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Showing posts from March, 2022

मुंशी प्रेमचंद की कहानी बूढ़ी काकी Munshi Premchand Ki Kahani Budhi kaki

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मुंशी प्रेमचंद की कहानी बूढ़ी काकी Munshi Premchand Ki Kahani Budhi kaki हैंलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, आज के हमारे इस लेख मुंशी प्रेमचंद की कहानी बूढ़ी काकी (Munshi Premchand Ki Kahani Budhi kaki) में। दोस्तों आज आप इस लेख के द्वारा मुंशी प्रेमचंद्र जी जिन्हे उपन्यास का सम्राट के नाम से जाना जाता है इसके साथ वे एक प्रसिद्ध कहानीकार भी हैं। उनकी आज एक प्रमुख कहानी बूढ़ी काकी लेकर आज हम यहाँ पर आए हैं, तो आइए दोस्तों पढ़ते हैं, आज का यह लेख मुंशी प्रेमचंद की कहानी बूढ़ी काकी:- सुमित्रानन्दन पंत की कविता हिंदी में मुंशी प्रेमचंद की कहानी बूढ़ी काकी Munshi Premchand Ki Kahani Budhi kaki  मुंशी प्रेमचंद जिनका वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था एक महान कहानीकार और उपन्यासकार थे उन्होंने अपने जीवन में लगभग 300 से अधिक प्रसिद्ध कहानियाँ लिखी है, जिनमें से एक कहानी बूढ़ी काकी है जो माध्यमवर्गीय परिवार से सम्बंधित है। मुंशी प्रेमचंद की कहानी बूढ़ी काकी 1918 में मुंशी प्रेमचंद द्वारा उर्दू भाषा में लिखी गई थी और उर्दू पत्रिका तहज़ीबे निसवाँमें छापी गई इसके बाद इसका हिंदी में अ...

ग्रीन हाउस प्रभाव पर निबंध Essay on Green house effect

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ग्रीन हाउस प्रभाव पर निबंध Essay on Green house effect हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, आज के हमारे इस लेख ग्रीन हाउस प्रभाव पर निबंध (Essay on Green house effect in hindi) में। दोस्तों यह निबंध कक्षा 6 से लेकर बड़ी कक्षाओं तक पूछा जाता है, इसलिए यहां पर ग्रीन हाउस प्रभाव पर निबंध सरल भाषा में प्रमुख हेडिंग्स के साथ प्रस्तुत किया गया है। यहाँ से आप ग्रीन हाउस प्रभाव पर निबंध लिखने का आइडिया ले सकते हैं, तो आइए दोस्तों करते हैं, शुरू ग्रीन हाउस प्रभाव पर निबंध:- ध्वनि प्रदूषण पर निबंध ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है what is green house effect  वायुमंडल विभिन्न प्रकार की गैसों का मिश्रण है, जिसमें 78% नाइट्रोजन 21% ऑक्सीजन 0.93% अक्रिय आर्गन गैस 0.032% कार्बन डाइऑक्साइड के साथ ही जलवाष्प तथा धूल के कण पाए जाते हैं, किंतु इन सभी गैसों में एक कार्बन डाइऑक्साइड गैस का गुण इस प्रकार से होता है कि वह सूरज से आने वाली विकिरण में उपस्थित लघु तरंगधैर्य के लिए तो पारगम्य होती है, किंतु दीर्घ तरंगधैर्य वाली विकिरण जो तापयुक्त होते हैं, को परावर्तित कर देती है। इसीकारण से सूरज से निकलन...

