जीएसटी पर निबंध Essay on GST in hindi
जीएसटी पर निबंध हिंदी में Essay on GST in hindi
हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत बहुत स्वागत है, इस लेख जीएसटी पर निबंध हिंदी में (Essay on GST in hindi) में। दोस्तों यहाँ पर आप जानेंगे कि, जीएसटी क्या है? जीएसटी के प्रकार, इतिहास आदि।
दोस्तों यह निबंध कक्षा 6 से 12 वीं तथा उच्च कक्षाओं के छात्र - छात्राओ के परीक्षाओं में अक्सर पूँछा जाता है, दोस्तों आप यहाँ से GST पर निबंध लिखने का आईडिया भी ले सकते है, तो आइये दोस्तों करते है यह लेख शुरू जी.एस.टी. पर निबंध:-
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GST क्या है what is GST
GST का पूरा नाम वस्तु और सेवा कर है जिसे Goods and services tax भी कहते है। ये भारत सरकार द्वारा लागू की गई एक कर व्यवस्था है।
इस व्यवस्था को लागू करने के पीछे उद्देश्य ये है कि केंद्र और राज्यो द्वारा लगाए जाने वाले अलग-अलग स्तरों पर विभिन्न करों को हटाकर एक ही राष्ट्रीय कर मे एकीकृत कर दिया जाए।
अखिल भारतीय स्तर पर एक market को स्थापित करके ये कर व्यवस्था बिज़नेस और इंडस्ट्री फील्ड को कई गुना ज्यादा लाभ पहुचाने के उद्देश्य से स्थापित की गई है। 2006 में केलकर कमीटी की रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने तय किया
कि वित्तीय वर्ष 2010-11 से GST लागू की जाएगी। लेकिन केंद्र और राज्यों मे सहमति न होने के कारण ये प्रक्रिया विलंबित होती रही।
एक के बाद एक दो एक्सपर्ट कमीटी ने अपनी राय सरकार के सामने रखी। आखिरकार अगस्त 2016 मे 101st संविधान संशोधन अधिनियम (Constitution Amendment Act , 2016)
के उत्तीर्ण होने के साथ ही पार्लियामेंट द्वारा इसको लागू करने की अनुमति मिल गई। फिर सितंबर 2016 के आखिरी में सरकार द्वारा जीएसटी काउंसिल का निर्माण किया गया।
फिर आखिरकार जुलाई 1, 2017 से नए संघीय अप्रत्यक्ष कर या Federal Indirect Tax को लागू कर दिया गया। जी एस टी अलग अलग वस्तु और सेवा के लिए अलग अलग निर्धारित की गई है। ये 5%, 12%, 18% और 28% निर्धारित है।
जीएसटी का इतिहास History of GST
आज लगभग 160 देशों में GST लागू हो चुकी है। लेकिन इतिहास मे सबसे पहला देश जिसने GST लागू की थी वो है फ्रांस (France) जिसने 1954 मैं टैक्स की चोरी रोकने के लिए ऐसा किया।
जीएसटी से पहले भारत में VAT यानी value added tax प्रचलन में था, लेकिन VAT की सबसे बड़ी कमी ये थी की ये उन वस्तुओं के लिए भी लगा दिया जाता था
जिन पर पहले से ही एक्साइज ड्यूटी दी जा चुकी है। यानी आम लोगों को दो बार टैक्स देना पड़ता था। GST को लागू करने में सबसे बड़ी रुकावट थी राज्य सरकार।
राज्य सरकारों ने जीएसटी को ना अपनाने की पूरी कोशीश की क्योंकि उनके हिसाब से इसमें उनका घाटा हो रहा था। इस समस्या से जूझने के लिए केंद्र सरकार ने ये निर्णय लिया कि
जीएसटी के तहत सरकार राज्य सरकारों को नुकसान की स्थिती में पूरे 5 साल तक मुआवजा देगी। जीएसटी की नींव पहली बार सन् 2000 मे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रखी गई थी।
उस वक्त राज्य के वित्त मंत्रियों ने मिलकर एक कमेटी बनाई जिसका नाम था इंपावर्ड कमेटी। इस कमेटी का लक्ष्य था जीएसटी के लिए एक संरचना तैयार करना।
इस कमेटी की अध्यक्षता पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री असीम दासगुप्ता कर रहे थे। असीम दासगुप्ता ने इस कमिटी की अध्यक्षता 2011 तक की।
2004 में विजय एल. केलकर जो कि वित्त मंत्रालय के सलाहकार थे ने ये सलाह दी कि मौजूदा कर संरचना में जो भी दिक्कत आ रही है वो जी एस टी के माध्यम से हल की जा सकती है।
जीएसटी के प्रकार Type Of GST
GST चार प्रकार की होती है:-
- CGST (Central Goods and Services Tax)-केंद्र सरकार राज्य के अंतर्गत वस्तु और सेवा कर लगाती है। इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि आम इंसान को किसी वस्तु या सेवा के लिए दो बार टैक्स देना पड़ेगा, बल्कि एक बार दिए हुए जीएसटी को केंद्र और राज्य सरकार आपस में विभाजित कर लेती है। इसमें केंद्र सरकार के हिस्से में आए हुए टैक्स को ही CGST कहते हैं।
