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Showing posts from May, 2022

राजा पुष्यमित्र शुंग का इतिहास History of king Pushyamitra shung

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राजा पुष्यमित्र शुंग का इतिहास History of king Pushyamitra shung  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख राजा पुष्यमित्र शुंग का इतिहास (History of king Pushyamitra shung) में। दोस्तों इस लेख में आप राजा पुष्यमित्र शुंग का इतिहास जैसे की पुष्यमित्र शुंग कौन था? पुष्यमित्र शुंग का राज्याभिषेक, पुष्यमित्र शुंग की उपलब्धियाँ, पुष्यमित्र शुंग के उत्तराधिकारी तथा महत्व जानेंगे। तो आइये दोस्तों करते है, शुरू यह लेख राजा पुष्यमित्र शुंग का इतिहास:- पुष्यमित्र शुंग कौन था who was pushyamitra shung  पुष्यमित्र शुंग हिन्दु धर्म का महान तथा वीर राजा था, जिसने भारत भूमि को बाहरी शक्तियों से बचाने के लिए अंतिम मुगल सम्राट बृहदृथ की हत्या करके स्वयं राज्य को बाहरी आक्रमण कर्ताओं से बचाया। पुष्यमित्र शुंग अंतिम सम्राट बृहदृथ का सेनापति था, जिसकी 184 ईसवी में पुष्यमित्र शुंग ने हत्या कर दी और मगध का शासक बन गया। इतिहासकारों के द्वारा बताया जाता है, कि बृहदृथ एक दुर्बल शासक था वह अपनी प्रजा की रक्षा ठीक प्रकार से नहीं कर पाता था, इसलिए उसके सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने अपनी सेन...

वाराणसी पर निबंध Essay on Varansi in hindi

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वाराणसी पर निबंध Essay on Varansi  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख वाराणसी पर निबंध (Essay on Varansi) में। दोस्तों इस लेख के माध्यम से आप वाराणसी कहाँ है? वाराणसी का इतिहास, सांस्कृतिक इतिहास के साथ प्रशासनिक व्यवस्था, वाराणसी के मंदिर, वाराणसी के घाटों के साथ आवागमन के साथ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य जान पायेंगे। तो आइये शुरू करते है, यह लेख वाराणसी शहर पर निबंध:- शिव जी के बारह ज्योतिर्लिंग नाम और स्थान परिचय वाराणसी कहाँ है Introduction   वाराणसी भारत देश के सबसे प्रमुख प्रदेश उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर है, जो सबसे पवित्र नदी गंगा के किनारे पर स्थित है। वाराणसी को पंडितों की नगरी घाटों की नगरी मंदिरों की नगरी आदि उपनाम से जाना जाता है। काशी महाजनपद के नाम से इसका उल्लेख कई पुराणों साहित अथर्ववेद में भी किया गया है। प्राचीन भारत में देश विदेश से अधिकांश पंडित शास्त्री यहाँ शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते थे, इसलिए तब से लेकर आज तक यह जुमला प्रसिद्ध है, कि पंडित वही माना जाता है जो काशी पढ़ के आता है। महाभारत के अनुसार काशी की स्थापना राजा देवदास ने की थी।...

पोषण पर निबंध हिंदी में Poshan par nibandh

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पोषण पर निबंध हिंदी में Poshan par nibandh   हैलो दोस्तों आपका इस लेख पोषण पर निबंध हिंदी में (Poshan par nibandh) में बहुत - बहुत स्वागत है। दोस्तों इस लेख में आप पोषण किसे कहते है, पोषण के प्रकार तथा पोषक तत्वों के बारे में पढ़ेंगे। यहाँ से आप पोषण का महत्व पर निबंध, पोषण आहार पर निबंध लिखने का आईडिया भी ले सकते है। तो दोस्तों आइये शुरू करते है, यह लेख पोषण पर निबंध:- इसे भी पढ़े:-   थकान और कमजोरी के लक्षण  पोषण किसे कहते हैं what is nutrition  समस्त प्रकार के जीवधारी विभिन्न प्रकार के कार्य करते हैं, और उन कार्यों को करने के लिए उन्हें ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसलिए वह अपने बाहय वातावरण से विभिन्न प्रकार के भोज्य पदार्थों को एकठ्ठा करके खाते है जिनसे उन्हें ऊर्जा मिलती है और वे कार्य करते है। इस क्रिया विधि को ही पोषण (Nutrition) कहा जाता है। साधारण शब्दों में कह सकते हैं, कि पोषण एक प्रकार की वह जैव रासायनिक क्रिया है, जिसके अंतर्गत समस्त प्रकार के जीव जंतु अपने बाहय वातावरण (External Environment) से भोज्य पदार्थों को इकट्ठा करके ग्रहण करते हैं। तथा इन से मुक्...

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 पर निबंध Essay on National Education Policy 1986

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 पर निबंध Essay on National Education Policy 1986  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, आज के हमारे इस लेख राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 पर निबंध (Essay on National Education Policy 1986) में। दोस्तों इस लेख के माध्यम से आज आप राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 क्या है? राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के उद्देश्य के साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 की विशेषताएँ तथा दोषों के बारे में जानेंगे, तो आइए दोस्तों करते है शुरू और पड़ते है, आज का यह लेख राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 पर निबंध:- मेरे स्कूल पर निबंध राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 क्या है what is National Education Policy 1986   जब भारत आजाद हुआ था तो आजादी के बाद से ही शिक्षा को प्रभावी और कारगर बनाने के लिए उस पर चारों ओर से विशेष बल दिया जाने लगा कियोकि आजादी के बाद से ही समाज में शिक्षा की व्यवस्था की तेज आवाजें उठने लगी, इसलिए शिक्षा से संबंधित विभिन्न प्रकार की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए तत्कालीन सरकार द्वारा विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग 1948 माध्यमिक शिक्षा आयोग 1952 शिक्षा आयोग 1964 की स्थापना की ग...

