लक्ष्मण की पत्नी का नाम Lakshman ki patni ka naam
लक्ष्मण की पत्नी का नाम Lakshman ki patni ka naam
हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, आजके हमारे इस लेख लक्ष्मण की पत्नी का नाम तथा कहानी (Name of laxman's wife and story) में।
दोस्तों इस लेख में आप रामायण की एक महान पात्र उर्मिला के बारे में जानेंगे, कि उर्मिला कौन थी? किसकी बेटी थी? पूर्व जन्म में कौन थी?
आदि। तो आइये दोस्तों पढ़ते है यह लेख लक्ष्मण की पत्नी का नाम तथा कहानी:-
लक्ष्मण की पत्नी का नाम Lakshman ki patni ka naam
लक्ष्मण की पत्नी एक महान पतिव्रता, त्याग, प्रेम सेवा और करुणा की देवी थी। जो स्वयं माँ सीता की छोटी बहिन थी।
माँ सीता के कुछ वर्षो बाद ही मिथिला के महाराज जनक की महारानी सुनैना जो स्वयं नागकन्या थी ने एक सुन्दर कन्या को जन्म दिया।
जिसका नाम उर्मिला रखा गया। उर्मिला का अर्थ ही होता है, विनम्र और विनम्रता उर्मिला में कूट कूट कर भरी थी।
उर्मिला जन्म से ही सुन्दर और अच्छे विचारों वाली स्त्री थी। जब भगवान श्रीराम का विवाह माता सीता के साथ हुआ तो उर्मिला का विवाह लक्ष्मण के साथ किया गया।
उर्मिला किसकी बेटी थी Urmila kiski beti thi
उर्मिला मिथिला नरेश महाराज जनक और महारानी सुनैना की पुत्री थी। जिनका जन्म माता सीता के बाद हुआ था।
उर्मिला त्याग पतिव्रत घर्म, प्रेम और सेवा की प्रतिमूर्ती थी। जिसने 14 वर्ष अपने पति के वियोग में बिता दिए थे। जब भगवान श्रीराम वनवास गए
तो लक्ष्मण श्रीराम और सीता की सेवा के लिए वन जाने लगे। लक्ष्मण की सेवा में कोई कमी ना आये इसलिए उर्मिला ने निद्रादेवी से अपने पति की भी निद्रा माँग ली थी। और 14 वर्षो तक सोती रहीं।
उर्मिला किसका अवतार थी Urmila kiska avtar thi
दुनिया में लगभग 140 से अधिक रामायण लिखी जा चुकी है, किन्तु किसी भी रामायण में यह ठीक प्रकार से उल्लेखित नहीं है कि उर्मिला किसका अवतार थी।
फिर भी उनके त्याग, बलिदान सेवा को देखते हुए यही कहा जा सकता है, कि उर्मिला अवश्य किसी देवी का ही रूप होंगी।
उर्मिला देवी की तीन संताने हुई जिनमें दो पुत्र और एक पुत्री थी पुत्रों का नाम अंगद, चंद्रकेतु और पुत्री का नाम सोमदा था।
उर्मिला की कथा Urmila ki katha
उर्मिला रामायण की एक वह पात्र थी जिसके प्रेम, त्याग, सेवा, और निस्वार्थ भक्ति की कथा सम्पूर्ण जगत में बड़े ही आदर से पड़ी जाती है।
उर्मिला मिथिला नरेश महाराज जनक और महारानी सुनैना की छोटी पुत्री थी। जिसका विवाह अयोध्या के महाराज दशरथ और
महारानी सुमित्रा के बड़े पुत्र लक्ष्मण से हुआ था। जब भगवान श्रीराम माता सीता और लक्ष्मण वनवास जा रहे थे तो उर्मिला भी वन जाना चाहती थी।
ताकि वह भी अपने पति की सेवा कर सके। किन्तु लक्ष्मण ने धर्म और कर्तव्य की बातों में उलझाकर उर्मिला को वन जाने से रोक दिया।
कियोकि लक्ष्मण अपने बड़े भाई श्रीराम और भाभी सीता माता की सेवा में कोई कमी नहीं आने देना चाहते थे। जबकि अयोध्या में भी माताओ कौशल्या कैकई और सुमित्रा की सेवा उनकी देखभाल जरूरी थी।
इसलिए लक्ष्मण ने माताओं की सेवा के लिए उन्हें अयोध्या में रहने का ही आदेश दिया। दुनिया की कोई भी स्त्री जो नवविवाहित है
वह अपने पति से कुछ समय तो दूर रह सकती है किन्तु 14 वर्षो तक कदापि नहीं। कियोकि किसी भी नवविवाहिता के जीवन के
आंनददायी पल विवाह के बाद अपने पति के साथ रहने से उनकी सेवा करने से प्राप्त होते है। उर्मिला का यही त्याग उन्हें सबसे महान बनाता है।
इसके साथ ही वह धैर्य की परिसीमा थी। कियोकि कोई भी स्त्री अपने पति के वियोग में दुखी होकर आँशु बहाती है, किन्तु उर्मिला तो आँसू भी नहीं बहा पायी
अगर वह लक्ष्मण के बियोग में आँसू बहाती और बैठी रहती तो माताओ की सेवा कौन करता। कौन संभालता दुख में उन्हें।
जब महाराज दशरथ की मृत्यु हुई तब भी उर्मिला ने अपना आपा नहीं खोया और माताओ को सँभालते तथा धीरज दिलाते रही।
जनक भी उर्मिला को मिथिला ले जाने के लिए आये थे जिससे उर्मिला अपनी सहेलियों और माँ के बीच रहकर पति बियोग का कुछ दुख तो भूल जाएगी।
किन्तु उर्मिला ने ऐसा नहीं किया वह अयोध्या में ही रही और हर सुख दुख में अपने पति माताओं का साथ दिया। इसलिए निःसन्देश कहा जा सकता है
कि उर्मिला जैसे त्याग समर्पण, सेवा तथा पतिव्रत धर्म पालन करने वाली नारियों में सबसे महान है।
दोस्तों यहाँ पर आपने लक्ष्मण की पत्नी कौन थी (Laxman ki patni kon thi) की बारे में विस्तार से पड़ा। आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।
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