शनि ग्रह का फल Shani grah ka fal

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शनि ग्रह का फल Shani grah ka fal  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख  शनि ग्रह का फल  (Shani grah ka fal) में। दोस्तों इस लेख के माध्यम से आप शनि ग्रह का फल के अंतर्गत शनि ग्रह से संबधित व्यवसाय आदि भी जान पायेंगे। तो आइये दोस्तों करते है, शुरू शनि ग्रह का फल:- शनि ग्रह का फल Shani grah ka fal  शनि ग्रह का फल जातक की कुंडली में शनि ग्रह का भाव तथा स्थिति के आधार पर बताया जाता है, कि शनि ग्रह का फल आप पर अमुक व्यक्ति पर किस प्रकार से पड़ेगा। शनि ग्रह का फल अशुभ पड़ेगा या शनि ग्रह का फल शुभ पड़ेगा। शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है, जबकि उन्हें मेहनत करने वाले लोग अधिक पसंद होते हैं, किंतु व्यक्ति की कुंडली में शनि का भाव देखने पर जो व्यवसाय किए जाते हैं, उनका लाभ अधिक लाभप्रद होता है, अगर व्यक्ति का शनि अधिक मजबूत है, तो वह विभिन्न प्रकार के बड़े व्यवसायों में हाथ डाल सकता है और अच्छी सफलता प्राप्त कर सकता है, किंतु यदि शनि देव नीच भाव में होता है, तो कई बड़े-बड़े कार्यों में उसे घाटा हो जाता है, ऐसी स्थिति में व्यक्ति को अशुभ फल की प्राप्ति ह...

मंगल ग्रह का प्रभाव और उपाय Mangal Grah ka Prabhav Or Upay

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मंगल ग्रह का प्रभाव और उपाय Mangal Grah ka Prabhav Or Upay हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख मंगल ग्रह का प्रभाव और उपाय (Mangal Grah ka Prabhav or Upay) में। दोस्तों इस लेख के माध्यम से आप मंगल ग्रह का स्वामी कौन है? मंगल ग्रह का वैदिक मन्त्र, मंगल ग्रह का जाप मन्त्र, मंगल ग्रह का बीज मन्त्र के साथ ही मंगल ग्रह का प्रभाव और उपाय के बारे में जान पायेंगे:- मंगल ग्रह का स्वामी कौन है Mangal Grah Ka Swami kon Hai   ज्योतिष में मंगल ग्रह को लाल ग्रह अंगारक ग्रह तथा युद्ध का नियामक देवता माना जाता है, जिन्हे आठ ग्रहों में से एक प्रतिष्ठित ग्रह का स्थान प्राप्त है। मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक राशि वालों का स्वामी होता है, किंतु एक अशुभ ग्रह के नाम से भी जाना जाता है। मंगल ग्रह का स्वामी मंगल देव हैं और मंगल देव को माता भगवती पृथ्वी का पुत्र तथा भगवान शिव शंकर का आशीर्वाद माना जाता है, जिनकी उत्पत्ति की दो कथाएँ पौराणिक धर्म ग्रंथों में अधिक प्रचलित हैं। मंगल देव का वाहन भेड़ है तथा इनके हाथों में त्रिशूल गदा भाला और पदम सुशोभित होते है।  मंगल ग्रह का प्रभाव और उप...

मंगल ग्रह की पत्नी का नाम Mangal grah ki Patni ka Naam

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मंगल ग्रह की पत्नी का नाम Mangal grah ki Patni ka Naam  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख  मंगल ग्रह की पत्नी का नाम  (Mangal grah ki Patni ka Naam) में। दोस्तों इस लेख के माध्यम से आप मंगल ग्रह की पत्नी का नाम, मंगल ग्रह के जन्म की कथा, मंगल ग्रह की उत्पति की कथा पड़ेंगे। तो आइये दोस्तों करते है, शुरू आज का यह लेख मंगल ग्रह की पत्नी का नाम:-  मंगल ग्रह की जानकारी हिंदी में मंगल ग्रह की पत्नी का नाम Mangal grah ki patni ka Naam  मंगल ग्रह को अशुभ और बुरा ग्रह माना जाता है, जो कई गुणों के कारक होते है। हिन्दू पौराणिक मान्यताओं तथा महाभारत के उल्लेख के अनुसार यह बताया  जाता है, कि मंगल ग्रह की पत्नी का नाम मेघा (Megha) है, किंतु कुछ धर्म ग्रंथों में मंगल ग्रह की पत्नी ज्वालिनी देवी (Jvalini Devi) को माना जाता है। मंगल ग्रह के जन्म की कथा Mangal Grah ki Janm Katha  मंगल ग्रह हमारे सौरमंडल का ही एक ग्रह है, जो सूर्य से बढ़ती दूरी के क्रम में चौथे स्थान पर आता है। इसकी सतह पर आयरन ऑक्साइड की मात्रा अधिक होने के कारण यह लाल रंग का दिखा...

