कोशिका झिल्ली किसे कहते हैं संरचना एवं कार्य Structure and function of cell membrane
कोशिका झिल्ली किसे कहते हैं संरचना एवं कार्य Structure and function of cell membrane
नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, आज के हमारे इस लेख कोशिका झिल्ली किसे कहते हैं इसकी संरचना और कार्य में।
दोस्तों आज आप यहाँ पर कोशिका झिल्ली के बारे में विस्तृत रूप से जान पाएंगे। यहाँ पर कोशिका झिल्ली के बारे में सभी महत्वपूर्ण तथ्यों (Importent fect) के साथ वर्णन किया गया है:-
कोशिका झिल्ली किसे कहते हैं what is cell membrane called
प्रत्येक जीव का शरीर एक कोशिका या अनेक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है कियोकि कोशिका ही उस जीव की संरचनात्मक तथा क्रियात्मक इकाई (Structural and functional unit) होती है।
प्रत्येक कोशिका में विभिन्न प्रकार के कोशिकांग, केंद्रक तथा एक विशेष प्रकार का द्रव्य भरा होता है जिसे जीव द्रव्य, प्लाज्मा, या कोशिका द्रव्य कहा जाता है।
इन सभी कोशिकांग तथा जीवद्रव्य को चारों ओर से एक आवरण घेरे हुए रहता है, जिसे कोशिका झिल्ली या प्लाज्मा झिल्ली (Plasma membrane) कहते है।
साधारण शब्दों में कह सकते है कि कोशिकाओं में स्थित साइटोप्लाज्म (Cytoplasm) के बाहर का आवरण जो कोशिका में प्रवेश करने वाले तथा उससे बाहर आने वाले अणुओं और आयनों पर नियंत्रण रखता है, उस आवरण को ही कोशिका झिल्ली कहते हैं।
जंतु कोशिका में केवल एक मात्र ही बाहरी लेयर पाई जाती है, जो कोशिका के चारों ओर उपस्थित होती है और डिफरेंशियली परमेबल मेंब्रेन की तरह कार्य करती है अर्थात जल तथा इसमें घुलित खनिज ही इसके आर पार आ जा सकते हैं।
कोशिका झिल्ली की परिभाषा Definition of cell membrane
जीव धारियों की कोशिकाओं के बाहर का वह आवरण जो कोशिका के अंदर प्रवेश करने वाले और बाहर निकलने वाले जल में घुलित खनिज तथा आयनों पर नियंत्रण रखता है,
उस आवरण को कोशिका झिल्ली कहा जाता है। कोशिका झिल्ली एक डिफरेंशियली परमेबल मेम्ब्रेन (Differentially permeable membrane) की तरह कार्य करती है और जल में घुले खनिज लवणों को अंदर तथा बाहर आने जाने देती है।
कोशिका झिल्ली की संरचना Cell membrane structure
कोशिका झिल्ली की संरचना तीन स्तरों से मिलकर बनी होती है। जिसमें प्रोटीन और फोस्फोलिपिड (Proteins and Phospholipids) अणु होते है।
सबसे पहले डैनियली और डेवसन ने 1935 में कोशिका झिल्ली की त्रिस्तरीय संरचना (three tier structure) के बारे में पता लगाया।
उन्होंने बताया की जंतु कोशिकाओं की कोशिका झिल्ली (प्लाज्मा मेम्ब्रेन) की मोटाई 75A° होती है और यह तीन स्तरों से मिलकर बनी होती है।
- 20A° बाहरी प्रोटीन का मोटा आवरण
- 20A° भीतरी प्रोटीन का मोटा आवरण
- 35A° फोस्फोलिपिड का बीच का मोटा पीले रंग का आवरण
यूनिट मेम्ब्रेन संकल्पना Unit Membrane Concept
प्लाज्मा मेंब्रेन को यूनिट मेंब्रेन का नाम दिया है "रॉबर्टसन ने" रॉबर्टसन ने 1959 में कोशिका झिल्ली का अध्ययन किया और पाया कि एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम, गॉल्जी कांपलेक्स,
