Essay on inflation in hindi | महँगाई पर निबंध समस्या और समाधान




महँगाई पर निबंध Essay on inflation in hindi 

हैलो दोस्तों इस लेख कमरतोड़ महँगाई पर निबंध (Essay on inflation) में आपका बहुत-बहुत स्वागत है। आप इस लेख में महंगाई पर निबंध में महँगाई की समस्या, महँगाई के कारण तथा महँगाई के समाधान के बारे में जानेंगे।

यह निबंध कक्षा 1 से कक्षा 12 वीं तथा उच्च कक्षाओं में पूँछा जाता है आप यहाँ से कमरतोड़ मंहगाई पर निबंध लिखने का आईडिया भी ले सकते है। तो आइये दोस्तों पड़ते है यह निबंध मंहगाई पर निबंध:-

मंहगाई पर निबंध 200 शब्दों में Essay on problem of inflation

मंहगाई विकासशील और पॉपुलस कंट्री (Populous Country) की सबसे बड़ी समस्या है, जिसमें खपत अधिक और उपज कम होती है और यह महंगाई कई कारणों के द्वारा उत्पन्न होती है

जैसे अधिक जनसंख्या, उपज कम, उपज के लिए भूमि की कम उपलब्धता, जमाखोरी आदि, जिस कारण किसी वस्तु की माँग बड़ जाती है और उसकी मात्रा कम होने पर उसकी कीमत बड़ जाती है।

मंहगाई का अधिक प्रभाव गरीब लोगों (Poor) पर होता है, कियोकि उनकी आमदनी इतनी नहीं होती की वह अपनी जरूरतों को पूरा कर सके।

जिस कारण कई अन्य सामाजिक समस्याएँ जैसे लूटपाट, चोरी, कालाबाजारी, मिलावटखोरी, भ्रस्टाचार उत्पन्न होने लगती है, जिससे समाज और राष्ट्र दूषित हो जाते है। मंहगाई जैसी समस्याओ से निपटने के लिए

सरकार को अधिक आबादी वाले देशों में परिवार नियोजन (Family Planning) शिक्षा (Education) तथा खाद्य उत्पादन पर प्रमुख रूप से ध्यान देना चाहिए, जिससे इस समस्या (Problem) पर लगाम लगाया जा सके।

महँगाई पर निबंध

महँगाई पर निबंध Essay on inflation in hindi 

यहाँ पर मंहगाई पर निबंध (Essay on inflation) सरल भाषा में समझाया गया है, जो सभी परीक्षाओं में पूंछा जाता है। यहाँ से आप कमरतोड़ मंहगाई पर निबंध, मंहगाई पर निबंध समस्या और समाधान आदि पर निबंध लिखने का आईडिया भी ले सकते है।

प्रस्तावना Introduction

महँगाई एक आर्थिक समस्या (Economical Issue) है, जो किसी भी देश में होती रहती है चाहे वह देश धनवान हो, प्रगतिशील हो या फिर निर्धन ही क्यों ना हो हर जगह महँगाई देखने को मिलती है, लेकिन यह भी बात सही है,

कि महँगाई धीमी गति से बढ़ती है। बहुत से ऐसे देश है जो महँगाई जैसी समस्या से जूझ रहे हैं उन देशों में से एक देश भारत (India) भी है, जो महँगाई जैसी विकराल समस्या से जूझ रहा है।

क्योंकि यहाँ पर मूल्य बृद्धि दिन दूनी रात चौगुनी होती जा रही है, जिससे मध्यम और निम्न परिवार के लोग तो ऐसे त्रस्त हो गए हैं, कि उनके लिए गुजारा करना भी बड़ा मुश्किल हो गया है।

दाल, चावल, शक्कर इन सभी के भाव आसमान को छू रहे हैं इसकारण लोग अपने परिवार की समस्याएँ तथा उनकी जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं।

मंहगाई की समस्या Problem of inflation 

महँगाई एक समस्या बन गई है, जो न केवल एक देश में बल्कि कई देशों में दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। महंगाई की समस्या आज एक विकराल रूप धारण किए हो हुए गरीब और निम्न परिवार के लोगों के लिए अत्यंत कष्टदायक समस्या हो रही है

