डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम निबंध हिंदी में Essay on A.P.J. Abdul kalam in hindi
एपीजे अब्दुल कलाम निबंध हिंदी में Essay on A.P.J. Abdul kalam in hindi
हैलो दोस्तों आपका एक बार फिर से बहुत-बहुत स्वागत है, हमारे इस लेख एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध हिंदी में (Essay on Dr A.P.J.Abdul kalam) दोस्तों इस लेख में
आप भारत देश के एक महान व्यक्तित्व डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध पड़ेंगे। इसके साथ ही आप डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में कई महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में भी जानेंगे.
तो दोस्तों आइए शुरू करते हैं आज का यह लेख डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम (Dr APJ Abdul kalam) पर निबंध हिंदी में और जानते है उनके बारे में:-
- इसे भी पढ़े:- लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध
प्रस्तावना Introduction
भारत देश में ऐसे कई महापुरुष हुए हैं, जिन्होंने गरीबी की दलदल से निकलकर ना कि खुद के पैरों पर खड़े हो गए बल्कि भारत देश को भी सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाने का प्रयास किया है।
इसी प्रकार एक महापुरुष थे। "एपीजे अब्दुल कलाम" एपीजे अब्दुल कलाम हमारे देश के राष्ट्रपति (President) और एक महान वैज्ञानिक (Scientist) भी रह चुके है।
जिन्हें मिसाइल मैन (Missile Man) के नाम से जाना जाता है। एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने जीवन में विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करते हुए अपने आप को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।.
एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन संघर्ष, उनके जीवन की कई घटनाएँ (Events) सभी भारत वासियों के लिए एक प्रेरणास्रोत के समान है।
- इसे भी पढ़े:- जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय
मेरे प्रिय वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम My dear scientist APJ Abdul Kalam
मेरे प्रिय वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म मद्रास राज्य के एक शहर रामेश्वरम द्वीप में 15 अक्टूबर 1931 को एक मिडिल क्लास तमिल फैमिली में हुआ था।
एपीजे अब्दुल कलाम के पिता जी का नाम जैनुलाब्दीन था, जो पैशे से एक मछुआरे थे और कभी-कभी अपनी नाव को मछुआरों को किराए पर दिया करते थे।
जैनुलाब्दीन सीधे सरल स्वभाव वाले व्यक्ति थे, जो ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे, किंतु उनके जीवन से एपीजे अब्दुल कलाम ने लगन, मेहनत और कर्तव्य परायणता सीखी।
एपीजे अब्दुल कलाम की माता जी का नाम आशियम्मा था, जो अपने पुत्र एपीजे अब्दुल कलाम को बहुत प्यार करती थी।
एपीजे अब्दुल कलाम का परिवार बहुत बड़ा था, क्योंकि यह स्वयं पांच भाई और पांच बहने थी और ऐसे ही 3 परिवार एक साथ रहा करते थे।
इतना बड़ा परिवार होने के बावजूद भी एपीजे अब्दुल कलाम कभी भी अपने कर्तव्यों से पीछे नहीं हटे और स्वयं मेहनत करके देश के राष्ट्रपति के पद तक पहुंचे।
अब्दुल कलाम का प्रारंभिक जीवन Early life of Abdul kalam
एपीजे अब्दुल कलाम का प्रारंभिक जीवन बहुत ही चुनौतियों भरा तथा गरीबी में बीता था, क्योंकि इनके पिता और चाचा ताऊ केवल मछुआरों को अपनी नाव किराए पर देते
और उनसे ही घर का गुजारा चलाया करते थे। इससे ज्यादा आमदनी तो नहीं होती थी, किंतु सभी अच्छे से शिक्षा ग्रहण करना कई महंगे शौक रखना तथा अन्य सुविधाओं से वंचित रहते थे।
एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने परिवार कि ऐसी स्थिति देखते हुए स्वयं भी इमली के बीज बेचकर अपनी कॉपी किताबों का खर्च उठाया करते हैं।
अपने भाई समसुद्दीन के साथ उन्होंने अखबार बेचने का भी कार्य किया था और पूरे अनुशासन और निष्ठा के साथ अपनी पढ़ाई (Study) आरंभ की। तथा सफलता के शिखर तक पहुँचे।
एपीजे अब्दुल कलाम की शिक्षा Education of APJ abdul kalam
एपीजे अब्दुल कलाम की प्रारंभिक शिक्षा रामेश्वरम के ही एक प्राथमिक विद्यालय (Primary School) से शुरू हुई है। यहाँ पर उन्होंने मन लगाकर अध्ययन किया तथा
अपने गुरु इयादुराई सोलोमन के व्यक्तित्व से अधिक प्रभावित हुए और उनकी दी गई शिक्षा के आधार पर उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान में जाने का निश्चय कर लिया।
प्रारंभिक परीक्षा पूर्ण करने के बाद उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Madras Institute of Technology) में प्रवेश लिया तथा 1950 में अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक (Graduate) की उपाधि प्राप्त की।
