मलेरिया पर निबंध Essay on Malaria hindi

मलेरिया पर निबंध Essay on Malaria hindi 

हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख मलेरिया पर निबंध (Essay on Malaria hindi) में। दोस्तों इस लेख के माध्यम से आप मलेरिया क्या है? मलेरिया के बारे में विभिन्न

महत्वपूर्ण तथ्यों को जानेंगे, जबकि मलेरिया पर निबंध, विश्व मलेरिया दिवस पर निबंध लिखने का आईडिया भी ले सकेंगे। तो आइये शुरू करते है, यह लेख मलेरिया पर निबंध:-

मलेरिया पर निबंध

प्रस्तावना Preface 

संसार में कई लाख सूक्ष्मजीव होते है, जो जल, थल और नभ तीनों स्थानों पर पाए जाते है, जिनमें से कुछ तो मनुष्य तथा जीव-जंतुओ के लिए लाभदायक जबकि कुछ हानिकारक होते है, और कई प्रकार की बीमारियों के लिए उत्तरदायी होते है।

इन्ही जीव जंतुओं में एक संघ है "प्रोटोजोआ" का जो लाभदायक भी होता है और हानिकारक जिनमें प्लाज्मोडियम (Plasmodium) की प्रजाति से ज्वऱ फैलता है, जिसे मलेरिया कहते है। मलेरिया संसार के विभिन्न गर्म भागों में प्लाज्मोडियम के कारण ही फैलता है और हजारों लोगों की मृत्यु का कारण बनता है।

मलेरिया पर निबंध

मलेरिया क्या है What is Malaria 

मलेरिया एक परजीवी (Parasite) के द्वारा फैलने वाला रोग है, जिसका परजीवी संपूर्ण संसार में पाया जाता है किंतु यह अधिकतर वर्मा, श्रीलंका, दक्षिण चीन और भारत वर्ष में देखने को मिलता है।

मलेरिया एक ऐसा रोग है, जो अधिकतर अगस्त सितंबर माह में ज्यादा फैलता है, जिसका सर्वाधिक प्रकोप गांव में दिखाई देता है, जहाँ पर साफ सफाई की समुचित व्यवस्था नहीं होती है।

मलेरिया रोग में व्यक्ति के शरीर का तापमान कभी तो कम रहता है, किंतु कभी-कभी बहुत अधिक हो जाता है, व्यक्ति को उल्टियाँ होने लगती हैं, शारीरिक कमजोरी होने लगती है, जबकि कभी - कभी व्यक्ति की मृत्यु तक हो जाती है।

मलेरिया का कारण Causes of Malaria 

मलेरिया एक परजीवी के कारण होने वाला रोग हैं और यह परजीवी भी हमेशा रक्त में ही पाया जाता है। मलेरिया रोग का वाहक मादा एनाफिलीज मच्छर होता है, जबकि मलेरिया रोग का कारक प्लाज्मोडियम होता है। यह प्लाज्मोडियम मनुष्य और मादा एनाफिलीज मच्छर में अपना जीवन चक्र पूरा करता है।

यह प्लाज्मोडियम मनुष्य के रक्त में मच्छर के काटने के फलस्वरूप प्रवेश कर जाता है और अलैंगिक चक्र को पूरा करता है, जबकि यह अपना लैंगिक चक्र मच्छर के शरीर में ही पूरा करता है। प्लाज्मोडियम मनुष्य के शरीर में पहुंचते ही विभिन्न अवस्थाओं में परिवर्तित होने लगता है और मनुष्य के शरीर में रोग उत्पन्न कर देता है।

मनुष्य के शरीर में जो आमतौर पर प्लाज्मोडियम मलेरिया रोग का कारक होता है उसको प्लाज्मोडियम वाइबैक्स कहते हैं, यह परजीवी एक बार मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाता है, तो 10 से 12 दिन के अंदर यह मनुष्य में मलेरिया नामक रोग उत्पन्न कर देता है।

मलेरिया के लक्षण Symptoms of Malaria 

मादा एनाफिलीज मच्छर के द्वारा मलेरिया रोग फैलता है और मनुष्य के शरीर में प्लाज्मोडियम वायरस नामक प्रोटोजोआ प्रवेश कर जाता है, जो मलेरिया रोग का कारक माना जाता है। जब मनुष्य को मलेरिया नामक रोग हो जाता है, तो निम्न प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं:-

  1. प्रारंभ में मनुष्य को शारीरिक कमजोरी महसूस होने लगती है, उसके हाथ पैर में दर्द होता है और सिर दर्द होने लगता है।
  2. पीड़ित व्यक्ति को धीमे-धीमे ठंड लगती है, किंतु कभी-कभी अचानक बहुत तेज ठंड लगकर बुखार आने लगता है और शारीरिक कमजोरी भी होने लगती है।
  3. मनुष्य के शरीर का तापमान भी उच्च हो जाता है  यह तापमान 103 फॉरेनहाइट से लेकर 105 फॉरेनहाइट तक पहुंच जाता है।
  4. जब मनुष्य के शरीर में तापमान कम होने लगता है, तब उसको बुखार उतरना माना जाता है और इस स्थिति में मनुष्य को पसीना आता है।
  5. कभी-कभी तेज बुखार होने पर मनुष्य का जी मचलता उसे भूख नहीं लगती और उसे उल्टी की शिकायतें भी होने लगती हैं।
  6. रोगी व्यक्ति को मलेरिया नामक बुखार प्रत्येक दिन या फिर दूसरे दिन या फिर सप्ताह में 3 दिन जरूर आता है।
  7. मलेरिया नामक रोग में व्यक्ति की कार्य क्षमता तो कम हो ही जाती है साथ में तिल्ली भी बढ़ जाती है।
  8. इस रोग में लाल रक्त कणिकाओं को हानि पहुंचती है, रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है मस्तिष्क भी प्रभावित होने लगता है और लंबे समय के पश्चात रोगी की मृत्यु भी हो जाती है।