सुमित्रानंदन पंत की कविता हिंदी में Sumitranandan pant poem in hindi

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सुमित्रानंदन पंत की कविता हिंदी में Sumitranandan pant poem in hindi   हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत- बहुत स्वागत है, इस लेख सुमित्रानंदन पंत की कविता हिंदी में (Sumitranandan pant poem in hindi) दोस्तों आज  आप इस लेख के माध्यम से प्रकृति के सुकुमार कहे जाने वाले कवि सुमित्रानंदन पंत की कविता भावार्थ सहित पड़ेंगे। तो आइये दोस्तों करते है, यह लेख शुरू सुमित्रानंदन पंत की कविता हिंदी में:- इसे भी पढ़े:-  मुंशी प्रेमचंद की कहानी परीक्षा Munshi Premchandra ki kahani Pareeksha सुमित्रानंदन पंत की कविता पतझड़ Sumitranandan pant poem in hindi कविता झरो, झरो, झरो  झरो, झरो, झरो, जंगम जग प्रांगण में, जीवन संघर्षण में नव युग परिवर्तन में मन के पीले पत्तो! झरो, झरो, झरो, सन सन शिशिर समीरण देता क्रांति निमंत्रण! यह जीवन विस्मृति क्षण, जीर्ण जगत के पत्तो! टरो, टरो, टरो! कँप कर, उड़ कर, गिर गर, दब कर, पिस कर, चर मर, मिट्टी में मिल निर्भर, अमर बीज के पत्तो! मरो! मरो! मरो! तुम पतझर, तुम मधु--जय! पीले दल, नव किसलय, तुम्हीं सृजन, वर्धन, लय, आवागमनी पत्तो! सरो, सरो, सरो! जाने से लगता भय...

राजा सगर की कहानी Raja Sagar ki Kahani

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राजा सगर की कहानी Raja Sagar ki Kahani  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है आज के हमारे इस लेख  राजा सगर की कहानी  (Raja Sagar ki Kahani) में दोस्तों इस लेख के माध्यम से आज आप इक्ष्वाकु वंश के प्रसिद्ध और पराक्रमी राजा सगर के बारे में जानेंगे, कि राजा सागर कौन थे? राजा सगर के पिता कौन थे? राजा सगर की पत्नी का क्या नाम था? तो दोस्तों आइए बढ़ते हैं आज के इस लेख राजा सगर की कहानी:- हनुमान जी का जन्म कैसे हुआ जानिए कथा राजा सगर कौन थे Who was king Sagar  राजा सगर इक्ष्वाकु वंश के महान प्रतापी और प्रजावत्सल राजा थे। उनके राज्य में प्रजा चहूँ और से सुखी थी, किन्तु उन्हें अक्सर अपने पुत्रों की चिंता सताया करती थी। कियोकि उनके साठ हजार एक पुत्र थे, जो दुराचारी और क्रूर प्रवृति के थे तथा हमेशा ही लोगों, ऋषि मुनियों को सताया करते थे।  राजा सगर के पिता कौन थे Who was father of King Sagar  राजा सगर के पिता का नाम असित था, जो इक्ष्वाकु वंश के कुलदीपक तथा अयोध्या के महाराज थे। उनके राज्य में चारों तरफ प्रसन्नता, संपन्नता और खुशहाली थी। वे अपनी प्रजा को अपने...