किसी यात्रा का वर्णन निबंध Kisi yatra ka varnan nibandh

किसी यात्रा का वर्णन निबंध Kisi yatra ka varnan nibandh 

हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख किसी यात्रा का वर्णन निबंध (Kisi yatra ka varnan nibandh) में।

दोस्तों यहाँ पर आप किसी यात्रा का वर्णन निबंध में आप प्रमुख हैडिंग्स के साथ ही इस निबंध को पड़ेंगे। यह निबंध कक्षा 5 से 12 वीं तक पूँछा जाता है, इसलिए आप यहाँ से किसी यात्रा का वर्णन निबंध पर निबंध लिखने का आईडिया लें सकते है:-


इसे भी पढ़े:- वाराणसी पर निबंध Essay on varansi in hindi


किसी यात्रा का वर्णन निबंध


प्रस्तावना Preface 

यात्रा करना (Trevelling) हमारे जीवन का सबसे अभिन्न अंग है, क्योंकि हम किसी न किसी रूप में किसी कार्य कारण मनोरंजनवश यात्राएँ अवश्य करते हैं। हम एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं

तो उसको ही यात्रा कहा जाता है और यह यात्रा हम अपने निज निवास से किसी दूसरे के निज निवास पर जाने के लिए भी करते हैं, या फिर किसी अन्य स्थान पर जिसमें दूरी कम और अधिक भी हो सकती है,

कुछ यात्राएँ हम किसी कार्य बस करते हैं तो कुछ यात्राएं हम धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने के लिए करते हैं तो कुछ यात्राएँ सांस्कृतिक कार्यक्रम (Cultural Programm) में भाग लेने के लिए करते हैं, लेकिन कुछ यात्रा ऐसी भी होती हैं,

जो मनोरंजन के लिए की जाती हैं और इस प्रकार की यात्राऐं प्रमुख रूप से परीक्षाएँ समाप्त हो जाने के बाद गर्मियों में ही अधिक की जाती हैं।

गर्मियों में गर्मियों की छुट्टी बिताने के लिए मनोरंजन के लिए बहुत से लोग पहाड़ी हिल स्टेशन (Hill Station) पर किसी धार्मिक पवित्र स्थान पर तथा सांस्कृतिक स्थानों पर घूमने के लिए और उन स्थानों के बारे में जानने के लिए जाते हैं,

जिससे उन्हें मानसिक शांति तो प्राप्त होती है साथ में विभिन्न प्रकार की रोचक जानकारियों को जानकर आनंदित और अचंभित भी होते हैं।

लोग देश विदेश की भी यात्राएँ करते है, जिससे वे उस देश के कल्चर, धर्म रहन सहन तथा ऐतिहासिक (Historical) जानकारी प्राप्त करते है। यहाँ पर धार्मिक यात्रा का वर्णन किया जा रहा है।


किसी यात्रा का वर्णन निबंध



यात्रा की तैयारियाँ Preparations for travel 

विद्यालय की वार्षिक परीक्षाएँ समाप्त हो चुकी थी। इसीलिए गर्मियों की छुट्टियाँ भी जारी हो गई थी, अतः हमारे परिवार वालों ने हरिद्वार (Haridwar) जाने का मन बनाया, कियोकि हरिद्वार एक पर्वतीय और एक धार्मिक स्थान (Religious Place) है।

मेरे पिता एक सरकारी स्कूल में टीचर हैं और मेरी माता भी सरकारी स्कूल में ही टीचर है, इसीलिए उनकी भी गर्मियों की छुट्टियाँ हो गई थी।

मैनें और मेरे छोटे भाई ने अपना-अपना सामान पैक किया जिसमें अपनी-अपनी जरूरत की चीजें कुछ रोचक किताबें टोर्च ड्राई फूड्स आदि पैकिंग कर ली।

वहीं मॉम ने भी अपना सामान पैक कर लिया और हम 14 मई को बस स्टैंड के लिए सुबह ही रवाना हो गए हमारे यहां से हरिद्वार मात्र 74 किलोमीटर दूर है, जहाँ पर बस के द्वारा जाना पड़ता है।


बस स्टैंड का वर्णन Description of Bus Stand

हम अपने घर से बस स्टैंड के लिए रिक्शा पर सवार होकर निकले और रिक्शा ने हमें 7:40 पर बस स्टैंड छोड़ दिया। बस स्टैंड पर चारों तरफ भीड थी।

सुबह का टाइम था तो कई पैसेजर बैठकर अखबार पढ़ रहे थे, कई बसें आ रही थी और कई बसें जा रही थी। पैसेंजर बस में चढ़ रहे थे तो कुछ अपने घर की तरफ जा रहे थे। बस स्टैंड के बाहर कई ऑटो और रिक्शा खड़े हो हुए थे, जो अपनी अपनी सवारियों को लेकर जा रहे थे,

तो कई सवारियों की प्रतीक्षा कर रहें थे। बुक स्टॉल पर भी भीड़ लगी थी कोई नई बुक खरीद रहा था तो कोई अखबार खरीद रहा था।

बस स्टेण्ड पर कहीं लोग चाय नाश्ता कर रहें थे तो कहीं अनाथ बच्चें भीख मांगते फिर रहे थे। बस स्टैंड पर हर जगह यात्री ही यात्री दिखाई दे रहे थे। उनकी आवाज कानों में गूंज रही थी।

