डॉ बीआर अम्बेडकर जयंती Dr br ambedkar jayanti 2022

डॉ बीआर अम्बेडकर जयंती Dr br ambedkar jayanti 2023

हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है आज के हमारे इस लेख डॉक्टर बी.आर अंबेडकर जयंती 2023 (Dr br ambedkar jayanti 2023) में। दोस्तों इस लेख के माध्यम से

आज आप डॉक्टर बी आर अंबेडकर का संक्षिप्त जीवन परिचय के साथ ही डॉक्टर बी आर अंबेडकर जयंती के बारे में जानेंगे कि डॉक्टर बी आर अंबेडकर

की जयंती किस प्रकार से और 2023 में कब मनाई जाएगी तो आइए दोस्तों करते हैं शुरू आज का यह लेख डॉक्टर बी आर अंबेडकर जयंती 2023:-

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डॉ बीआर अम्बेडकर जयंती

डॉक्टर बी आर अंबेडकर का परिचय Dr B.R Ambedkar ka Jivan Parichay 

भारतीय संविधान के पिता कहे जाने वाले डॉक्टर बी.आर अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में रहने वाले महार जाति के रामजी मालोजी सकपाल

और भीमाबाई के यहाँ हुआ था। डॉक्टर भीमराव का बचपन का नाम रामजी सकपाल था उन्होंने अपना नाम सकपाल को हटाकर अंबेडकर एक अपने विशेष टीचर के कहने पर अपने गांव के नाम पर ही रख लिया था।

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अपने माता पिता की चौदहवीं संतान थी, भीमराव अंबेडकर के पिता ब्रिटिश सेना में सेना के पद पर थे उन्होंने भीमराव को पढ़ने के लिए बहुत ही सहायता की,

किंतु महार जाति में जन्म लेने के कारण इन्हे कई सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ा, क्योंकि महार जाति एक अछूत जाति हुआ करती थी।

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने अपने शुरूआती जीवन में सामाजिक और आर्थिक भेदभाव का बड़े ही डटकर मुकाबला किया उस समय निम्न जाति के लोगों की तरह ही उन्हें स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार

नहीं था, कुआँ से पानी भरने का अधिकार नहीं था, जूता चप्पल और अच्छे कपड़े पहनने का अधिकार भी नहीं था, उन्हें अपने बाल कटवाने का भी अधिकार नहीं था,

इन परिस्थितियों के बावजूद भी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने अपनी अध्ययन में निपुणता से मन लगाया और अपने सभी भाई बहनों में सबसे अच्छे विद्वान के रूप में प्रकट हुए।

अपनी पढ़ाई पूरी करने के पश्चात डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भारत सरकार में शोषित वर्ग की सुरक्षा उनके अधिकारों के लिए लड़े और भारत देश के आजाद होने के पश्चात भारत के कानून मंत्री के पद पर आसीन हुए। 

डॉक्टर बी आर अंबेडकर का शोषित वर्ग के लिए Dr BR Ambedkar Contribution for the Depressed Classes

भीमराव अंबेडकर एक अछूत जाति के परिवार में जन्मे थे, इसलिए उन्हें कई सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ा। इन समस्याओं से प्रभावित होकर उन्होंने पढ़ लिख कर समाज के शोषित लोगों

को समाज में सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थिक अधिकार दिलाने के लिए कई अनेक कष्ट भोगे। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने अपना पूरा जीवन जातिवाद,

भेदभाव, छुआछूत जैसी अनेक कुरीतियों को नष्ट करने के संघर्ष में लगा दिया था। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर एक ऐसी राजनीतिक व्यवस्था चाहते थे,

जिसमें समाज के सभी लोगों को समान अधिकार प्राप्त होते हैं, उनको किसी भी प्रकार के भेदभाव का सामना ना करना पड़े। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का मानना था,

कि समानता का अधिकार धर्म और जाति से बढ़कर होना चाहिए, सभी धर्म जाति के लोगों को अपने विकास के लिए समान अधिकार दिए जाने चाहिए,

जो वर्तमान में भारतीय संविधान में अनुच्छेद 14 से लेकर 18 में समानता का अधिकार वर्णित है। अंबेडकर ने स्त्रियों के सम्मान उनकी शिक्षा के लिए भी काफी

प्रयास किया और उन्हें समाज में समान अधिकार दिलाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहे। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने सभी के लिए शिक्षा की मुहिम चलाई उन्होंने कहा जो भी दलित वर्ग में अगर जन्म लेता है,