लाइसोसोम तथा अन्य कोशिकांगो में भी प्लाज्मा मेंब्रेन यूनिट मेंब्रेन पाई जाती है। जबकि माइटोकोंड्रिआ और केंद्रक की बाहरी दोनों भीतरी दोनों झिल्लीयाँ भी यूनिट मेंब्रेन ही हैं।
रॉबर्टसन (Robertson) ने कोशिका झिल्ली का विस्तृत अध्ययन किया और निम्न प्रकार से कोशिका झिल्ली के बारे में बताया
मोटाई (Thickness) - ज्यादातर कोशिकाओं की प्लाज्मा मेंब्रेन की मोटाई 100A° से 215 A° तक होती है, जबकि इंटेस्टाइनल एपीथिलियम की कोशिकाओं की प्लाज्मा मेंब्रेन 105 A° होती है,
जिसमें बाहरी तथा भीतरी सघन स्तर क्रमशः 40 - 40A° तक का तथा मध्य का 25° A° मोटाई का होता है। प्लाज्मा मेंब्रेन में कुछ छोटे-छोटे छिद्र पाए जाते हैं,
जो अधिक से अधिक 50 A° व्यास के हो सकते हैं। अधिकांश कोशिकाओं की प्लाज्मा मेंब्रेन / कोशिका झिल्ली कार्बोहाइड्रेट्स, लिपोप्रोटीन की बनी होती है, तथा अनेक एंजाइम भी इनमें उपस्थित होते हैं।
कार्बोहाइड्रेट्स (Carbohydrates) - बैल नामक वैज्ञानिक ने 1962 में बताया कि प्लाज्मा मेंब्रेन में कार्बोहाइड्रेट की उपस्थिति होती है।
लिवर की कोशिकाओं में इसकी मात्रा 5% तक हो सकती है। हैक्सोस, हैक्सोसैमाइन, सैलिक एसिड आदि प्लाज्मा झिल्ली में प्रमुख रूप से पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट है।
लिपिड्स (Lipids) - प्लाज्मा मेंब्रेन में लिपिड्स भी पाई जाती है। कोलेस्ट्रॉल, फास्फोलिपिड्स गैलेक्टोलिपिड्स प्लाज्मा मेंब्रेन या कोशिका झिल्ली में पाए जाने वाले मुख्य लिपिड्स है। इसमें कई प्रकार के वसीय अम्ल भी पाए जाते हैं।
प्रोटींस (Protiens) - प्लाज्मा मेंब्रेन का सबसे अधिक भाग प्रोटीन का बना होता है। लाल रक्त कणिका की प्लाज्मा मेंब्रेन में कम से कम 60 से 80% तक प्रोटीन पाई जाती है।
जिनमें लाइसिन, आर्जीनाइन, सिस्टीन, टायरोसिन, मिथियोनीन आदि है। इनमें से कुछ प्रोटीन एंजाइम की तरह कार्य करती है।
एंजाइम (Enzymes) - प्लाज्मा मेंब्रेन में विभिन्न प्रकार के एंजाइम पाए जाते है। अब तक 30 एंजाइम (Enzymes) प्रोटीन मेंब्रेन से पृथक कर लिए गए है।
प्लाज्मा झिल्ली का फ्लुएड मोजैक मॉडल Fluid mosaic model of plasma membrane
प्लाज्मा झिल्ली प्रोटीन लिपिड जैसे अणुओ से मिलकर बनी है। इसलिए कोशिका झिल्ली की आणविक संरचना को सही से समझाने के लिए सिंगर तथा निकलसन ने
1972 ईस्वी में कोशिका झिल्ली या प्लाज्मा झिल्ली की आणविक संरचना को स्पष्ट किया और उन्होंने बायोलॉजिकल मेंब्रेन (Biological membrane) की संरचना क्वासी फ्लूड (Quasi fluid) या
अर्धतरल प्रकार की होती है, बताया उन्होंने बताया कि लिपिड और इंट्रीसिंट्रिक प्रोटीन एक मौजेक क्रम (Maujek Sequence) में व्यवस्थित होते हैं।
लिपॉप्रोटीन अणु लिपिड के द्विस्तर के मध्य ट्रांसलेशनल गतियाँ करते रहते हैं। लिपिड के अणुओ में या तो इंट्रामोलीक्यूलर गतियाँ होती रहती हैं
या फिर वे अपने कक्ष के चारों चक्कर काटते हैं। या फिर वे लिपिड के द्विस्तर में एक ओर से दूसरी ओर गति करते रहते हैं।
प्लाज्मा मेंब्रेन में अणुओं की इस तरह की व्यवस्था को क्वासी फ्लूड और अर्ध तरल संरचना कहा जाता है। इसी अवस्था के कारण विभिन्न प्रकार के आयन प्लाज्मा झिल्ली के आर पार आ जा सकते हैं।
