लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध essay on Lal Bahadur Shastri

लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध Essay on Lal Bahadur Shastri 

हैलो दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, आज के इस लेख लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध (Essay on lal bahadur shastri) में। दोस्तों इस लेख के माध्यम से आप

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय तथा उनका राजनैतिक कैरियर के साथ ही लाल बहादुर शास्त्री के बारे में

कई महत्वपूर्ण तथ्यों (Importent Fects) के बारे में जान पाएंगे। तो आइए दोस्तों शुरू करते हैं, आज कहे लेक लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध:-

लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध

प्रस्तावना introduction

भारत देश में ऐसे कई वीर सपूतों ने जन्म लिया है, जिन्होंने अपने कर्मों के द्वारा अपना नाम संपूर्ण देश तो क्या विश्व में भी अमर कर दिया है।

उन्हीं वीर सपूतों में से एक थे, हमारे भारत के लाल बहादुर शास्त्रीअद्वितीय प्रतिभा संपन्न लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री (Second Prime Minister) रहे थे।

उन में देश-प्रेम देश सेवा मानवता, दयालुता आदि कई गुण कूट-कूट कर भरे हुए थे, किंतु दुर्भाग्य से ऐसे महान देश प्रेमी भारतीय प्रधानमंत्री की रहस्यमई मृत्यु ताशकंद समझौते के दौरान हो गई।

जिसका अभी तक खुलासा नहीं हो पाया। ऐसे वीर महापुरुष लाल बहादुर शास्त्री हमेशा भारतीयों के लिए मार्गदर्शन तथा प्रेरणा के स्रोत रहेंगे।

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म Birth of Lal bahadur Shastri 

स्वतंत्र भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री माननीय लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में 1904 में उस समय हुआ था, जब चारों और भारत को स्वतंत्र करने की आवाज ऊंची उठ रही थी। बचपन में उन्हें लाल बहादुर वर्मा नाम दिया गया।

लाल बहादुर शास्त्री के पिता का नाम मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव था, जो पहले मुंशी का काम किया करते थे अध्यापक (Teacher) भी थे, किंतु बाद में उन्होंने कलर्क (Clerk) का भी काम शुरू कर दिया।

लाल बहादुर शास्त्री जी की माता जी का नाम रामदुलारी था, जो एक पति परायण तथा कर्तव्यनिष्ठ महिला थी। कुछ समय पश्चात जब लाल बहादुर शास्त्री लगभग 2 माह के हुए तो उनके पिताजी का निधन (Death) हो गया।

उस समय तो लाल बहादुर शास्त्री की माता जी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। इसलिए वह अपने बच्चों को लेकर अपने मायके पहुंच गई।

किंतु कुछ समय पश्चात वहाँ पर लाल बहादुर शास्त्री जी के नाना जी का निधन हो गया। लाल बहादुर शास्त्री की परवरिश में उनके मौसा जी का बहुत सहयोग रहा था।

लाल बहादुर शास्त्री का विवाह 1928 में ललिता नामक सुंदर कन्या से कर दिया गया, जिनसे लाल बहादुर शास्त्री को छै: संताने प्राप्त हुई, जिनमें चार पुत्र और दो पुत्रियाँ थी।


लाल बहादुर शास्त्री का निजी जीवन Personal life of Lal Bahadur Shastri 

लाल बहादुर शास्त्री एक छोटे कद के व्यक्ति थे, किंतु उनका दिल काफी बड़ा था। लाल बहादुर शास्त्री का जीवन सीधा-साधा सरल तथा प्रभावपूर्ण था।

लाल बहादुर शास्त्री कई प्रतिभाओं में धनी थे। लाल बहादुर शास्त्री एक दृढ़ निश्चय व्यक्ति भी थे। एक घटना के परिणाम स्वरूप माली के द्वारा कहने पर उन्होंने अपने स्वभाव को निखारा,

तथा अपने आचरण तथा व्यवहार को मिलनसार और प्रेमपूर्ण बनाया। लाल बहादुर शास्त्री की जीवन में विभिन्न प्रकार की घटनाएँ घटित हुई।

