सभ्यता का अर्थ और परिभाषा Meaning and definitions of civilization
सभ्यता का अर्थ और परिभाषा Meaning and definitions of civilization
हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख सभ्यता का अर्थ एवं परिभाषा (Meaning and definitions of civilization) में।
दोस्तों आज आप एक महत्वपूर्ण टॉपिक्स सभ्यता के बारे में ठीक से जानकारी प्राप्त करेंगे की सभ्यता क्या है? इसका अर्थ परिभाषा तथा कई महत्वपूर्ण तथ्य जो आपके ज्ञान में वृद्धि करेंगे। तो आइये शुरू करते है, यह लेख सभ्यता का अर्थ और परिभाषा:-
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सभ्यता का अर्थ Meaning of civilization
सभ्यता एक परिभाषिक शब्द है, जिसकी शब्दगत व्युत्पत्ति सभा + यत = सभ्य से हुई है। यहाँ पर "सभ्य" शब्द का अर्थ होता है, ऐसा व्यक्ति जो सभाओं में समाज में उचित आचरण करता हो,
समाज व्यवहारों को भली भांति जानता हो और उन व्यवहारों का ठीक प्रकार से पालन करता हो और समाज के अनुशासन में स्वयं को डालता हो। इस प्रकार से सभ्यस्य या भाव के अर्थ में सभ्य के अंत में तल प्रत्यय लगाने के उपरांत स्त्रीलिंग में सभ्यता शब्द की उत्पत्ति होती है। सभ्य + तल + यप, = सभ्यता।
इस प्रकार से निर्मित किए गए सभ्यता शब्द का अर्थ उन व्यक्तियों से होता है, जो सामाजिक नियमों के व्यवहारों को जानना समाज के अनुरूप व्यवहार करना से होता है। अर्थात जो समाज सभ्य होता है वह हमेशा उन्नत कृषि, नगरीकरण, समाजीकरण, लेखन, मापन, यातायात व्यवस्था, गणित, धातु कर्म, खगोल विद्या आदि कलाओं का विकसित स्वरूप का धोतक होता है।
सभ्यता एवं संस्कृति का अर्थ Meaning of civilization and culture
सभ्यता एवं संस्कृति जिसे अंग्रेजी में सिविलाइजेशन (Civilization) कहा जाता है, यह एक लैटिन शब्द सिविस (Civis) से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है वह व्यक्ति जो नगर में रहता है।
सभ्यता संस्कृति जैसे शब्दों का बड़ा ही नजदीकी रिश्ता देखने को मिलता है। दोनों शब्दों का प्रयोग कभी-कभी एक ही अर्थ में भी देखने को मिल जाता है। जर्मनी में संस्कृति का अभिप्राय मानवीय उत्कृष्टता का संग्रह, कलात्मक उपलब्धि एवं व्यक्ति की निपुणता माना जाता है, तो सभ्यता का जर्मन भाषा में अभिप्राय सामाजिक व्यवस्था से सम्मानित रहने से है।
वर्तमान में औद्योगिक विकास को जर्मन समाजशास्त्र के क्षेत्र में सभ्यता का विकास माना जाता है, जबकि आंग्ल फ्रेंच चिंतन में सभ्यता और संस्कृति का एक ही अर्थ में प्रयोग देखने को मिलता है।
ब्रिटिश मानवशास्त्री टॉयलर ने भी दोनों शब्दों का एक ही अर्थ में प्रयोग किया है। सभ्यता और संस्कृति दोनों शब्दों का एक ही अर्थ में प्रयोग करने का कारण यह है, कि सभ्यता बर्बर स्तर की एक विपरीत स्थिति को दर्शाता है।
सभ्यता की परिभाषा Definitions of civilization
- महादेवी के अनुसार :- सभ्यता मानव के बाह्य आचरण से संबंध रखती है, क्योंकि उसका मूल अर्थ सभा की सदस्यता में निहित है, अंतर्जगत के संवेगों में नहीं। हर व्यक्ति का अंतर्जगत असंस्कृत हो सकता है, परंतु अंतर्जगत संस्कृति में व्यक्ति बाह्य रूप में भी असभ्य नहीं हो सकता।
- मैकाइवर एवं पेज के अनुसार :- सभ्यता से हमारा तात्पर्य उस संपूर्ण क्रिया विधि एवं संगठन से होता है, जिसे मनुष्य अपने जीवन की दशाओं को नियंत्रित करने के उद्देश्य से निर्मित करता है। यह सिर्फ सामाजिक संगठन की व्यवस्थाओं में ही शामिल नहीं होता, बल्कि हमारे प्रविधियों एवं भौतिक उपकरणों को भी शामिल करता है।