उत्तर प्रदेश पर निबंध Uttar Pradesh par nibandh

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उत्तर प्रदेश पर निबंध Uttar Pradesh par nibandh हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख उत्तर प्रदेश पर निबंध (Uttar Pradesh par nibandh) में। दोस्तों इस लेख के माध्यम से आप उत्तरप्रदेश के बारे में सामान्य जानकारी प्राप्त कर पायेंगे। तो आइये शुरू करते है यह लेख उत्तर प्रदेश पर निबंध:- जीएसटी पर निबंध उत्तर प्रदेश का परिचय तथा गठन Introduction and Estabilishment उत्तर प्रदेश भारत का एक ऐसा राज्य है, जो अपनी भौगोलिक, सांस्कृतिक तथा राजनीतिक स्थिति के कारण हमेशा ही संपूर्ण भारत तो क्या विश्व में भी चर्चित में रहता है, क्योंकि भारतवर्ष की भूमि उत्तर प्रदेश सांस्कृतिक तथा भौगोलिक संपन्न स्थिति है। ऐसे प्रदेश उत्तर प्रदेश को वैदिक काल में ब्रम्हार्षी तथा मध्य देश नाम से जाना जाता था। 1877 में इसे उत्तर पश्चिमी प्रदेश तथा आगरा के नाम से जाना जाने लगा और फिर 1902 में इसे अवध संयुक्त प्रांत के नाम से पुकारा जाने लगा। 1935 में उत्तर प्रदेश का नाम संयुक्त प्रांत पड़ गया और 12 जनवरी 1950 से इसे उत्तर प्रदेश के नाम से संबोधित किया जाने लगा, किंतु उत्तर प्रदेश के राजनीतिक स्वरूप का न...

बुद्ध पूर्णिमा पर निबंध Essay on Buddha Purnima

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बुद्ध पूर्णिमा पर निबंध Essay on Buddha Purnima  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, आज के हमारे इस लेख बुद्ध पूर्णिमा पर निबंध (Essay on Buddha Purnima) में। दोस्तों इस लेख के माध्यम से आज आप बुद्ध पूर्णिमा के बारे में जानेंगे, कि बुद्ध पूर्णिमा क्या है? बुद्ध पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है? बुद्ध पूर्णिमा कब मनाई जाती है और बुद्ध पूर्णिमा का महत्व तथा संबंध क्या है, तो आइए दोस्तों करते हैं, आज का यह लेख शुरू बुद्ध पूर्णिमा पर निबंध:- महर्षि बाल्मीकि का इतिहास बुद्ध पूर्णिमा क्या है What is Buddha Purnima   संसार में ऐसे कई महापुरुष जन्मे हैं, जिन्होंने मानव जाति के कल्याण और उद्धार के लिए अपना सर्वस्व दान कर दिया है, उन्होंने लगातार कष्टों में रहकर मानव जाति के उद्धार और कल्याण के लिए अनेक प्रकार के मार्ग खोजने की कोशिश की है। ऐसे महान पुरुषों में से एक भारत वर्ष के महापुरुष है 'महात्मा बुद्ध' महात्मा बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक तथा प्रतिपादक माने जाते हैं, जिन्होंने मनुष्य को कल्याण मार्ग सत मार्ग पर चलने के लिए बौद्ध धर्म की स्थापना की। ऐसे महान पुरुष महात्मा बुद...

तुलसी जी के 108 नाम 108 Names of Tulsi ji

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तुलसी जी के 108 नाम 108 Names of Tulsi ji   हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख तुलसी जी के 108 नाम (108 Names of Tulsi ji) में। दोस्तों इस लेख में आप माता तुलसी जी की महिमा उनके 108 नाम के साथ माता तुलसी कौन है, तुलसी नाम का अर्थ जानेंगे। तो आइये करते है, शुरू यह लेख तुलसी जी के 108 नाम:- इसे भी पढ़ो: -  भगवान शिव जी के 108 नाम 108 Names of lord Shiva माता तुलसी कौन है Who was Mata Tulsi  तुलसी जिसे आजकल लोग पौधा और तुलसी माता के रूप में जानते है दरअसल वह पूर्व जन्म मे एक लड़की थी, जो राक्षस कुल में जन्मी और उनका नाम वृंदा था। वे भगवान विष्णु की बड़ी भक्त थी, किन्तु उनका विवाह राक्षस कुल में ही दानव राज जलंधर से संपन्न हुआ। राक्षस जलंधर बहुत शक्तिशाली और समुद्र से उत्पन्न हुआ था, उसकी पत्नी वृंदा बड़ी ही पतिव्रता स्त्री थी, और हमेशा अपने पति की सेवा किया करती थी। एक समय जब देवताओ और दानवों में युद्ध आरम्भ हुआ जब जलंधर भी युद्ध पर जाने लगे तो वृंदा ने कहा.. स्वामी आप युद्ध पर जा रहे हैं, आप जब तक युद्ध में रहेंगे, मैं पूजा में बैठकर आपकी जीत के लिए अनुष्...