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Showing posts from December, 2021

यूनियन बैंक का बैलेंस कैसे चेक करें How to check bank balance of union bank of india

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style="display:block" data-ad-client="ca-pub-4937722633288941" data-ad-slot="3623960447" data-ad-format="auto"> यूनियन बैंक का बैलेंस कैसे चेक करें How to check bank balance of union bank of india हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, आज के हमारे इस लेख यूनियन बैंक का बैलेंस कैसे चेक करें (How to check bank balance of union bank of india) में। दोस्तों आज हम लेख में बताने जा रहें है, कि आप यूनियन बैंक का बैलेंस (Account Balance) कैसे चेक कर सकते हैं? जिसमें हमने यहाँ ऑफलाइन (Offline) और ऑनलाइन (Online) दोनों तरीकों का उपयोग किया है तो आइए दोस्तों करते हैं, आज का यह लेख शुरू यूनियन बैंक का बैंक बैलेंस कैसे चेक करें:- जीवों की द्विनामकरण पद्धति यूनियन बैंक की जानकारी Information of union bank   यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया भारत देश के सार्वजानिक क्षेत्र के सरकारी बैंको में से एक है, जिसकी स्थापना 11 नवम्बर 1919 में मुंबई में एक लिमिटेड कंपनी के रूप में हुई थी, जबकि इसके प्रधान कार्यालय / मुख्यालय का उद्घाटन मुंबई में भारत...

नवरात्री क्यों मनाते है कहानी why Navratri is celebrated Story

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style="display:block" data-ad-client="ca-pub-4621739458290935" data-ad-slot="9682441643" data-ad-format="auto"> नवरात्री क्यों मनाते है कहानी why Navratri is celebrated Story  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है,  आज के हमारे इस लेख नवरात्रि क्यों मनाते हैं? why (Navratri is celebrated) नवरात्रि की कहानी (Story of Navratri) में। दोस्तों नवरात्रि के बारे में आप सभी जानते हैं और आप में से बहुत से लोग नवरात्रि का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाते हैं, तो दोस्तों आइए जानते हैं कि यह नवरात्रि का त्योहार क्यों और कब से मनाया जाता है:- शनिचरा मंदिर मुरैना नवरात्री क्यों मनाते है why Navratri is celebrated नवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जो वर्ष में दो बार मनाई जाती है। एक नवरात्रि गर्मी में चैत्र माह में आती है, जबकि दूसरी नवरात्रि आश्विन माह में आती है। नवरात्रि के उपलक्ष में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं के आधार पर बताया जाता है, कि नवरात्रि का त्यौहार भगवान श्रीकृष्ण के वरदान स...

कोशिका झिल्ली किसे कहते हैं संरचना एवं कार्य Structure and function of cell membrane

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कोशिका झिल्ली किसे कहते हैं संरचना एवं कार्य Structure and function of cell membrane नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, आज के हमारे इस लेख कोशिका झिल्ली किसे कहते हैं इसकी संरचना और कार्य में । दोस्तों आज आप यहाँ पर कोशिका झिल्ली के बारे में विस्तृत रूप से जान पाएंगे। यहाँ पर कोशिका झिल्ली के बारे में सभी महत्वपूर्ण तथ्यों (Importent fect) के साथ वर्णन किया गया है:- द्विनाम पद्धति के जनक कौन है कोशिका झिल्ली किसे कहते हैं what is cell membrane called प्रत्येक जीव का शरीर एक कोशिका या अनेक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है कियोकि कोशिका ही उस जीव की संरचनात्मक तथा क्रियात्मक इकाई (Structural and functional unit) होती है। प्रत्येक कोशिका में विभिन्न प्रकार के कोशिकांग, केंद्रक तथा एक विशेष प्रकार का द्रव्य भरा होता है जिसे जीव द्रव्य, प्लाज्मा, या कोशिका द्रव्य कहा जाता है। इन सभी कोशिकांग तथा जीवद्रव्य को चारों ओर से एक आवरण घेरे हुए रहता है, जिसे कोशिका झिल्ली या प्लाज्मा झिल्ली (Plasma membrane) कहते है। साधारण शब्दों में कह सकते है कि कोशिकाओं में स्थित साइटोप्लाज्म (Cytoplasm) क...