हम सभी लोग बस स्टैंड में पूछताछ केंद्र की ओर बढ़े और वहाँ पर पता चला कि 7:50 हरिद्वार के लिए बस का समय है। इसलिए हम जल्दी से टिकट खिड़की पर आए और वहाँ से चार टिकट ले लिए और जल्दी से बस में चढ़ गए और बस अपने निर्धारित समय 7:50 पर हरिद्वार के लिए चल दी।


हरिद्वार के बीच के मार्ग का वर्णन The description of Route between Haridwar

हमारे गांव के बस स्टैंड से हरिद्वार मात्र 70 किलोमीटर दूर है, जिसकी यात्रा में बस के द्वारा लगभग 2 घंटे का समय लगता है। इस दो घंटे में हमने यात्रा का काफी एंजॉय किया रास्ते में कई छोटे-मोटे बस स्टैंड भी मिले

जहाँ पर हमारी बस रुकी और यात्रियों को उतारा और कुछ यात्रियों को बस में चढ़ाया गया। यात्रा के दौरान हमें छोटे-छोटे गांव भी मिले, जहाँ पर बच्चे खेलते हुए नजर आ रहे थे, तो बड़े लोग काम कर रहे थे।

हरे भरे खेतों में लोग काम करते हुए नजर आ रहे थे। छोटे बड़े नदी नाले भी यात्रा के बीच में मिले तो कहीं पर तेज दौड़ती हुई ट्रेन भी दिखाई दी।

हम यात्रा के दौरान पहले ही घर से मूंगफली लेकर आए थे, इसलिए मूंगफली का आनंद लेते हुए हम हरिद्वार तक जाने के मार्ग का यात्रा का आनंद लेते रहे और 10:15 पर हम हरिद्वार के बस स्टैंड पर पहुंच गए।


हरिद्वार का वर्णन Description of haridwar 

हरिद्वार एक पवित्र धार्मिक नगरी (Holy city) है, जिसका उल्लेख पौराणिक धर्म ग्रंथों में भी मिलता है। हरिद्वार बस स्टैंड पर जैसे ही हम उतरे तो चारों तरफ देखा की भीड़ ही भीड़ थी।

बड़ी मुश्किल में हम सभी अपना सामान उठाकर बस स्टैंड के मुख्य द्वार से बाहर आए और रिक्शा लेकर किसी धर्मशाला मैं ठहरने के लिए चल दिए।

हरिद्वार में धर्मशाला में ठहरने पर कम खर्चा का सामना करना पड़ता है, इसीलिए हमने हरिद्वार की सबसे पवित्र और साफ-सुथरी धर्मशाला हरिद्वार धर्मशाला में शरण ली। इसके बाद हम शाम को हर की पौड़ी गए जहाँ पर शाम की आरती का समय भी हो गया था।

आरती के समय पर उस समय बड़ी संख्या में भीड़ देखने को मिली गंगा जी के तट पर बहुत से लोग गंगा जी के जल में दिया भी जला कर रख रहे थे और यह जलते हुए दिये गंगा जी के पानी में तैरते हुए दूर-दूर तक जा रहे थे, ऐसा प्रतीत होता था,

कि जैसे गंगा जी में दिवाली आ गई हो। इसके बाद दूसरे दिन हमने हरिद्वार में ऋषिकेश घूमने का मन बनाया जहां पर लक्ष्मण झूला, राम झूला पुल, गीता भवन आदि देखकर हम बहुत ही आनंदित हो गए।

इसके बाद हम प्रजापति कनखल गए, जहाँ पर शिवजी महाराज की भव्य मूर्ति देखी और वहाँ के शांतिपूर्ण और निर्मल वातावरण का आनंद उठाया। इसके तीसरे दिन हम मनसा देवी मंदिर गए वहाँ पर हमने माता मनसा देवी के दर्शन किए और वहां के निर्मल वातावरण में अपने मन को शांति प्रदान की।

वहां के निर्मल शांति हरियाली युक्त वातावरण ने हमारा मन मोह लिया, ऐसा वातावरण प्राप्त करके हम बहुत ही आनंदित और लाभान्वित हुए। इसके बाद हम हरिद्वार वापस लौट आए और चौथे दिन अपने घर आ गए।


उपसंहार Conclusion 

यात्रा के दौरान हमने कई मनोरंजन स्थान देखे तो कई धार्मिक स्थलों के दर्शन किये। प्रकृति की अनुपम सौंदर्यता का भी लाभ हमने इस यात्रा के दौरान उठाया, जिससे हमारे मन और शरीर को शांति प्रदान हुई। हमने इस यात्रा के दौरान बहुत ही मनोरंजन भी किया तथा बहुत सी नई बातें नई ज्ञान की बातें विज्ञान की बातें आदि को सीखने को मिले।

दोस्तों आपने यहाँ किसी यात्रा का वर्णन निबंध (Kisi yatra ka varnan nibandh) पढ़ा। आशा करता हूँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।

इसे भी पढ़े:-

  1. गंगा नदी पर निबंध Essay on River Ganga
  2. सिंधु नदी पर निबंध Essay on sindhu river
  3. ताजमहल पर निबंध Essay on Tajmahal


Comments

Popular posts from this blog

मानसिक स्वास्थ्य पर निबंध Essay on mental health

चीता पर निबंध Cheetah Par Nibandh

मुंशी प्रेमचंद्र की कहानियाँ Munshi Prechand ki Kahaniyan