द्विनाम पद्धति के जनक कौन है Who is the father of binomial system
द्विनाम पद्धति के जनक कौन है Who is the father of binomial system
हैलो दोस्तों नमस्कार आपका बहुत - बहुत स्वागत है। इस लेख द्विनाम पद्धति के जनक कौन है (Who is the father of binomial system) में।
दोस्तों इस लेख में में आप जीवों के नामकरण की पद्धति के साथ जीवों और वनस्पतियों के वैज्ञानिक नाम (Scientific Name) के उदाहरण भी देखेंगे। तो आइये दोस्तों शुरू करते है, यह लेख शुरू द्विनाम पद्धति के जनक कौन है:-
प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका में अंतर
द्वीनाम पद्धति किसने दी थी who gave binomial methods
पृथ्वी पर जीव जंतुओं तथा वनस्पतियो की लाखों प्रजातियाँ (Species) हैं, जो जल तथा थल दोनों जगह पाई जाती हैं।
इन सभी के आकार, स्वभाव इनमें होने वाली क्रियाएँ शरीर का गठन व्यवहार विभिन्नता आदि के अध्ययन की सुविधा से जंतुओं का वर्गीकरण अति आवश्यक हो गया था। इसलिए अनेक वैज्ञानिकों ने जंतुओं का वर्गीकरण और नामकरण करने का प्रयास किया,
किन्तु वह सर्वमान्य नहीं हुआ। अंततः 1753 ईस्वी में कैरोलस लीनियस नामक वैज्ञानिक ने जीवो के नामकरण की द्विनाम पद्धति को प्रतिपादित किया और वर्गीकरण की नामकरण पद्धति प्रस्तुत की।
द्वीनाम पद्धति क्या है what is binomenclature system
केरोलस लीनियस (Carolus Linnaeus) ने जीवों के वर्गीकरण में उनके वंश और जाति के नाम का प्रयोग किया क़्योकी सभी जीवों के वंश और जाति के नाम समान नहीं होते इसलिए जीवो के नामकरण की द्विनाम नामकरण पद्धति 1753 ईस्वी में कैरोलस लीनियस
नामक वैज्ञानिक ने प्रतिपादित की तथा कैरोलस लीनियस वैज्ञानिक को जीवों के वैज्ञानिक नामकरण की द्विनाम पद्धति का जनक कहा जाता है।
लीनियस द्वारा प्रतिपादित द्विनामकरण पद्धति में प्रत्येक जीवधारी या वनस्पति का नाम लैटिन भाषा (Latin language) के दो शब्दों से मिलकर बना होता है, जिसमें पहला शब्द वंश का नाम होता है,
जबकि दूसरा शब्द जाति के नाम से लिया जाता है। इसके बाद वंश और जाति के नाम को मिलाने के बाद उस जीव का वैज्ञानिक नाम बनता है, तथा पीछे उस वैज्ञानिक का नाम लिखा जाता है,
जिसने उस जाति को खोजा है। एक उदाहरण द्वारा समझते है, जैसे कि मनुष्य का वैज्ञानिक नाम होमोसैपियंस लिन (homosapiens lin) है, जिसमें होमो सैपियंस नाम मनुष्य का वैज्ञानिक नाम (Scientific name) है,
जिसमें होमो वंश से तथा सेपियंस जाति से लिया गया है, जबकि लिन नाम उस वैज्ञानिक का नाम है, जिसने इस मनुष्य प्रजाति के बारे में अध्ययन किया था और उसकी खोज की थी जो वास्तव में लीनियस
के नाम का शॉर्ट रूप है। इसका अर्थ यह है, कि होमो सेपियंस जाति की खोज सबसे पहले लीनियस नामक वैज्ञानिक ने ही की थी। इस प्रकार से प्रत्येक जीवधारी तथा वनस्पति का वैज्ञानिक नाम वंश और उसके जाति के नाम से मिलकर बना है।
द्वीनाम पद्धति के नियम Rules of binomial nomenclature
नये जंतुओं की खोज होने के कारण वैज्ञानिक नामकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संहिता निर्धारित की गई। तथा कैरोलस लीनियस को द्वीनामकरण पद्धति का जनक माना गया।
