केंद्रक की संरचना तथा कार्य Structure of nucleus and function

केंद्रक की संरचना तथा कार्य

केंद्रक की संरचना तथा कार्य Structure of nucleus and function 

हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है इस लेख केंद्रक की संरचना तथा कार्य (Structure of nucleus and function ) मे। दोस्तों इस लेख मे आप केंद्रक किसे कहते है,

केंद्रक की संरचना, केंद्रक की खोज तथा केंद्रक के कार्य न्यूक्लियस की खोज किसने की के बारे में जानेंगे, तो आइए दोस्तों करते हैं आज का यह लेख शुरू केंद्रक की संरचना तथा कार्य:-

कोशिका किसे कहते है प्रकार सिद्धांत

केंद्रक किसे कहते हैं What is nucleus 

न्यूक्लियस क्या होता है- सभी यूकैरियोटिक कोशिकाओं के कोशिका द्रव में एक बड़ी, गोल संरचना पाई जाती है, जिसे केंद्रक कहा जाता है, जिसकी खोज 1831 में रॉबर्ट ब्राउन (Robert Brown) ने की थी।

केंद्रक किसी भी कोशिका का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है, कियोकि यह कोशिका में होने वाली विभिन्न प्रकार की बायोलॉजिकल क्रियाओं (Biological reaction) का नियंत्रण करता है।

इसलिए इसको कोशिका का मैनेजर के नाम से भी जाना जाता है। केंद्रक चारों ओर से एक विशेष प्रकार की दोहरी झिल्ली के द्वारा घिरा हुआ रहता है, जिसे केंद्रक झिल्ली कहते हैं।

इस केंद्रक झिल्ली के द्वारा ही केंद्रक के अंदर केंद्रक द्रव्य कोशिका द्रव्य के बीच पदार्थों का आदान-प्रदान होता है। किंतु कुछ कोशिकाएँ ऐसी भी होती हैं, जिनमें एक से अधिक भी केंद्रक पाए जाते हैं।

केंद्रक के भीतर गाड़ा, चिपचिपा,तरल पदार्थ भरा हुआ होता है जिसे केंद्रक द्रव्य (Nucleoplasm) कहते हैं। इस केंद्रक द्रव्य में महीन धागे जैसी संरचनाएँ पाई जाती हैं जिन्हें क्रोमेटिन जालिका कहा जाता है,

जो डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक अम्ल (DNA) और प्रोटीन से निर्मित होती हैं, जिनमें डीएनए आनुवांशिक लक्षणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ले जाने का कार्य करता है। कोशिका विभाजन के समय

इस क्रोमेटिन जालिका के धागे अलग-अलग होकर छोटी और मोटी संरचना में बदल जाते हैं जिन्हे गुणसूत्र (Chromosome) के नाम से जाना जाता है।

केंद्रक का आकार एवं आकृति Size and shape of nucleus 

कोशिकाओं की आकृति तथा आकार के आधार पर केंद्रक का आकार भी भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है। मूल रूप से केंद्रक अपनी इंटरफेज अवस्था (Interphase) में गहरे रंग की गोल

आकृति के रूप में दिखाई देते हैं। वैसे इनकी आकृति आंतरिक पर्यावरण और इसकी सक्रियता के अनुरूप बदलने लायक होती है। यह मुख्य रूप से गोल, वृत्ताकार, बेलनाकार,प्रिज्माकार और शाखित होते हैं।

केंद्रक की संरचना Structure of nucleus 

केंद्रक की संरचना को हम निम्न प्रकार से मुख्य बिंदुओं के आधार पर समझते हैं:- 

केंद्रक झिल्ली Nuclear Membrane 

केंद्रक के चारों ओर एक दोहरा आवरण पाया जाता है, जिसे केंद्रक झिल्ली तथा इंग्लिश में न्यूक्लियर मेंब्रेन कहा जाता है। यह केंद्रक का सबसे बाहरी आवरण होता है, जो इसे साइटोप्लाज्म से अलग

करने का कार्य करता है। इसकी रचना प्लाज्मा मेंब्रेन के जैसे ही होती है। यह यूनिट मेंब्रेन की तरह होती है, इसकी प्रत्येक पर्त की मोटाई लगभग 90 एंगस्ट्रांग और दोनों स्तरों के बीच में लगभग 100 से 300 एंगस्ट्रांग का खाली स्थान पाया जाता है।

केंद्रक की मेंब्रेन लिपॉप्रोटीन (Lipoprotien) से निर्मित होती है, जिसमें लगभग 400 एंगस्ट्रांग व्यास के कई छेद होते हैं,

जो कोशिका द्रव्य तथा केंद्रक द्रव्य के मध्य पदार्थों के आदान-प्रदान में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का कार्य करते हैं।

केंद्रक द्रव्य Nucleoplasm

केंद्रक के अंदर गाढ़ा,चिपचिपा, तरल पदार्थ भरा होता है, जिसे केंद्रकद्रव्य इंग्लिश में न्यूक्लियोप्लाज्म कहा जाता है। इस न्यूक्लियोप्लाज्म में केंद्रक के अंदर क्रोमेटीन धागों का जाल फैला रहता है,

