स्वास्थ्य शिक्षा पर निबंध Essay on health education
स्वास्थ्य शिक्षा पर निबंध Essay on health education
हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख स्वास्थ्य शिक्षा पर निबंध (Essay on health education) में।
दोस्तों इस लेख द्वारा आप स्वास्थ्य शिक्षा क्या है? स्वास्थ्य शिक्षा की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे, तथा स्वास्थ्य शिक्षा के बारे में निबंध लिखने का आईडिया भी ले सकेंगे। तो आइये शुरू करते है, यह लेख स्वास्थ्य शिक्षा पर निबंध:-
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स्वास्थ्य शिक्षा क्या है What is health education
स्वास्थ्य शिक्षा से मतलब स्वस्थ रहने की नियम और साधनों की जानकारी देने से होता है। इन सुविधाओं की सही प्रकार से जानकारी प्राप्त करके इनके ऊपर अमल करके व्यक्तिगत स्वस्थ को बरकरार रखा जा सकता है। साधारण शब्दों में कहा जा सकता है,
कि वे सभी साधन और नियम जिससे एक उत्तम स्वस्थ को बनाए रखा जा सकता है, स्वास्थ्य शिक्षा के अंतर्गत आता है। केंद्रीय प्रांतीय और जिला स्तर पर स्थापित विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य संस्थाएँ इन सुविधाओं को जानकारी के रूप में प्रचार के माध्यम से
एक स्थान से दूसरे स्थान तक अर्थात जनमानस तक पहुंचाती है, इसीलिए कहा जा सकता है, कि स्वास्थ्य शिक्षा वह विज्ञान है, जिसके अंतर्गत मानव शरीर के स्वास्थ्य का संपूर्ण अध्ययन किया जाता है।
स्वास्थ्य शिक्षा की अवधारणा Concept of health education
स्वास्थ्य के नियमों को जानना और उन नियमों के अनुकूल अपने स्वास्थ्य की देखभाल करना ही स्वास्थ्य शिक्षा होता है। विद्यालयों में अध्यापकों द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रम जबकि नगर में विभिन्न स्वास्थ्य संस्थाओं के द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा से संबंधित कार्यक्रम चलाया जाते हैं और लोगों को स्वास्थ्य के नियमों के बारे में बताया जाता है, ताकि वह स्वस्थ रह सकें।
स्वास्थ्य शिक्षा के अंतर्गत स्वच्छता और सफाई के बारे में बताया जाता है, लोगों को व्यवहारिक ज्ञान के साथ ही सैद्धांतिक ज्ञान भी दिया जाता है। स्वास्थ्य शिक्षा सही अर्थ में स्वास्थ्य संबंधी शब्द व्यवहारों का वह समूह है, जिसके अंतर्गत उन सभी अनुभवों का अध्ययन और आत्मार्पण करते हैं, जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए उत्तम होते हैं।
स्वास्थ्य शिक्षा का क्षेत्र Field of health education
स्वास्थ्य शिक्षा का क्षेत्र बहुत ही बड़ा होता है, क्योंकि स्वास्थ्य शिक्षा का सबसे प्रमुख लक्ष्य होता है, व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन के स्तर को ऊंचा उठाना, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति और संपूर्ण समाज स्वास्थ्य के आनंद में जीवन यापन कर सकें, इसीलिए स्वास्थ्य शिक्षा के अध्ययन में उन सभी परिस्थितियों को शामिल किया गया है, जो आंतरिक और बाहरी वातावरण से संबंधित होती हैं और जिनका सीधा संबंध,
व्यक्ति के स्वभाव पर पड़ता है। इसके अलावा यह परिस्थितियों के नियंत्रण में भी सहायक होती है, जिससे मानव शरीर और मस्तिष्क दोनों ठीक प्रकार से कार्य करने में सक्षम होते हैं। जब मानव शरीर में किसी प्रकार की बाधा आती है, तो कार्य क्षमता घटने लगती है, क्योंकि मनुष्य विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित होने लगता है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को शरीर की रचना तथा उसका कार्य ज्ञान होना चाहिए
इसके साथ ही यह ज्ञान उन्हें अवश्य होना चाहिए, कि वातावरण के साथ शरीर कैसे सम्बंधित होता है, उपरोक्त ज्ञान संबंधी तथ्य स्वास्थ्य शिक्षा के प्रथम भाग के अंतर्गत आते है, जबकि दूसरे भाग में प्रत्येक मानव के बाहरी वातावरण जिसमें उसका सामाजिक वातावरण आता है वह भी स्वास्थ्य से संबंधित होता है, इसलिए इसका भी अध्ययन बहुत ही आवश्यक हो जाता है।
स्वास्थ्य शिक्षा के उद्देश्य Goals of health education
स्वास्थ्य शिक्षा के अंतर्गत सामाजिक और शारीरिक स्वास्थ्य स्तर को महत्तम बनाए रखने के लिए विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य शिक्षा के उद्देश्य बनाए गए हैं, जिन्हें हम निम्न प्रकार से समझते हैं:-
- स्वास्थ्य रक्षा संबंधी आवश्यकताओं का ज्ञान :- मनुष्य को स्वास्थ्य संबंधी नियमों और सिद्धांतों की जानकारी अवश्य होनी चाहिए, तभी मनुष्य अपने जीवन को सुखमय और रोग रहित बना सकता है। इसके अंतर्गत मनुष्य को जीवन में स्वच्छता और स्वास्थ्य के बारे में बताया जाता है, कि जीवन में स्वस्थ रहना कितना आवश्यक और महत्वपूर्ण होता है।