एपीजे अब्दुल कलाम पायलट (Pilot) बनना चाहते थे, किंतु उनका पायलट में चयन नहीं हो सका और अंततः उन्होंने संचालनालय तकनीकी विकास दिल्ली (Directorate Technical Development Delhi) में नौकरी कर ली।
एपीजे अब्दुल कलाम का प्रारंभिक कैरियर Career of APJ Abdul kalam
एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने बचपन के जीवन में कई समस्याओं का सामना किया है, क्योंकि उनके परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी,
और वह किसी अच्छे स्कूल में पढ़ने नहीं जा सकते थे, एपीजे अब्दुल कलाम ने द्वितीय विश्व युद्ध (Second world war) के दौरान सबसे पहले इमली के बीजों को इकट्ठा करना शुरू किया था
और उन्हें दुकान पर बेचकर अपने लिए जरूरत की किताबें अध्ययन सामग्री लेकर अपनी पढ़ाई करते थे। इसके बाद उन्होंने पढ़ाई के साथ ही अखबार बेचने का काम भी शुरू कर दिया।
लेकिन उन्हें पहली सफलता जब मिली जब उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान में अपनी स्नातक डिग्री के साथ ही हावरक्राफ्ट परियोजना (Hovercraft Project) पर काम करना शुरू कर दिया था।
इसके बाद उन्होंने डीआरडीओ (DRDO) भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन में कई सफलतापूर्वक उपग्रहों के लिए काम किया।
इसके बाद उन्होंने 1962 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ज्वाइन किया और अपने अतुलनीय प्रयास के कारण भारतीय उपग्रह प्रक्षेपण प्रणाली को दुनिया की सबसे बेहतरीन उपग्रह प्रक्षेपण प्रणाली में लाकर शामिल कर दिया।
वैज्ञानिक के रूप में कार्य Work as a scientist
एपीजे अब्दुल कलाम का वैज्ञानिक जीवन का सफर उस समय शुरू हो गया था। जब उन्होंने भारतीय रक्षा अनुसंधान विकास संगठन को ज्वाइन किया था।
किंतु उनके वैज्ञानिक ज्ञान को सही दिशा उस समय मिली जब उन्होंने 1962 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के साथ कार्य करना शुरू कर दिया।
इसरो के परियोजना महानिदेशक के रूप में उन्होंने एसएलवी 3 (सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल 3) प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय प्राप्त किया। 1980 में उन्होंने रोहिणी (Rohini) को पृथ्वी की पहली कक्षा में स्थापित करने के बाद
स्वदेशी तकनीक से अग्नि और पृथ्वी मिसाइल (Missile) का निर्माण किया। एपीजे अब्दुल कलाम को पृथ्वी मिसाइल और अग्नि मिसाइल का सफल परीक्षण का श्रेय प्राप्त है।
एपीजे अब्दुल कलाम 1992 से 1999 तक रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार (Scientific adviser) के रूप में भी रहे। 1998 में पोखरण में दूसरा परमाणु परीक्षण करके उन्होंने भारत देश को विश्व के परमाणु हथियार संपन्न देशों में शामिल कर दिया।
पृथ्वी अग्नि तथा अन्य प्रक्षेपास्त्र का विकास करने के कारण इनको मिसाइल मैन ऑफ इंडिया (Missile Man of India) के नाम से जाना जाता है।
राष्ट्रपति के पद पर कार्य Work as a President of India
एपीजे अब्दुल कलाम भारत देश के ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में अपना अतुल्य योगदान दिया है। इसके साथ ही उन्हें भारत देश के सबसे सम्मान प्राप्त पद राष्ट्रपति होने का गौरव भी प्राप्त है।
एपीजे अब्दुल कलाम को विपक्षी कांग्रेस पार्टी तथा भारतीय जनता पार्टी घटक दलों ने मिलकर अपना उम्मीदवार चुना था और 90% बहुमत से एपीजे अब्दुल कलाम विजयी हुए
तथा इन्हें 25 जुलाई 2002 में राष्ट्रपति भवन के अशोक कक्ष में शपथ दिलाई गई। राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने उत्तरदायित्व को भलीभाति निभाया
और 25 जुलाई 2007 को अपने कार्यकाल से मुक्त हो गए। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अपनी जीवनी बिंग्स ऑफ फायर पुस्तक के नाम से लिखी है. जो भारतीय युवाओं के लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत रहेगी।
एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु कब हुई Death of APJ Abdul kalam
भारत देश के महान राष्ट्रपति तथा वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का निधन उस समय हुआ था जब वे 27 जुलाई 2015 की शाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग
में योग्य ग्रह पर भाषण दे रहे थे। उनके भाषण देने के दौरान ही उन्हें अचानक दिल का दौरा कार्डियक अटैक (Cardiac attack) हो गया और वे जमीन पर गिरकर बेहोश हो गए
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को समीप के ही वेधानी अस्पताल में 6:30 पर भर्ती कराया गया, किंतु 2 घंटे बाद डॉक्टरों ने उनकी मृत्यु की पुष्टि कर दी।
उस समय डॉक्टर कलाम की आयु 84 वर्ष हो चुकी थी। डॉ कलाम अपने अंतिम पड़ाव पर भी शिक्षा तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण का भाषण देते देते अपना पार्थिव शरीर छोड़ गए।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के पार्थिव शरीर को शिलांग से गुवाहाटी और गुवाहाटी से दिल्ली लाया गया, जहाँ पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तथा