तो उसे भी शिक्षा का अधिकार है। भेदभाव, छुआछूत शिक्षा के कारण ही खत्म हो सकती है, इसलिए दलित वर्ग के लोग शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार है।

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने लोगों को पाखंड, आडम्बर, झूंठ से दूर रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का स्वरूप ऐसा होना चाहिए,

जिससे व्यक्ति के चरित्र के निर्माण के साथ ही उसका विकास भी संभव हो। मजदूर वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए भी उन्होंने आंदोलन और कई संघर्ष किये।

उनके अथाह प्रयास के कारण ही 12 से 14 घंटे काम करने का बिल समाप्त होकर 8 घंटे काम करने का नियम प्रारंभ हुआ। इसलिए कह सकते है, कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर नें दलित वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए अपना संपूर्ण जीवन ही न्योछावर कर दिया। 

डॉ बीआर अम्बेडकर जयंती मनाना Dr br ambedkar jayanti 2022

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती प्रत्येक वर्ष उनके जन्मदिवस 14 अप्रैल को संपूर्ण भारतवर्ष में सभी वर्गों के लोगों के द्वारा यद्यपि विदेशों में भी मनाई जाती है।

इस दिन भारत सरकार के द्वारा सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। सभी सरकारी कार्यालयों में तथा दफ्तरों में डॉक्टर बी आर अंबेडकर जयंती के सुअवसर पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर फूलमाला चढ़ाकर  उनका सम्मान किया जाता है।

भारत सरकार के राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री भी उनकी समाधि स्थल चैत्य भूमि पर जाकर उनको नमन करते हैं और फूल माला अर्पण करते हैं।

भारतवर्ष में निम्न जाति के लोगों के द्वारा डॉक्टर बी आर अंबेडकर की जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है, क्योंकि निम्न जाति के लोग डॉक्टर बी आर अंबेडकर को अपना मसीहा मानते हैं,

क्योंकि इनके द्वारा ही इन्हें समाज में रहने का समान अधिकार, शिक्षा का अधिकार और कई अधिकार प्राप्त हो गए हैं। डॉक्टर बी आर अंबेडकर जयंती पर बहुत से स्कूलों में डॉक्टर बी आर अंबेडकर की

जयंती मनाई जाती है, स्कूल के प्रिंसिपल तथा शिक्षकों के द्वारा छात्र तथा छात्राओं को डॉक्टर बी आर अंबेडकर के महान कार्यों के बारे में बताया जाता है।

उनके विचारों के बारे में छात्र तथा छात्राओं को बताया जाता है। गांव में भी डॉक्टर बी आर अंबेडकर की जयंती बड़े ही धूमधाम और उल्लास के साथ मनाई जाती है। गांव के निम्न वर्ग के लोगों के द्वारा गांव में जुलूस और शोभा यात्राएँ निकाली जाती हैं।

डॉक्टर बी आर अंबेडकर की गाने बजाए जाते हैं, लोग डांस करते हैं, डीजे बजते हैं और अपनी खुशी प्रकट करते हैं। अंत में शोभायात्रा के बाद गांव के बड़े बुजुर्गों और विद्वान लोगों के द्वारा

डॉक्टर बी आर अंबेडकर के चित्र पर फूल माला अर्पण कर उनके विचारों को लोगों के सामने प्रस्तुत किया जाता है। 14 अप्रैल का दिन निम्न वर्ग के लोगों अर्थात शेड्यूल कास्ट (SC) और शेड्यूल ट्राइब कास्ट (ST) के

लोगों के लिए बहुत ही उल्लेखनीय अर्थात त्योहार की तरह होता है। इस दिन बहुत से लोग अपने घर में अच्छे पकवान बनाते हैं और घर में डॉक्टर

बी आर अंबेडकर की जयंती मनाई जाती है, उनकी पूजा की जाती है, दीप जलाए जाते हैं, अर्थात डॉक्टर बी आर अंबेडकर जयंती के दिवस हर घर में दिवाली का अवसर जैसा दिखाई देता है।

दोस्तों आपने इस लेख में डॉ बीआर अम्बेडकर जयंती (Dr br ambedkar jayanti 2022) के बारे में पढ़ा। आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।

इसे भी पढ़े:-

  1. डॉ.बीआर अम्बेडकर पर 10 लाइन
  2. जय भीम शायरी स्टेटस
  3. भारतीय संविधान पर निबंध


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