उन्होंने जीवो की द्विनाम पद्धति का वर्णन अपनी पुस्तक सिस्टेमा नेचुरी में किया। 1901 में बर्लिन में आयोजित पांचवी अंतरराष्ट्रीय जंतु वैज्ञानिक नामकरण कांग्रेस में जंतु नामकारण प्रस्तुत की गई।
तथा इनके मूल कोड को 1904 में मान्य कर लिया गया। वर्तमान में लागू जंतु नामकरण संहिता 1964 में 16वीं अंतर्राष्ट्रीय जंतु विज्ञान कांग्रेस (International Zoology Congress) वॉशिंगटन में परिवर्तनों के पश्चात लागू की गई जिसके नियम निम्न प्रकार से हैं:-
अंतर्राष्ट्रीय जंतु विज्ञान कांग्रेस वॉशिंगटन में द्वीनामकरण पद्धति अंग्रेजी एवं फ्रेंच (English and French) भाषा में प्रकाशित की गई थी, जिसके नियम निम्न प्रकार से हैं:-
- प्रत्येक जंतु का नामकरण लैटिन भाषा (Latin language) से उत्पन्न होना चाहिए।
- जाति से उच्च पदानुक्रम श्रेणी का नाम एक शब्द ही होना चाहिए।
- जंतु की जाति का नाम द्विनाम (binomial) होना चाहिए तथा उपजाति का नाम त्रिनाम (Trinomial) होना चाहिए।
- जंतु के वैज्ञानिक नामकरण में उसके आगे का नाम वंश का नाम बड़े अक्षरों में तथा पीछे का नाम जाति या उपजाति का छोटे अक्षरों में लिखा होना चाहिए।
- यदि किसी जंतु के उपवंश का नाम भी लिखना है, तो उसको वंश एवं जाति के मध्य कोष्ठक में लिखा जाना चाहिए।
- कुल के नाम के अंत में डिया जोड़ना चाहिए उदाहरण:- टिपुलिडिया तथा उपकुल के नाम के अन्त में इनी जोड़ना चाहिए।
- वंश का नाम एकल संज्ञा होना चाहिए उदाहरण :- होमो, राना आदि।
- जाति का नाम विशेषण या एकल संज्ञा होना चाहिए उदाहरण:- राना टिग्रीना
- जंतु का नामकरण अन्य प्रकार की नामकरण पद्धतियों से अलग होना चाहिए।
- खोजकर्ता या लेखक का नाम जंतु के नाम का भाग नहीं होता है, इसे पीछे विकल्प के रूप में लिखा होना चाहिए।
- यदि किसी जंतु के नाम दो या अधिक है तो उसके अन्य समनाम को कोष्टक में लिखा जाना चाहिए।
कुछ जंतुओं के वैज्ञानिक नाम Scientific name of some animals
सामान्य नाम | वैज्ञानिक नाम |
---|---|
मनुष्य | होमोसेपियंस |
बिल्ली | फेलिसडोमेस्टिका |
कुत्ता | केनिसफैमिलियरी |
मक्खी | म्यूकसडोमेस्टिका |
मेंढक | रानाटिगरिना |
गाय | बॉसइंडिका |
घोड़ा | ईक्वसकैबेलस |
चीता | पैंथरापार्ड्स |
बकरी | केप्राहिटमस |
मोर | पावोक्रिस्टेसस |
हिरण | सर्वसएलाफस |
बाघ | पेंथेराटाइग्रिस |
कुछ वनस्पतियों के वैज्ञानिक नाम Scientific name of some vegetation
सामान्य नाम | वैज्ञानिक नाम |
---|---|
आम | मेंजीफेराइंडिका |
धान | ओराइजासटाइवा |
मटर | पाइसमसटाइबम |
सरसों | ब्रासिकाकैपेस्ट्रीज |
केला | म्यूजापेराडिसिए |
केसर | क्रोकससैटिवियस |
कॉफी | काफियाअरेबिका |
गेहूँ | ट्रिक्टिकमएस्टिवियम |
चाय | थियासाइनेनिसस |
जामुन | शायजियमक्यूम |
लौग | शाइजीडियम एरोमेटीकम |
हल्दी | कुरकुमा लोंगा |
दोस्तों आपने इस लेख में द्विनाम पद्धति के जनक कौन है (Who is the father of binomial system) द्विनाम पद्धति क्या है इसके नियम पढ़े। आशा करता हूँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।
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