शब्दों में Essay on Dowry System in 100 Words
समाज के विचारकों द्वारा समाज के हित के लिए समय समय पर कई प्रकार की प्रथाएँ बनाई जाती है। किन्तु समय के साथ वे समाज के अहित का कारण भी बन जाती है।
उन्ही प्रथाओं में से एक प्रथा है। दहेज प्रथा। दहेज प्रथा विवाहित दम्पत्ति को उपहार तथा धन देने की प्रथा है। ताकि उन्हें घर ग्रहस्थी में कुछ सहायता मिल सके।
किन्तु धीरे - धीरे वर पक्ष वालों को यह अधिकार प्राप्त हो गया कि वह कन्या पक्ष वालों से धन की माँग करने लगे। जिसके कारण समाज में गरीब लोगों पर बुरा प्रभाव पड़ा।
वे अपनी कन्या का विवाह करने के लिए अपनी ज़मीन बेच देते है। मजदूरी करते है। कई लोग चोरी जैसे अपराध करते है।
ताकि वर पक्ष वालों को दहेज दे सकें। कई अयोग्य लड़को के साथ पड़ी - लिखी सुन्दर कन्याएँ ब्याह दी जाती है जिससे उनकी जिंदगी जीते जी नर्क बन जाती है।
जबकि कुछ लड़कियाँ अपने पिता को कष्ट में देख आत्महत्या कर लेती है। इसलिए यह दहेज प्रथा समाज के लिए अभिशाप बन जाती है।
किन्तु आज के समय में सब शिक्षित लोग है वे जानते है कि उनके घर भी बेटी है इसलिए दहेज प्रथा काफी हद तक समाप्त हो चुकी है और सरकार भी इसके खिलाफ तुरंत कार्यवाही करती है।
दहेज प्रथा पर निबंध 250 शब्दों में Essay on Dowry System in 250 Words
दहेज प्रथा एक बहुत पुरानी प्रथा है, जो भारत में वैदिक काल से चली आ रही है, जिसका अर्थ मनु स्मृति में बताया गया है। इसमें कन्या के माता पिता कुछ वस्तुएँ तथा धन वर को समर्पित करते है।
जो उनके विवाहित जीवन में सहयोग दे सके, किन्तु धीरे - धीरे वर पक्ष वालों को यह अधिकार प्राप्त हो गया कि वह कन्या पक्ष से स्वयं धन की माँग करने लगे।
और यह दहेज प्रथा मुग़लकाल में चरम सीमा पर पहुँच गई, जिसकारण मध्यम और निम्न वर्ग के प्राणियों को कई संकटो का सामना करना पड़ता है।
बे दहेज नहीं दे पाते और परेशान होते है। लड़कियाँ अयोग्य लड़को से ब्याह दी जाती कुछ को तो ससुराल में जला दिया जाता है।
इस प्रकार से दहेज प्रथा से समाज लगातार दूषित हो रहा है तथा निम्न और मध्यम वर्ग प्रताड़ित। वर्तमान में सरकार ने दहेज बिरोधी कानून तो बना दिए लेकिन उनका दृढ़ता से पालन नहीं किया जा रहा है,
सरकार को दहेज लेने और देने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। सरकार के साथ पड़ी लिखी युवा पीड़ी को भी आगे आना चाहिए तथा अपनी मानसिकता बदलनी चाहिए।
अंतर्राजातीय विवाह तथा अंतर्राज्जीय विवाह को स्वीकृति देनी चाहिए। ना ही दहेज लेना चाहिए और ना ही दहेज देना चाहिए। तभी भारत भूमि को माँ जैसी प्रतिभा समान बनाया जा सकता है।
दोस्तों इस लेख में आपने दहेज प्रथा पर निबंध (Essay on Dowry system) पड़े। आशा करता हूँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।
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