अणुओ के इस प्रकार से व्यवस्थित होने के कारण एंजाइमों एवं एंटीजनिक ग्लाइकोप्रोटीन के सक्रिय स्थान कोशिकाओं की झिल्लीयों की
बाहरी सतह की और अनावरित रहते हैं। प्लाज्मा मेंब्रेन कि अर्धतरल संरचना के कारण ही प्रोटीन के दीर्घ अणु भी इसमें परिगमित होते रहते हैं।
कोशिका झिल्ली (प्लाज्मा मेंब्रेन) के कार्य Functions of Cell Membrane (Plasma Membrane)
प्लाज्मा मेंब्रेन विभिन्न प्रकार के कार्य करती है, जो निम्न प्रकार से है।
परासरण ( Osmosis ) - जब पानी कम सांद्रता वाले पदार्थों से अधिक सांद्रता वाले पदार्थों की ओर जाता है, तो इस स्थिति को परासरण कहते हैं।
जब पानी कोशिका से बाहर आता है, तो उसे बाहय परासरण (External osmosis) कहा जाता है और जब कोशिका में पानी अंदर जाता है, तो उसे अन्तः परासरण (Endoosmosis) कहते हैं।
इस परासरण क्रिया के द्वारा कोशिका के अंदर आवश्यक खनिज तथा अन्य सामग्री जल के माध्यम से घुलकर पहुँचती हैं, और यह कार्य प्लाज्मा मेंब्रेन के द्वारा ही संपन्न किया जाता है।
विसरण ( Diffusion )- कोशिका झिल्ली या प्लाज्मा मेंब्रेन का कार्य विसरण क्रिया करना भी है। प्लाज्मा मेंब्रेन या कोशिका कला के द्वारा जब दो अलग-अलग सांद्रता वाले विलयन अलग-अलग होते हैं,
तो कम सांद्रता वाला विलयन अधिक सांद्रता वाले विलियन की ओर बहने लगता है। और सांद्रता एक समान होने पर बहना बंद हो जाता है। यह क्रिया विसरण कहलाती है। जो कोशिका झिल्ली के द्वारा ही होती है।
पारगम्यता ( Permeability ) - कोशिका झिल्ली या प्लाज्मा मेंब्रेन पतली और लचीली झिल्ली होती है, जो पदार्थों को कोशिका के अंदर और बाहर आने जाने देती है। कोशिका कला की यह स्थिति ही पारगम्यता (Permeability) कहलाती है। कोशिका कला निम्न प्रकार से काम करती है।
ऐसी कोशिका कला जो गैस के अतिरिक्त कुछ भी पदार्थ कोशिका के अंदर व बाहर नहीं आने जाने देती है। उसे अपारगम्य कोशिका झिल्ली (Impermeable cell membrane) कहते है। उदाहरण:- अंडे की कोशिका झिल्ली
वह कोशिका झिल्ली जो पानी को कोशिका के अंदर और बाहर आने जाने देती है, उसे अर्धपारगम्य कोशिका झिल्ली (Semipermeable cell membrane) कहा जाता है।
वह कोशिका झिल्ली जो कुछ चिन्हित पदार्थों को कोशिका के अंदर एवं बाहर आने जाने देती है, उसे पारगम्य कोशिका झिल्ली (Permeable cell membrane) कहा जाता है। जंतुओं में इसी प्रकार की कोशिका झिल्ली उपस्थित होती है।
ऐसी कोशिका झिल्ली जो कुछ भी कोशिका के आरपार आने-जाने नहीं देती उसेको अपारगम्य कोशिका झिल्ली कहते हैं।
सक्रिय परिवहन (Active Transport) - जब कोशिका झिल्ली से विलेय पदार्थों को अंदर - बाहर आने-जाने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है, तो उसे सक्रिय परिवहन कहते है।
पीनोसाइटोसिस (Pinocytosis)- तरल पदार्थ जब कोशिका में पहुंचते हैं तो उसको पीनोसाइटोसिस कहा जाता है।
फैगोसाइटोसिस (Phagocytosis) - वह स्थिति जब पदार्थ ठोस रूप में पहुँचता है तो इस स्थिति को फैगोसाइटोसिस कहा जाता है।
दोस्तों आपने इस लेख में कोशिका झिल्ली किसे कहते हैं (what is cell membrane) संरचना एवं कार्य पढ़े। आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।
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