- स्वास्थ्य निर्देशन एवं परीक्षण :- स्वास्थ्य निर्देशन और परीक्षण के अंतर्गत भी स्वस्थ शरीर प्राप्त होता है, जैसे कि माता-पिता अपने छोटे बालकों के स्वास्थ्य का भली-भांति निर्देशन और निरीक्षण करते हैं। वे अपने छोटे छोटे बालकों को साफ कपड़े और सामान्य स्वस्थ के बारे में बताते हैं और उनके स्वस्थ का निरीक्षण भी करते हैं। बालक की मनोवृति अवस्था तथा उसकी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उनके सुधार के लिए स्वास्थ्य निर्देशन भी माता पिता और शिक्षक समय-समय पर देते रहते हैं।
- संक्रामक रोगों से बचाव:- संक्रामक रोग मुख्य तौर से उन स्थानों पर अधिक होते हैं, जो वातावरण प्रदूषित होते हैं। ऐसे स्थान पर संक्रामक रोग बहुत तेजी से फैलते हैं और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं, इसीलिए इनकी रोकथाम के बारे में जानना भी आवश्यक होता है, कि संक्रामक रोग किस प्रकार से फैलते हैं और इनको कैसे रोका जा सकता है।
- स्वास्थ्य का परीक्षण :- स्वास्थ्य शिक्षा का एक यह भी उद्देश्य होता है कि वह बालक के विभिन्न अंगों की परीक्षा करें ताकि शरीर में यदि किसी बात की कमी है, तो उसे दूर किया जा सकता है।
- स्वास्थ्य को अच्छा बनाने का प्रयास:- स्वास्थ्य शिक्षा का उद्देश्य होता है, कि वह व्यक्ति मात्र के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए इसलिए अच्छे स्वास्थ्य के बारे में जानकारी स्वास्थ्य शिक्षा के द्वारा ही प्राप्त होती है और स्वास्थ्य शिक्षा के नियमों का अनुसरण करके एक अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सकता है।
स्वास्थ्य शिक्षा का महत्व Importance of health education
स्वास्थय सभी जीव धारियों के लिए महत्वपूर्ण होता है, किंतु सबसे अधिक इसका महत्व मनुष्य जाति के लिए हैं, कियोकि मनुष्य की वे बुद्धिमान प्राणी होते हैं, जो जीवन की सब प्रकार की सुविधाओं का लाभ उठाते है। अगर मनुष्य स्वास्थ्य होता है,
तो अपने कार्य समय पर सही प्रकार से करता है और अपने जीवन में आनंदित रहता है, इसीलिए सभी व्यक्तियों के पास एक अच्छा और उत्तम स्वस्थ होना चाहिए, और उसे स्वस्थ रहने के लिए निम्न प्रकार की आदतें विकसित करनी चाहिए:-
स्वस्थ रहना बहुत ही आवश्यक होता है, क्योंकि स्वस्थ व्यक्ति की कार्य दक्षता उत्तम होती है और वह समाज में एक अच्छा सम्मान भी प्राप्त करता है। परंतु एक अस्वस्थ व्यक्ति समाज के लिए बोझ ही माना जाता है।
स्वास्थ्य मानव जीवन से एक गहरा संबंध रखता है, कियोकि एक स्वास्थ्य व्यक्ति ही जीवन का संपूर्ण आनंद लेता है। स्वस्थय व्यक्ति अपने लिए, परिवार के लिए समाज और देश के लिए एक अमूल्य धन के समान होता है, इसका उपयोग लगातार होता रहता है और वह दूसरों को लाभान्वित भी करता रहता है।
व्यक्ति को स्वस्थय होना अति आवश्यक है, क्योंकि व्यक्ति का स्वास्थ्य तथा समाज की स्वास्थ्यता एक दूसरे पर निर्भर करती है, यदि व्यक्ति स्वास्थ्य है,
तो समाज भी स्वस्थ होता है और वह समाज प्रगति भी करता है। अगर व्यक्ति अस्वस्थ है, तो समाज में कई प्रकार के ऐसे रोग अनियमिततायें फैल जाते हैं, जिससे समाज दूषित होता चला जाता है।
स्वस्थय समाज स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाकर नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा की जा सकती है, इसलिए कहा गया है, कि स्वस्थ समाज में स्वस्थय व्यक्तियों का निवास होता है इसकारण व्यक्ति विशेष के लिए स्वस्थ का सबसे अधिक महत्वपूर्ण स्थान होता है।
स्वास्थ्य अमूल्य होता है, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति यह जानता है, कि स्वस्थ शरीर विभिन्न परिणामों को प्राप्त करने के लिए सक्षम होता है। अगर व्यक्ति का शरीर स्वस्थ है तो वह सभी प्रकार के कार्य करने में सक्षम होता है, क्योंकि उसका शरीर मन तथा
मस्तिष्क सभी स्वस्थ होते हैं। वास्तव में स्वस्थ अच्छी आदतों और स्वस्थ नियमों के पालन का परिणाम होता है और बचपन से ही इन आदतों को विकसित करना हमारा एक स्वस्थ के प्रति अच्छा कर्तव्य माना जाता है।
निष्कर्ष Conclusion
स्वास्थ्य शिक्षा स्वास्थ्य के नियमों और सिद्धांतों के बारे में बताने वाली उत्तमरूप में जानी जाती है, इसलिए स्वास्थ्य शिक्षा का प्रचार प्रसार हर एक स्तर पर किया जाना चाहिए, ताकि व्यक्तियों के स्वास्थ्य में काफी सुधार लाया जा सके और एक उत्तम स्वस्थ वाला व्यक्ति के साथ ही उत्तम स्वस्थ वाला समाज और उत्तम स्वस्थ वाला देश बनाया जा सके।
दोस्तों आपने यहाँ पर स्वास्थ्य शिक्षा पर निबंध (Essay on health education) पढ़ा। आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।
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