जो बड़े किसान (Farmer) हैं वह तो संपन्न है तथा कुछ बिजनेसमेन और नौकरीपेशा लोग तो इस समस्या से निजात पा लेते हैं, लेकिन निम्न वर्ग के लोग मजदूर लोग इस समस्या से ऊब गए हैं तथा अपना जीवन यापन बड़ी मुश्किल से कर पा रहे हैं।

महँगाई के कारण Cause Of Inflation 

भारत में महँगाई के कारण बहुत हैं जिनमें से प्रमुख कारण है जनसंख्या विस्फोट (Population Explosion) जनसंख्या वृद्धि तथा उपभोक्ता वस्तुओं की कमी आज भारत जैसे देश में जनसंख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

हमारे देश की जनसंख्या 2005 में लगभग एक अरब थी किंतु आप यह 2020 में 1 अरब 30 करोड़ के आसपास हो गई है जबकि संसाधन सीमित ही संख्या में उपलब्ध है, जिससे मूल बृद्धि लगातार बढ़ती जा रही है।

दूसरी तरफ कर्मचारियों का वेतन और महंगाई भत्ता बढ़ जाता है, तो शासन का बजट घाटे में हो जाता है। बड़े व्यापारियों और उद्योगपति भी इसके लिए जिम्मेदार हैं क्योंकि उनके पास बहुत सा धन होता है।

तथा कई शासन के अधिकारी भी घूस लेते हैं अनावश्यक माध्यम से धन इकट्ठा करते हैं और ऐसे लोग अनाप-शनाप रुपया पैसा खर्च करके आम वस्तुओं की कीमत बढ़ा देते हैं जिससे मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग के लोग ग्रसित हो रहे हैं।

जिसके परिणाम स्वरूप मध्यम और निम्न वर्ग के लोग महंगाई भत्ते की मांग करते हैं वेतन बढ़ाने की मांग करते हैं तथा विभिन्न प्रकार के उग्रवादी संगठनों के साथ जुड़कर अपनी मांगें पूरी करवाने के तौर तरीके

अपनाते हैं, जिससे हमारी शासन व्यवस्था भी कमजोर पड़ने लगती है, कई शासन तंत्र ठप हो जाते हैं, काम रुक जाता है इस प्रकार चक्कर चलता ही रहता है और महँगाई का अंत नहीं होता।

महँगाई के दुष्परिणाम Bad result of inflation 

लगातार महँगाई बढ़ने के कई प्रकार के दुष्परिणाम हमारे समाज के सामने उत्पन्न होते हैं, जिनका सामना उच्च वर्ग के लोगों के साथ-साथ मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग के लोगों को भी करना पड़ता है।

महँगाई के कारण ही समाज में अशांति, चोरी, बैंकों की लूट, अपराध में वृद्धि जैसी समस्याओं में लगातार बृद्धि  होती जा रही है। मिलावट खोरी, जमाखोरी, तस्करी आदि असामाजिक कार्य दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं,

इस प्रकार से महंगाई के बढ़ते हुए कदम हमारे देश की प्रजातंत्र के लिए भी खतरा बढ़ा रहे हैं और ऐसा लगता है, जैसे हमारे देश का शासन निरंकुश लोगों के हाथों में पड़ता जा रहा है तथा हमारी आजादी मिटती जा रही है।

मंहगी होने वाली वस्तुएँ Expensive goods

जीवन की जरूरत की मूलभूत वस्तुएँ रोटी कपड़ा और मकान होता है, किन्तु मंहगाई बड़ने के कारण इन वस्तुओं का मूल्य भी बड़ जाता है गेंहूँ, दाले, दूध जैसी वस्तुओं की कीमत में वृद्धि हो जाती है,
जिससे आम गरीब वर्ग के व्यक्तियों काफी परेशानी झेलनी पडती है, रोजमर्रा की कई वस्तुओं जैसे डीजल, साग सब्जियाँ किराया, आदि में मूल्यवृद्धि के कारण लोगों का जीवन दुखमय हो जाता है, जबकि मूल्यवान वस्तुओं सोना, चाँदी आदि तक आम आदमी की पहुँच मुश्किल हो जाती है।

मंहगाई का समाज पर प्रभाव Effect of inflation on society 

महंगाई का समाज पर सबसे अधिक प्रभाव गरीब तथा माध्यम वर्ग के लोगों पर पड़ता है, कियोकि उनकी आमदनी ही इतनी होती है कि वह मंहगाई भरे वातावरण में जीना मुश्किल हो जाता है।