जो प्रोटीन फास्फेट और न्यूक्लिक अम्ल का मिश्रण होते हैं। इसमें विभिन्न प्रकार के एंजाइम भी पाए जाते हैं, जिनमें राइबोन्यूक्लियेज, क्षारीय फास्फेटेज और डाईपेप्टाइडेज प्रमुख होते हैं।

क्रोमेटिन फाइबर्स Chromatin fibre 

केंद्रक के न्यूक्लियोप्लाज्म में बड़े ही पतले धागों का जाल होता है, इन धागों को क्रोमोनिमेटा (Chromonemata) के नाम से जाना जाता है, जो एक विशेष प्रकार का जाल बनाता है,

इस जाल को क्रोमेटिन नेटवर्क (Chromatin network) कहते हैं। कोशिका विभाजन के समय यही धागे संकुचित होकर परिवर्तित होकर गुणसूत्र (Chromosome) का नाम धारण कर लेते हैं जो मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं

  1. यूक्रोमेटिन (Euchromatin) - यह वे क्रोमेटिन के धागे होते हैं, जो क्षारीय रंजको द्वारा अभिरंजित किए जाते हैं और इनमें डी.एन.ए (DNA) की मात्रा अधिक पाई जाती है, इसलिए आनुवंशिकी की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण होते हैं।
  2. हेटेरो क्रोमेटिन (Hetro Chromatin) - यह अनुवांशिक की दृष्टि से निष्क्रिय होते हैं, किन्तु कोशिका की उपापचय क्रियाओं में और न्यूक्लिक अम्ल के जीव संश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

केंद्रिका Nucleolus 

केंद्रिका को अंग्रेजी में न्यूक्लियोलस (Nucleolus) कहा जाता है, जो केंद्रक में एक छोटी गोल संरचना जैसी दिखाई देती है। सूक्ष्मदर्शी के द्वारा इसका अध्ययन करने पर इसके निम्न प्रकार के चार भाग स्पष्ट दिखाई देते हैं:-

  1. कणिकामय भाग Granular part
  2. तंतुमय भाग Fibrillar part
  3. प्रोटीन या अक्रिस्टलीय भाग Amorphous part 
  4. क्रोमेटिन भाग Chromatin part

केंद्रिका कोशिका विभाजन (Cell Division) में भाग लेती है, तथा कोशिका विभाजन और कोशिका द्रव के मध्य क्रियात्मक संबंध स्थापित करने का कार्य करती है।

यह आरएनए (RNA) के निर्माण और इसको संग्रह करके प्रोटीन संश्लेषण (Protein synthesis) की क्रिया में मुख्य रूप से भाग लेती है तथा अनुवांशिक गुणों को आगामी पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य भी करती है। 

क्रोमोसेंटर Chromocenter 

क्रोमोसेंटर कोशिकाओं की इंटरफेस अवस्था में उत्पन्न कुछ ऐसे स्थान होते हैं, जो गहरे रंग से स्ट्रेन होते हैं, यह वे क्षेत्र होते हैं, जिन्हें हेटेरोक्रोमेटिक के नाम से जाना जाता है। केंद्रक में एक या अधिक क्रोमोसेंटर हो सकते हैं।

केंद्रक के कार्य Function of nucleus 

  1. केंद्रक कोशिकाओं का सबसे इंपोर्टेंट पार्ट (Important part) होता है, जो कोशिका की क्रियाओं का नियंत्रण करने का कार्य करता है। इसके गुण के कारण ही इसे कोशिका का नियंत्रण कक्ष या कंट्रोल रूम (Control room) के नाम से जाना जाता है।
  2. केंद्रक के द्वारा ही कुछ आनुवांशिक लक्षणों को साइटोप्लाज्म ही वंशागत अर्थात पीढ़ी - दर पीढ़ी ले जाता है।
  3. केंद्रक के क्रोमोसोम के डीएनए में आनुवांशिक लक्षणों की रूपरेखा संकेतों के रूप में पाई जाती है, इन संकेतों के आधार पर संदेशवाहक आरएनए (RNA) का संश्लेषण होता है, जिसे प्रोटीन अणुओ का निर्माण होता है। यही प्रोटीन शरीर की संरचना और क्रियाशीलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  4. गुणसूत्रों के रेप्लीकेशन (Replication) से संतति गुणसूत्र बनते हैं, जो कि संतति कोशिकाओं में पहुंचकर नए अणुओ का निर्माण करते हैं इसमें केंद्रक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

दोस्तों इस लेख में आपने केंद्रक की संरचना तथा कार्य (Structure of nucleus and function) के साथ अन्य तथ्यों को जाना। आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।

इसे भी पढ़े:-

  1. प्रोकैरियोटिक तथा युकैरियोटिक कोशिका में अंतर
  2. कोशिका झिल्ली किसे कहते है संरचना तथा कार्य
  3. राइबोसोम क्या है खोज तथा कार्य



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