मेरे स्कूल पर निबंध class 1,2,3,4 Essay on My School
मेरे स्कूल पर निबंध class 1,2,3,4 Essay on My School
मेरा स्कूल पर निबंध class 1 Essay on my school class 1
मेरे स्कूल का नाम अशोक विद्यापीठ है।
मेरा स्कूल खुमान का पूरा गाँव मालनपुर में स्थित है।
मेरे स्कूल में 5 कमरे एक लाइब्रेरी (Library) एक कंप्यूटर रूम (Computer room) बना हुआ है।
प्रत्येक कमरे में इलेक्ट्रिक फैन तथा एक व्हाइट बोर्ड लगा है।
हमारे विद्यालय की प्रधानाध्यापक श्रीमती भारती मैडम हैं, जो बहुत ही सज्जन, तथा मृदुभाषी हैं।
हमारे स्कूल में 8 शिक्षकों का स्टाफ है, जिसमें तीन मैडम तथा चार सर और एक प्रधानाध्यापक मैडम हैं।
हमारे स्कूल में लगभग 1 से 5 तक 120 से अधिक बच्चे हैं।
हमारी क्लास के क्लास टीचर मिस्टर केवल सर हैं, जो हमें बहुत ही अच्छी तरीके से गणित पढ़ाते हैं।
हमारे स्कूल में एक प्लेग्राउंड भी है, जहाँ हम लंच के दौरान खेल खेलते हैं
हम रोज विद्यालय जाते हैं।
हमें हमारा विद्यालय बहुत ही प्यारा है।
मेरा स्कूल पर निबंध class 2 Essay on My school class 2
मेरे स्कूल का नाम प्राइमरी सरकारी स्कूल है।
मेरा स्कूल हरिराम का पुरा गाँव में स्थित है।
हमारे स्कूल में पाँच कमरे एक ऑफिस (Office) एक लाइब्रेरी (Library) तथा एक कंप्यूटर रूम (Computer Room) भी है।
प्रत्येक कमरे में एक इलेक्ट्रिक फैन एल ई डी बल्ब तथा एक व्हाइट बोर्ड लगा हुआ है।
हमारे स्कूल के प्रधानाध्यापक राजकुमार सर हैं, जो बड़े ही मृदुभाषी तथा सज्जन व्यक्ति हैं।
हमारे विद्यालय में 7 स्टाफ है जिनमें तीन मैडम तथा चार सर हैं।
हमारे सबसे फेवरेट टीचर लोकेश सिंह हैं, जो सभी बच्चों को बहुत प्यार करते हैं।
हमारे क्लास टीचर का नाम मिस्टर ज्ञान सिंह है जो हरि रामपुरा में ही रहते हैं और हमें विज्ञान विषय अच्छी तरीके से पढ़ाते हैं।
हमारे विद्यालय में एक बहुत बड़ा प्लेग्राउंड (Playground) है, जहाँ पर सभी सांस्कृतिक प्रोग्राम (Cultural programm) और खेल खिलाए जाते हैं।
हम डेली स्कूल जाते हैं हमें हमारा स्कूल सबसे अधिक प्रिय और प्यारा है।
मेरा स्कूल पर निबंध class 3 Essay on My school class 3
प्रस्तावना Introduction
विद्यालय एक ऐसा स्थान होता है, जहाँ पर हम शिक्षा ग्रहण करते हैं, इसलिए विद्यालय सभी गांव में बनाए जाते हैं। कुछ विद्यालय बड़े होते हैं,
कुछ विद्यालय छोटे होते हैं। छोटे विद्यालयों में छोटे-छोटे बच्चे और बड़े विद्यालय में बड़े-बड़े बच्चे पढ़ने जाते हैं। विद्यालय में शिक्षकों के द्वारा
कई विषय पढ़ाए जाते हैं, इसके साथ ही कई ज्ञान की बातें कई गुणों और संस्कार की बातें भी बच्चों को बताई जाती हैं।
विद्यालय का वर्णन Discription of School
मेरे विद्यालय का नाम कस्तूरबा गांधी विद्यालय है, जो मेरे गांव, रानीपुर से मात्र 1 किलोमीटर दूर ही स्थित है। विद्यालय एक मंदिर की तरह होता है