दिल्ली के मुख्यमंत्री (Chief Minister) अरविंद केजरीवाल सहित सेनाओं के तीनों प्रमुख ने उन्हें पुष्पमाला अर्पित किए। उसके बाद उनके पार्थिक शरीर को राजाजी राजमार्ग पर लाया गया
जहाँ पर सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह तथा अखिलेश यादव सहित कई तमाम छोटे-बड़े नेताओं ने मिलकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को 30 जुलाई 2015 को रामेश्वरम के कुरंबू ग्राउंड में दफना दिया गया। जहाँ पर प्रधानमंत्री मोदी कर्नाटक केरल के मुख्यमंत्रियों सहित कई नेता तथा लगभग 350000 से अधिक लोग थे।
एपीजे अब्दुल कलाम को पुरस्कार और सम्मान award of Dr APJ Abdul Kalam
एपीजे अब्दुल कलाम ने शिक्षा विज्ञान तथा राजनीति के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान दिया है, जिसके लिए उन्हें विभिन्न प्रकार के पुरस्कारों से विभूषित किया है जिनमें से कुछ निम्न प्रकार हैं:-
- डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की उपलब्धियों के लिए भारत सरकार के द्वारा डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को भारत के सर्वोच्च सम्मान पदम भूषण 1981 पदम विभूषण 1990 तथा भारत रत्न 1997 में प्रदान किया गया।
- इसके साथ ही इन्हें विज्ञान और शिक्षा के विभिन्न पुरस्कार से भी नवाजा गया है।
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय पुरस्कार (Indira Gandhi National Award) 1997 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के द्वारा दिया गया।
- इसके बाद उन्हें वीर सावरकर पुरस्कार (Veer Savarkar Award) 1998 भारत सरकार के द्वारा दिया गया।
- एपीजे अब्दुल कलाम के शोध कार्य के लिए उन्हें रामानुजन पुरस्कार (Ramanujan Award) 2002 अलवार्स शोध संस्थान चेन्नई के द्वारा प्राप्त हुआ।
- एपीजे अब्दुल कलाम को विदेशी पुरस्कार भी प्राप्त हुए, जिनमें किंग्स चार्ल्स II मेडल 2007 रॉयल सोसाइटी यूनाइटेड किंगडम के द्वारा प्रदान किया गया।
- डॉक्टर ऑफ साइंस 2008 अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के द्वारा प्रदान किया गया, इसके बाद भी डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को विभिन्न प्रकार के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के विचार Thoughts of Dr APJ Abdul Kalam
- सपने वो नहीं जो आप सोते समय देखते हैं, बल्कि सपने वो हैं जो आपको सोने नहीं देते।
- आपके सपने सच होने से पहले आपको सपने देखने होंगे।
- अगर कोई देश भ्रष्टाचार से मुक्त हो और सारे लोग अच्छी शुद्ध मानसिकता वाले हों, मैं दावे से कह सकता हूँ, की केवल 3 लोग ही ऐसे देश का निर्माण कर सकते हैं,वो हे- माता, पिता और गुरु।
- अपने कार्य में सफल होने के लिए आपको एकाग्रचित होकर अपने लक्ष्य पर ध्यान लगाना होगा।
- विज्ञान मानवता के लिए एक खूबसूरत तोहफा है; हमें इसे बिगाड़ना नहीं चाहिए।
- शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का।
निष्कर्ष Conclusion
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का सम्पूर्ण जीवन कई से जूझता रहा किन्तु उन्होने हार नहीं मानी और देश के महान वैज्ञानिक तथा राष्ट्रपति
होने का गौरव प्राप्त किया। विज्ञान के क्षेत्र में उनके द्वारा किये गए कार्य देश का हर व्यक्ति याद रखेगा और उनके जीवन से हमेशा प्रेरित होने का काम करेगा।
दोस्तों आप सभी ने इस लेख में डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध हिंदी में (Essay on Dr A.P.J Abdul kalam) पड़ा आशा करता हूँ, इस लेख से आपको महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई होगी।
- FAQ For APJ Abdul Kalam
एपीजे अब्दुल कलाम के माता पिता का नाम क्या है?
एपीजे अब्दुल कलाम के माता का नाम आशियम्मा जबकि पिता का नाम जैनुबदालीन था।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम क्या है?
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉ० अबुल पकीर जैनुबदालीन अब्दुल कलाम है।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने क्या अविष्कार किया?
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने स्वदेशी निर्देशित मिसाइलों का अविष्कार किया।
- इसे भी पढ़े:-
- मंगल पांडे पर निबंध Essay on Mangal Panday
- इंदिरा गाँधी पर निबंध Essay on indira Gandhi
- मेट्रो ट्रेन पर निबंध Essay on Metro Train
- रबिन्द्र नाथ टैगोर पर निबंध
- महादेवी वर्मा पर हिंदी निबंध Essay on Mahadevi Varma
- पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध Essay on pandit jawaharlal nehru
Comments
Post a Comment