राष्ट्रीय मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम National Malaria Control Program

भारतवर्ष में मलेरिया एक गंभीर समस्या के रूप में खड़ी रहती है, जबकि ग्रामीण इलाकों में ही मलेरिया के सबसे आधिक रोगी देखने को मिलते है। स्वतंत्रता से पहले भी भारत में लगभग प्रत्येक वर्ष 75 लाख से अधिक मलेरिया के मामले सामने आते थे,

जिनमें लगभग 30,000 से अधिक रोगियों की मृत्यु हो जाती थी। इसलिए भारत को आजादी मिलते ही 1953 में भारत सरकार ने मलेरिया जैसे रोग पर नियंत्रण करने तथा जनमानस में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए राष्ट्रीय मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम

देशभर में चलाया गया, जो 1946 में मोरे समिति की सिफारिश पर और 1951 में योजना आयोग के अनुमोदन पर चलाया गया था। 1953 में भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किए राष्ट्रीय मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के निम्न प्रकार के उद्देश्य थे:- 

  1. मलेरिया के कारण मृत्यु दर को घटाना
  2. मलेरिया के कारण होने वाली मृत्यु को रोकना
  3. कृषि एवं औद्योगिक विकास की गतिविधियों पर मलेरिया के प्रभाव को कम करना

विश्व मलेरिया दिवस World Malaria Day

प्रत्येक वर्ष सम्पूर्ण विश्व में विश्व मलेरिया दिवस 25 अप्रैल को मनाया जाता है। दुनियाँ के लगभग 109 देशों मलेरिया प्रभावित देश है, जिनमें प्रतिवर्ष लाखों लोगो की मृत्यु मलेरिया से होती है।
विश्व मलेरिया दिवस की स्थापना 60 वीं विश्व स्वास्थ्य सभा के दौरान 2007 में हुई थी और 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस के रूप में चिन्हित किया गया।
इस दिन दुनियाँ की विभिन्न स्वास्थ्य संस्थाओं के द्वारा मलेरिया जागरूकता कैंप लगाये जाते है, लोगों को मलेरिया से बचने के उपाय तथा मच्छरो को मारने उनकी प्रजनन क्षेत्रों को खत्म करने के उपाय जन जन तक पहुंचाएँ जाते है, ताकि लोग मलेरिया से बचें।

मलेरिया के बचाव के उपाय Prevention from malaria

मलेरिया रोग का कारक प्लाज्मोडियम होता है, और यह मादा एनाफिलीज मच्छर में अपना लैंगिक चक्र को पूरा करता है, और वहीं से अर्थात मच्छर के काटने से मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है,

इसीलिए अगर मलेरिया रोग से बचना है, तो सबसे पहले हमें मच्छरों से बचना होगा मलेरिया रोग से बचने के यहां पर निम्न प्रकार के उपाय बताए गए हैं:- 

  1. मलेरिया रोग से बचने के लिए सबसे पहले हमें अपने आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए, जहाँ पर भी पानी रुका हुआ है, उस पानी को हटा देना चाहिए।
  2. मच्छर प्रजनन क्षेत्रों को समाप्त कर देना चाहिए, अपने आसपास के तालाबों में मच्छर रोधी दवाई का छिड़काव करना चाहिए।
  3. रात्रि में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए, जबकि दिन में पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने चाहिए।
  4. नगर पालिका, नगर निगम के द्वारा समय-समय पर गांव मोहल्ला की नालियों में मच्छर रोधी दवाई का छिड़काव किया जाना चाहिए।
  5. अगर किसी व्यक्ति को मलेरिया नामक रोग हो जाता है तो उसको तुरंत स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क करवाना चाहिए।
  6. मलेरिया नामक रोग से ग्रसित व्यक्ति की मलेरिया की जांच करवानी चाहिए और जब तक उसका रोग ठीक नहीं होता उसे पूरी तरह से विश्राम करने देना चाहिए।
  7. रोगी को सुपाच्य भोजन देना चाहिए, जबकि अन्य व्यक्तियों को मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए।
  8. रोगी को उचित स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए उसकी ठीक प्रकार से देखभाल करनी चाहिए।

निष्कर्ष Conclusion 

मलेरिया एक परजीवी के द्वारा फैलने वाला रोग है, जो गर्म प्रदेशों में सबसे अधिक फैलता है, इसीलिए मलेरिया से बचने के लिए सबसे पहले हमें अपने बचाव के बारे में सोचना चाहिए। इसलिए मच्छर प्रजनन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, जबकि शारीरिक स्वास्थ्य और शारीरिक सुरक्षा पर ध्यान देकर हम मलेरिया को जड़ से खत्म कर सकते हैं।

दोस्तों आपने यहाँ पर मलेरिया पर निबंध (Essay on Malaria hindi) पढ़ा। आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।

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