जबकि गरीब लोग तो दो वक्त की रोटी के लिए ही परेशान हो जाते है। बच्चे अच्छे स्कूल में नहीं पड़ पाते है, उन्हें अच्छा पोषण (Nutrition) प्राप्त नहीं होता है, और वे कई रोगों से ग्रसित होकर मृत्यु के ग्रास में समा जाते है, जिसका जिम्मेदार सिर्फ महंगाई होती है।

महंगाई के कारण कई सुन्दर और योग्य लड़कियाँ अनपढ़, आयोग्य लड़को के साथ व्याह दी जाती है। जिससे उनका जीवन नर्क (Hell) बन जाता है और समाज बुरी तरह आहत होता है।

महँगाई रोकने के उपाय Solution of inflation

इस लगातार बढ़ती हुई महँगाई को रोकना अति आवश्यक हो गया है, इसलिए इसके प्रति ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है तथा शासन को इसके प्रति कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए।

तथा भारतीय दंड संहिता को भी अपनी नीति पर अडिग रहकर जमाखोरी, मिलावट खोरी आदि करने वालों को कड़ा से कड़ा दंड देकर अन्य लोगों के लिए सबक देना चाहिए। उचित मूल्य की दुकानें शुरू की

जानी चाहिए जिसमें अन्न, शक्कर, कपड़ा लिखने-पढ़ने की वस्तुऐं पाठक-पुस्तकें आदि न्यूनतम मूल्य पर उपस्थित हो इससे वो व्यापारी जो वस्तुओं का संग्रह कर लेते हैं, उनकी अधिक धन कमाने की

प्रवृत्ति नष्ट होगी इसके साथ घूस लेने वाले अधिकारियों तथा शासन के कर्मचारियों पर कड़े से कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए। वहीं दूसरी तरफ जनसंख्या नियंत्रण (Population Control) के भी लगातार प्रयास किए जाने चाहिए

इसका प्रचार किया जाना चाहिए तथा जन्म दर (Birth Rate) को नियंत्रित किया जाना चाहिए। इसके साथ उत्पादन के साधनों में बढ़ोतरी की जानी

चाहिए नई प्रकार की टेक्नोलॉजी (Technology) तथा उन्नत साधनों का प्रयोग करके उत्पादन क्षमता अधिक विकसित की जानी चाहिए इस प्रकार से महँगाई का निदान कर सकते हैं।

निष्कर्ष Conclusion 

लगातार मूल्य बृद्धि के परिणामस्वरूप यह तो कह सकते हैं, कि इस महँगाई का संकट निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए तो है ही इसके साथ ही साथ सरकार पर भी इसका विपरीत बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

आज लगातार मूल्य वृद्धि के कारण लोग सब्जियों तथा आवश्यक सामग्रियों का मूल्य पूछने से भी कतराते हैं। इसलिए सरकार को जल्द से जल्द इसके प्रति आवश्यक कदम उठा का इस पर लगाम लगाना ही चाहिए  

Note - दोस्तों आपने इस लेख में कमरतोड़ महँगाई पर निबंध (Essay on inflation) समस्या तथा समाधान के बारे में पड़ा आशा करता हुँ आपको यह पोस्ट अच्छी लगी होगी इसे शेयर जरूर करें।

  • FAQ For Inflation





महंगाई से आप क्या समझते हैं?





किसी अर्थव्यवस्था के अंतर्गत किसी माल और सेवाओं में होने वाले मूल्य की वृद्धि को ही महंगाई के नाम से जाना जाता है।









भारत में महंगाई क्यों है?





भारत में महंगाई का मुख्य कारण बढ़ती जनसंख्या तथा खाद्य पदार्थो की उपलब्धता में कमी के कारण हो रही है।









भारत में महंगाई कितनी है?





एक रिपोर्ट के अनुसार भारत 12 देशों में मंहगाई के आंकड़ों में 1 नंबर पर आता है, जबकि जून 2022 में भारत में मंहगाई दर 7.01% रही है।









सबसे ज्यादा महंगाई कौन से राज्य में है?





हाल ही की रिपोर्ट के अनुसार भारत में सबसे ज्यादा महंगाई तेलंगाना राज्य में है जिसकी मंहगाई दर 8.32% है। 







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