किंतु उन्होंने अपना मनोबल कभी नहीं टूटने दिया। लाल बहादुर शास्त्री की इच्छाशक्ति दृढ थी। इसलिए उनके जीवन में आने वाली विषम से विषम परिस्थितियां उन्हें झुका नहीं पाई।

लाल बहादुर शास्त्री का विवाह ललिता देवी के हुआ था जिनसे उनकी छै: संताने उत्पन्न हुई। जिनमें उनके 4 पुत्र अनिल, सुनिल, अशोक और हरिकृष्ण और दो पुत्रियाँ सुमन और कुसुम थी। 

उनका बचपन बहुत ही कष्टों में बीता, किंतु दृढ निश्चय के साथ उन्होंने अपनी समस्याओं का सामना किया और एक सफल व्यक्ति बने।


लाल बहादुर शास्त्री की शिक्षा Education of Lal Bahadur Shastri 

लाल बहादुर शास्त्री का बचपन बहुत ही कष्टों में बीता, क्योंकि लाल बहादुर शास्त्री के पिता जी का निधन बचपन में ही जब लाल बहादुर शास्त्री मात्र 18 महीने के थे हो गया था।

इसके पश्चात लाल बहादुर शास्त्री की माँ अपने मायके मिर्जापुर आ गई, जहाँ पर वह अपने पिताजी के घर रहने लगी थी।

किंतु वहाँ पर भी नाना जी के निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। ऐसे में सहयोग दिया उनके मौसा रघुनाथ प्रसाद ने।

इस प्रकार से लाल बहादुर शास्त्री की प्रारंभिक शिक्षा मिर्जापुर में प्राथमिक स्कूल (Mirjapur Primary School) में संपन्न हुई।

अपनी प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने हाई स्कूल (High School) की परीक्षा हरिश्चंद्र स्कूल से प्राप्त की। तथा काशी विश्वविद्यालय (Kashi University) में अध्ययन किया

जहाँ पर उन्हें शास्त्री की उपाधि प्रदान की गई। तब से लाल बहादुर ने अपने नाम के पीछे हमेशा के लिए शास्त्री शब्द जोड़ दिया और श्रीवास्तव शब्द हटा दिया।


लाल बहादुर शास्त्री का राजनीतिक कैरियर Political career of Lal Bahadur Shastri 

लाल बहादुर शास्त्री भारत देश के योग्य प्रधानमंत्री (Prime Minister) थे, जिनका राजनैतिक कैरियर संस्कृत भाषा में स्नातक करने के बाद शुरू हो गया था।

अपने राजनीतिक कैरियर में सबसे पहले उन्होंने भारत सेवक संघ को अपनाया तथा सच्ची देश सेवा भाव, मानवता, दयालुता आदि कई भाव और गुणों को अपने जीवन में स्थान दिया था।

लाल बहादुर शास्त्री गांधीजी से प्रेरित थे, इसलिए उन्होंने अपना जीवन गरीबों की सेवा में भी अर्पित कर दिया। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन (Indian independence movement) में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर भाग लिया

इसके लिए उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा, किंतु उन्होंने हार नहीं मानी। 1929 में उन्होंने इलाहाबाद इकाई के सचिव के पद पर कार्य आरंभ किया।

लाल बहादुर शास्त्री ने रेल मंत्री, पुलिस और परिवहन मंत्री, वाणिज्य मंत्री के तौर पर भी कार्य किया। तथा आजाद भारत में वह स्वतंत्र भारत के प्रधानमंत्री

जवाहरलाल नेहरु के मंत्रिमंडल में गृह मंत्री के पद पर आसीन हुए। तथा पंडित जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु के बाद में भारत के दूसरे प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए।


लाल बहादुर शास्त्री का योगदान Contribution of Lal Bahadur Shastri 

लाल बहादुर शास्त्री साफ मन वाले और ईमानदार व्यक्ति थे, जिनके ह्रदय में करुणा, दया तथा सभी के प्रति प्रेम के भावों का सागर भरा हुआ था।

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद लाल बहादुर शास्त्री ने सेवा कार्य के लिए भारत सेवक संघ (Bharat Sevak Sangh) के साथ मिलकर गरीबों तथा असहाय लोगों के लिए कार्य करना प्रारंभ कर दिया।