जहाँ पर सभी बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। हम सभी बच्चे सुबह सुबह जल्दी उठते हैं, अपना कार्य करते हैं, नहाते हैं और खाना खाकर विद्यालय जाते हैं,
जहाँ हम सभी टीचर को गुड मॉर्निंग विश करते हैं, इसके पश्चात प्रेयर होती हैं, हम सभी भगवान से विद्या सद्बुद्धि देने की प्रार्थना करते हैं।
हमारे स्कूल के सभी टीचर बड़े ही सज्जन और दयालु हैं, जो बहुत दूर से हमें पढ़ाने के लिए आते हैं। मैं रोज विद्यालय जाता हूँ
और मन लगाकर पढ़ाई करता हूँ। मुझे मेरा विद्यालय तथा मेरे विद्यालय का शोररहित परिवेश बहुत ही पसंद है। में अपने विद्यालय से बहुत प्रेम करता हूँ।
मेरा स्कूल पर निबंध class 4 Essay on My School class 4
प्रस्तावना Introduction
विद्यालय एक ऐसा स्थान होता है, यहाँ से एक बालक का सभी प्रकार का विकास अर्थात सर्वागीण विकास होता है, इसलिए वास्तव में स्कूल को एक मंदिर कहा जाता है। स्कूल में सभी बच्चे विभिन्न विषयों में शिक्षा
ग्रहण करते हैं, तथा जीवन जीने की राह, व्यक्तित्व निर्माण, संस्कार आदि की शिक्षा ग्रहण करके एक दयालु, संस्कारवान और परोपकारी नागरिक के रूप में सामने उभरकर आते हैं।
विद्यालय का महत्व Importance of school
मनुष्य के जीवन में विद्यालय का महत्व सबसे अधिक होता है, कहते हैं, कि गुरु बिना ज्ञान नहीं होता और ज्ञान विद्यालय के बिना कहीं नहीं होता
इसलिए विद्यालय का महत्व मनुष्य के जीवन में सबसे अधिक माना गया है। क्योंकि विद्यालय एक ऐसा स्थान है, जहाँ पर मनुष्य अपना सभी प्रकार का विकास पूर्ण करता है।
मनुष्य शिक्षा से संबंधित विभिन्न प्रकार के विषयों का अध्ययन करके विभिन्न विषयों में पारंगत हो जाता है, तो वहीं दूसरी तरफ उसमें संस्कार, जीवन जीने की कला,
परोपकार, दयालुता विभिन्न प्रकार के गुणों का विकास होता है। विद्यालय स्थान होता है, जहाँ पर बालक खेलकूद के कारण अपना शारीरिक विकास तथा मानसिक विकास को भी पूरा करता हैं,
इसलिए बालक के जीवन में विद्यालय का सबसे अधिक महत्व होता है। अतः विद्यालय बालक का सामाजिक परिवेश तथा सर्वांगीण विकास का सबसे उपयोगी स्थान माना जाता है।
उपसंहार Conclusion
कहा जा सकता है, कि विद्यालय ही वह स्थान है जहाँ से मनुष्य का विकास तथा मनुष्य सही मायने में मनुष्य कहलाने लायक बनता है,
क्योंकि विद्यालय के द्वारा ही मनुष्य में विभिन्न प्रकार के गुणों का समावेश होता है। अगर जो बालक विद्यालय नहीं जाते वह निष्क्रिय होते हैं
तथा अच्छे प्रकार के गुणों से बहुत दूर रह जाते हैं और समाज के लिए अभिशापित भी होते हैं, इसलिए विद्यालय समाज के सुधार तथा समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
दोस्तों इस लेख में अपने मेरे स्कूल पर निबंध class 1,2,3,4 (Essay on My School in hindi) पढ़े। आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।
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