राधा जी के 16 नाम 16 names of Radha ji







राधा जी के 16 नाम 16 names of Radha ji

हैलो नमस्कार दोस्तों आप सभी का फिर स्वागत है, इस लेख राधा जी के 16 नाम (16 Name of Radha ji) में। दोस्तों इस लेख के माध्यम से आप राधा रानी के उन 32 नाम के बारे में जानेंगे

जिनके स्मरण मात्र से ही व्यक्ति सभी दुखों और कष्टों से मुक्ति पा लेता है। राधा जी के 32 नाम का स्मरण करने मात्र से ही भगवान श्रीकृष्णा की कृपा बनी रहती है। तो आइये जानते है, राधा जी के 16 नाम:-

तोता पर निबंध

राधा जी के 16 नाम


राधा कौन थी who was radha 

राधा रानी श्री कृष्ण भगवान की आराधना तथा उनकी प्रेमिका मानी जाती है कहीं-कहीं ग्रंथों में राधा को उनकी पत्नी के नाम से भी उल्लेखित किया गया है।

राधा रानी का जन्म यमुना नदी के पास स्थित एक गांव रावल में राजा वृषभानु के यहां हुआ था. राधा की माता जी का नाम कीर्ति देवी था।

पौराणिक ग्रंथों में बताया जाता है कि राधा ने कीर्ति देवी के गर्भ से जन्म ना लेकर स्वयं धरती से जन्म लिया था और जन्म लेकर कि वह व्यस्क में परिवर्तित हो गई थी.

ब्रह्मवैवर्त पुराण में बताया गया है कि राधा का विवाह है श्री कृष्ण से ना होकर भगवान श्री कृष्ण के ही एक अन्य रूप रापाण (रायाण) से हुआ था।

राधा किसका अवतार थी radha kiska avtar thi 

जब भगवान विष्णु श्रीकृष्णा रूप में पृथ्वी पर अवतार ले रहे थे तो उनके साथ कई देवी देवताओं ने भी जन्म लिया था।

भगवान विष्णु के आठवे अवतार भगवान श्रीकृष्णा थे, तो भगवान विष्णु की अर्धांग्नी माँ लक्ष्मी ने भी राधा के रूप में जन्म लिया था। राधा श्रीकृष्णा की आराधिका थी इसलिए आराधिका से ही उनका नाम राधा पड़ गया।

राधा किस जाति की थी radha kis jati ki thi 

कहा जाता है कि राधा का जन्म ही नहीं हुआ था, राधा तो प्रकट हुंई थी। अर्थात वृषभानु की पत्नी कीर्ति देवी की कोख से राधा ने जन्म नहीं लिया था।

पुराणों में राधा जी के सन्दर्भ में कई प्रकार की कथाएँ प्रचलित है। बताया जाता है कि वृषभानु की पत्नी कीर्ति देवी ने गर्भ में वायु को धारण किया था

किन्तु जब उन्होंने वायु को स्वतंत्र किया तो राधा जी कन्या रूप में प्रकट हो गयी। राधा का विवाह कृष्ण के ही एक अन्य रूप रापाण से हुआ था।

जो वैश्य थे। ब्रह्मवैवर्त पुराण में में बताया गया कि राधा भगवान श्रीकृष्णा के बाएँ अंग से उत्पन्न हुईं थी। किन्तु उन्होंने श्रीकृष्णा को उनकी एक और पत्नी संग देख लिया तो

राधा ने भगवान श्रीकृष्णा को बहुत बुरा भला कहा, जिससे श्रीकृष्णा के मित्र श्रीदामा को गुस्सा आ गया और उन्होंने राधा को पृथ्वीलोक पर मनुष्य रूप में जन्म लेने का श्राप दे दिया। 

राधा जी के 32 नाम 32 names of radha ji 

राधा जी के 32 नामों कि महिमा बड़ी ही निराली है, कहा जाता है, जो भी महिला इन 32 नामों का जाप पूर्ण मन और श्रृद्धा के साथ करता है, वह अपने पति प्रियतम का प्रेम आदर सम्मान पाता है, उसके घर में खुशहाली आती है:- 

1. मृदुल भाषिणी राधा ! राधा !!

2. सौंदर्य राषिणी राधा ! राधा !!

3. परम् पुनीता राधा ! राधा !!

4. नित्य नवनीता राधा ! राधा !!

5. रास विलासिनी राधा ! राधा !!

6. दिव्य सुवासिनी राधा ! राधा !!

7. नवल किशोरी राधा ! राधा !!

8. अति ही भोरी राधा ! राधा !!

9. कंचनवर्णी राधा ! राधा !!

10. नित्य सुखकरणी राधा ! राधा !!

11. सुभग भामिनी राधा ! राधा !!

12. जगत स्वामिनी राधा ! राधा !!

13. कृष्ण आनन्दिनी राधा ! राधा !!

14. आनंद कन्दिनी राधा ! राधा !!

15. प्रेम मूर्ति राधा ! राधा !!

16. रस आपूर्ति राधा ! राधा !!

17. नवल ब्रजेश्वरी राधा ! राधा !!

18. नित्य रासेश्वरी राधा ! राधा !!

19. कोमल अंगिनी राधा ! राधा !!

20. कृष्ण संगिनी राधा ! राधा !!

21. कृपा वर्षिणी राधा ! राधा !!

22. परम् हर्षिणी राधा ! राधा !!

23. सिंधु स्वरूपा राधा ! राधा !!

24. परम् अनूपा राधा ! राधा !!

25. परम् हितकारी राधा ! राधा !!

26. कृष्ण सुखकारी राधा ! राधा !!

27. निकुंज स्वामिनी राधा ! राधा !!

28. नवल भामिनी राधा ! राधा !!

29. रास रासेश्वरी राधा ! राधा !!

30. स्वयं परमेश्वरी राधा ! राधा !!

31. सकल गुणीता राधा ! राधा !!

32. रसिकिनी पुनीता राधा ! राधा !!

दोस्तों इस लेख में आपने राधा जी के 16 नाम (16 Name of Radha ji) पढ़े आशा करता हुँ, यह लेख आपको अच्छा लगा होगा।

इसे भी पढ़े:-

  1. सीता माँ के 108 नाम
  2. पंडित जवाहर लाल नेहरू पर निबंध

Comments

Popular posts from this blog

मानसिक स्वास्थ्य पर निबंध Essay on mental health

चीता पर निबंध Cheetah Par Nibandh

मुंशी प्रेमचंद्र की कहानियाँ Munshi Prechand ki Kahaniyan