भारत की स्वतंत्रता के लिए भी उन्होंने अभूतपूर्व कार्य किए असहयोग आंदोलन (Non-Cooperation Movement) सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil disobedience movement) तथा

भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) में उन्होंने उल्लेखनीय भूमिका निभाई। भारत छोड़ो आंदोलन के समय उन्होंने महात्मा गांधी के नारे करो या मरो (do or die) को

मरो नहीं मारो में बदल कर पूरे देशवासियों के ह्रदय में अंग्रेजों के अत्याचार के विरुद्ध लड़ने की अंग्रेजों को भारत से भगाने की एक आग सी फूंक दी।

कई बार वे जेल गए और अंग्रेजों के अत्याचार सहे, किंतु उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अंग्रेजो के खिलाफ हमेशा पूरी शक्ति से लड़ते रहे।

जब भारत देश आजाद हुआ तो उन्हें पंडित जवाहरलाल नेहरु के मंत्रिमंडल में गृह मंत्री (Home Minister) का पद दिया गया। जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु के बाद जब लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बने

तो उनके काल का सबसे अहम मुद्दा पाकिस्तान भारत युद्ध 1965 (Pakistan India War 1965) रहा, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिया और जय जवान जय किसान का नारा (Jai jawan jai kisan) देकर पूरे राष्ट्र को एकजुट कर दिया।

तब अमेरिका तथा रूस ने उन्हें ताशकंद समझौता के लिए बुलाया तथा एक सोची समझी साजिश के तहत ताशकंद में ही लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु हो गई।


लाल बहादुर शास्त्री के जीवन की घटनाएँ Events in the life of Lal Bahadur Shastri

लाल बहादुर शास्त्री ने बचपन में कई दुख झेले थे इसलिए प्रधानमंत्री बनने पर भी उन्होंने किसी भी प्रकार के मँहगे वस्त्र सुख सुविधा आदि भोग नहीं किए उन्होंने फटे हुए कुर्ते से ही कई दिनों काम चलाया।

लाल बहादुर शास्त्री नियम के बड़े पक्के थे और कभी भी सरकारी सुविधाओं का दुरूपयोग नहीं करते थे, यदि उनके परिजन ऐसा कोई काम करते तो वे उसका भुगतान सरकारी खजाने में कर देते थे।

लाल बहादुर शास्त्री बड़े हिम्मत वाले व्यक्ति थे जिन्होंने 1965 के भारत पाक युद्ध में जय जवान जय किसान का नारा लगाकर भारतीय सैनिकों के दिलों में जोश और जज्बा जाग्रत किया और जंग को जीत दिखाया।

निष्कर्ष Conclusion 

भारत देश के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने भारत देश तथा भारत देश की जनता के लिए अभूतपूर्व कार्य किए थे।

ऐसे महापुरुष कभी-कभी ही धरती पर जन्म लेते हैं। धरती माँ भी पावन हो जाती है। ऐसे भारत माँ के लाल वीर सपूत लाल बहादुर शास्त्री के किए गए कर्म तथा शिक्षा के द्वारा हम हमेशा प्रेरित होते रहेंगे। 

दोस्तों इस लेख में आपने लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध (Essay on lal bahadur shastri) पड़ा. आशा करता हूँ। यह लेख आपको अच्छा लगा होगा कृपया इसे शेयर जरूर करें।

  • FAQ for Essay on Lal bahadur shastri





Q.1. लाल बहादुर शास्त्री जी के पिता का नाम क्या था?





Ans. लाल बहादुर शास्त्री के पिता का नाम मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव था।










Q.2. लाल बहादुर शास्त्री से हमें क्या शिक्षा मिलती है?





Ans. लाल बहादुर शास्त्री से हमें ईमानदारी, त्याग, कर्तव्यनिष्ठ, सादगीपूर्ण, सरल जीवन जीने की शिक्षा मिलती है।










Q.3. लाल बहादुर शास्त्री के बाद भारत के प्रधानमंत्री कौन थे?





Ans. लाल बहादुर शास्त्री के बाद भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पुत्री इंदिरा गाँधी बनी।







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