- SGST (State goods and services tax)- SGST वो कर हैं जो राज्य सरकार द्वारा राज्य में वस्तु और सेवा के आदान प्रदान पर लगाई जाती है। इसके अंतर्गत पहले के विभिन्न प्रकार के टैक्स जैसे वैट ,इंटरटेनमेंट टैक्स , लक्ज़री टैक्स , ओक्टुरोई , लॉटरी टैक्स और परचेस टैक्स आदि टैक्स आ जाते हैं।
- UGST (Union Territory GST) – SGST जहाँ राज्य में लगाई जाती है वही केंद्र शासित प्रदेशों में लगने वाली GST को UGST कह देते हैं इसका विभाजन ठीक उसी तरह होता है जैसे राज्य और केंद्र के बीच में कर विभाजन।
- IGST (Integrated goods and services tax)- IGST वो टैक्स है जो अंतर राजकीय वस्तु और सेवा के आदान प्रदान पर लगाया जाता है। ये आयात और निर्यात दोनों पे ही लागू होता है। इसके द्वारा आप Input tax credit पर भी दावा कर सकते हैं जिसके तहत व्यापारियों को सप्लाई चेन मे हर स्तर पर बचत का लाभ होता है। इसके अंतर्गत आने वाले करों को केंद्र और राज्य सरकार आपस में बाट लेती है। राज्य के हिस्से में आनेवाला टैक्स उस राज्य को जाता है जहाँ पे इन वस्तुओं और सेवाओं को खपत किया जाता है।
जीएसटी का महत्व Importence of GST
भारत के वित्तीय संरचना में अप्रत्यक्ष कर या इनडायरेक्ट टैक्सेस के सुधार के दृष्टिकोण से GST एक बहुत महत्वपूर्ण और जरूरी कदम साबित हुआ है।
केंद्र और राज्यों के कई भिन्न भिन्न करों को एकत्रित करके एक कर व्यवस्था में सम्मिलित कर के भारत सरकार ने एक बहुत बड़ा कदम उठाया है।
इससे ये उम्मीद रखी जा रही है कि ये दोहरे कर व्यवस्था से राहत दिला के उद्योगपतियों के लिए आसानी कर सकेगा।
सबसे ज्यादा राहत तो आम जनता को हो जाएगी जो किसी भी वस्तु या सेवा के लिए टैक्स के बोझ से बुरी तरह से दब जाते थे।
जीएसटी के लागू होने से एक फायदा ये भी हो जाएगा कि भारत में बने उद्योगों को डोमेस्टिक और इंटरनेशनल मार्केट में प्रतियोगी होने का मौका मिल जाएगा। GST के पारदर्शी चरित्र की वजह से उसको व्यवस्थापित करने में भी ज्यादा आसानी होगी ।
जीएसटी से लाभ Benifit of GST
- जीएसटी ने अपने अंतर्गत सारे ही अप्रत्यक्ष करों को समेट लिया है जिससे सेवा और वस्तुओ पे कर लगाने में आसानी हो गई है।
- एक्सपर्ट्स का ये मानना है, कि GST के लागू होने के साथ साथ वस्तुओं और सेवाओं के दाम लंबे दरों पर कम हो जाएंगे।
- जो कंपनीज 20,00,000 से कम टर्नओवर देती है उन्हें टैक्स देने से मुक्त कर दिया गया है। उत्तर पूर्वी राज्यों में ये लिमिट 10,00,000 की रखी गई है। इससे छोटे उद्योगपतियों को लंबे टैक्सेशन प्रक्रिया से गुज़रने का कष्ट नहीं करना पड़ेगा ।
- GST भ्रष्टाचार और रसीदों के बिना हुई बिक्री को मिटाने के उद्देश्य से लागू की गई है।
- GST कुछ असंगठित सेक्टर्स जैसे कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री मे जवाबदेही और विनियमन स्थापित करने का काम करती है।
जीएसटी से हानि Disadvantage of GST
- जी एस टी को डिसेबिलिटी टैक्स भी कहा गया है क्योंकि ये वीलचेयर, सुनने की मशीन, या ब्रेयल पेपर पर भी टैक्स लगता है।
- जीएसटी के तहत वित्तीय सेक्टर मे ट्रांजेक्शन फीस ज्यादा महंगी हो गई है जोकि 15% से 18% कर दी गई है।
- 2017 जून में रियल एस्टेट मार्केट में रियल एस्टेट के दामों में जीएसटी की वजह से 8% की बढ़ोतरी होने से इसकी मांगों में 12% के गिरावट हो गई थी। हालांकि ऐसा माना जाता है कि ये सिर्फ थोड़े समय के लिए ही है।
- पेट्रोल को जीएसटी के अंतर्गत नहीं सम्मिलित किया गया है जो कि वस्तुओं के एकीकरण के आदर्शों के खिलाफ़ है।
उपसंहार Conclusion
जैसा कि हमने देखा कि जहाँ जीएसटी को लागू करने की वजह से देश की अर्थव्यवस्था में काफी पारदर्शीका आ गई है वही इसके लागू होने से कुछ सेक्टर्स को शुरुआत में कुछ नुकसान का भी सामना करना पड़ा।
और ये सिर्फ भारत की अर्थव्यवस्था के साथ नहीं हुआ बल्कि जिन जिन देशों में जी एस टी लागू हुईं वहाँ पे शुरुआत में अर्थव्यवस्था में थोड़ी दिक्कत का सामना
करना पड़ा लेकिन ऐसा पाया गया है कि कुछ सालों के बाद इसमें स्थिरता आ गई और फिर देश की जीडीपी को बढ़ाने में ये कर व्यवस्था कामयाब हुई है।
दोस्तों आपने इस लेख में जीएसटी किसे कहते हैं जीएसटी पर निबंध (Essay on GST) तथा जीएसटी के बारे में अन्य जानकारी प्राप्त की आशा करता हूँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।
जीएसटी पोर्टल - gst.gov.in
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