आज समाजशास्त्र और मानवशास्त्र में सभ्यता जैसे शब्दों का कोई विशेष महत्व नहीं रह गया है। सभ्यता का प्रयोग इतिहास में हुआ है, जैसे कि
- माया सभ्यता Mayan civilization
- इंडस वैली सभ्यता Indus Valley Civilization
- एंडियन सभ्यता Andean civilization
- अफ्रीकी सभ्यता African civilization
- रोमन सभ्यता( Roman civilization
- मिस्र की सभ्यता ( Egypt civilization
- चीनी सभ्यता Chinese civilization
- मेसोपोटानिया की सभ्यता Mesopotamian Civilization
- मेसोमेरिकन सभ्यता mesoamerican civilization
- मेनियन सभ्यता Minions civilization
- बेबीलोनियन सभ्यता babylonian civilization
सभ्यता और संस्कृति के बीच अंतर Difference between civilization and culture
एलफ्रिड वेबर नामक समाजशास्त्री ने सबसे पहले सभ्यता और संस्कृति के बीच अंतर स्पष्ट करने की कोशिश की इसके बाद में मैकाइवर ने भी सभ्यता तथा संस्कृति के बीच में अंतर समझाने का प्रयास किया, जिन्हें हम निम्न प्रकार के तुलनात्मक बिन्दुओ के आधार पर समझते हैं:-
सभ्यता का ठोस माप संभव है, संस्कृति का नहीं सभ्यता का संबंध वस्तुओं की उपयोगिता और कार्यकुशलता से होता है, इसीलिए उनका माप आसानी से किया जा सकता है, उदाहरण के लिए यदि हमें पहले संदेश भेजना होता है, तब कबूतर हमार संदेश भेजा करते थे,
फिर फैक्स और इंटरनेट ने स्थान ले लिया, इसके विपरीत संस्कृति को मापने के लिए किसी प्रकार का वस्तुनिष्ठ मापदंड नहीं बनाया जा सकता है। उदाहरण के लिए एक श्रेष्ठ रचनाकार की तुलना दूसरे श्रेष्ठ रचनाकार से करना कठिन है।
सभ्यता में निरंतर प्रगति होती है, संस्कृति में नहीं सभ्यता हमेशा प्रगतिशील होती है और वह एक दिशा में तब तक प्रगति करती रहती है, जब तक कि उसके मार्गों में किसी प्रकार की बाधा आना शुरु ना हो जाए, अर्थात यदि किसी के आविष्कार के बाद उस में निरंतर सुधार की प्रक्रिया चलती रहती है,
जब तक उसमें श्रेष्ठ अविष्कार ना किया जा सके, जैसे कि संप्रेषण के लिए पहले टेलीफोन का उपयोग होता था, टेलीफोन के बाद मोबाइल का उपयोग हुआ और मोबाइल के बाद इस दिशा में
अब इंटरनेट कॉलिंग का उपयोग होने लगा है और आगे भी इस दिशा में प्रयास जारी है, किंतु संस्कृति के लिए यह संभव नहीं होता है। संस्कृति के साथ प्रगति की नहीं वरन परंपरा की बात जुड़ी रहती है।
सभ्यता आसानी से हस्तांतरित हो सकती है, संस्कृति नहीं सभ्यता और संस्कृति में एक अंतर यह भी होता है, कि जिसे हम सभ्यता मानते हैं, वह आसानी से हस्तांतरित हो सकती है,
जैसे भौतिक वस्तुऐं, पुस्तक, कपड़े, मोबाइल, टीवी, कार, मकान आदि, जिन्हें हम एक हाथ से दूसरे हाथ में दे सकते हैं, पर संस्कृति में ऐसा नहीं होता अध्यात्म योग ज्ञान कला कानून आदि परंपरा को सीखना पड़ता है।
सभ्यता बिना परिवर्तन किए जा सकती है पर संस्कृति नहीं सभ्यता में बनी वस्तुएँ एक देश से दूसरे देश एक जाति दूसरी जाति या एक समाज से दूसरे समाज में बिना किसी परिवर्तन के पहुँच जाती हैं, आज किसी भी देश में बना सामान दूसरे देश में बिना परिवर्तन के पहुंचाया जाता है, किंतु संस्कृति में ऐसा नहीं होता।
दोस्तों इस लेख में आपने सभ्यता का अर्थ और परिभाषा (Meaning and definitions of civilization) के बारे में पढ़ा, आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।
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