द्विनाम पद्धति के जनक कौन है Who is the father of binomial system

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द्विनाम पद्धति के जनक कौन है Who is the father of binomial system हैलो दोस्तों नमस्कार आपका बहुत - बहुत स्वागत है। इस लेख द्विनाम पद्धति के जनक कौन है ( Who is the father of binomial system) में। दोस्तों इस लेख में में आप जीवों के नामकरण की पद्धति के साथ जीवों और वनस्पतियों के वैज्ञानिक नाम (Scientific Name) के उदाहरण भी देखेंगे। तो आइये दोस्तों शुरू करते है, यह लेख शुरू द्विनाम पद्धति के जनक कौन है:- प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका में अंतर द्वीनाम पद्धति किसने दी थी who gave binomial methods  पृथ्वी पर जीव जंतुओं तथा वनस्पतियो की लाखों प्रजातियाँ (Species) हैं, जो जल तथा थल दोनों जगह पाई जाती हैं। इन सभी के आकार, स्वभाव इनमें होने वाली क्रियाएँ शरीर का गठन व्यवहार विभिन्नता आदि के अध्ययन की सुविधा से जंतुओं का वर्गीकरण अति आवश्यक हो गया था। इसलिए अनेक वैज्ञानिकों ने जंतुओं का वर्गीकरण और नामकरण करने का प्रयास किया, किन्तु वह सर्वमान्य नहीं हुआ। अंततः 1753 ईस्वी में कैरोलस लीनियस नामक वैज्ञानिक ने जीवो के नामकरण की द्विनाम पद्धति को प्रतिपादित किया और वर्गीकरण की नामकरण पद्ध...

गणतंत्र दिवस पर 10 लाइन हिंदी में 10 line on Republic day in hindi

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गणतंत्र दिवस पर 10 लाइन हिंदी में 10 line on Republic day in hindi  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है आज के हमारे इस लेख गणतंत्र दिवस पर 10 लाइन हिंदी में (10 line on Republic day in hindi)। दोस्तों गणतंत्र दिवस के बारे में तो आप सभी जानते हैं, कि गणतंत्र दिवस क्या है? दोस्तों यहाँ पर हमने गणतंत्र दिवस पर 10 लाइन हिंदी में प्रस्तुत की है जिनके द्वारा आपको गणतंत्र दिवस की बेसिक जानकारी प्राप्त हो जाएगी। तो आइये दोस्तों करते है, शुरू यह लेख गणतंत्र दिवस पर 10 लाइन हिंदी में:-: मेरा देश भारत पर निबंध गणतंत्र क्या है what is Republic गणतंत्र का अर्थ होता है गण का तंत्र अर्थात जनता का शासन सामान्य तौर पर कह सकते हैं, कि जनता का जनता के लिए शासन ही गणतंत्र कहलाता है, गणतंत्र वह स्थिति है, जिसमें जनता के द्वारा प्रतिनिधियों को चुना जाता है तथा यह चुने हुए प्रतिनिधि (Representative) देश की शासन व्यवस्था चलाने में सहयोग देते हैं। वास्तव में गणतंत्र मैं जनता के हाथ में ही देश की सत्ता और देश का शासन होता है। जनता किसी भी नेता को कभी भी उसके पद से हटाने का भी सामर्थ्य रखती है। ...

सूरदास का जीवन परिचय Class 10 Surdas ka jeevan parichay class 10th

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सूरदास का जीवन परिचय Class 10 Surdas ka jeevan parichay class 10th  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, आज के इस लेख में महाकवि सूरदास का जीवन परिचय Class 10 (Surdas ka jeevan parichay class 10th ) में। दोस्तों इस लेख के माध्यम से आप हिंदी साहित्य के भक्तिकाल के महान कवि सूरदास के बारे में जानेंगे। की महाकवि सूरदास का जन्म कहाँ हुआ था? महाकवि सूरदास की रचनाएँ कौन-कौन सी हैं? महाकवि सूरदास का भाव पक्ष और कला पक्ष क्या है? दोस्तों सूरदास का जीवन परिचय Class 9, Class 10, Class 11, और Class 12 में अक्सर पूँछा जाता है। आप यहाँ से सूरदास का जीवन परिचय लिखने का आईडिया ले सकते हैं:- तो आइए दोस्तों शुरू करते हैं आज का यह लेख सूरदास का जीवन परिचय Class 10 हिंदी में:- इसे भी पढ़े :-  माखनलाल चतुर्वेदी का जीवन परिचय सूरदास कौन थे Who was Surdas  सूरदास हिंदी साहित्य के भक्तिकाल की प्रेमाश्रयी शाखा के अंतर्गत सगुण ब्रह्मा भगवान श्री कृष्ण के उपासक तथा एक महाकवि थे। जिन्होंने भक्ति काल की प्रेमाश्रयी शाखा को सगुण ब्रह्म धारा से युक्त विभिन्न प्रकार की रचनाएँ प्रस्तुत प...

माखनलाल चतुर्वेदी की कविता Makhanlal chaturvedi ki kavita

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माखनलाल चतुर्वेदी की कविता Makhanlal chaturvedi ki kavita  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है इस लेख माखनलाल चतुर्वेदी की कविता पुष्प की अभिलाषा में। दोस्तों पुष्प की अभिलाषा माखनलाल चतुर्वेदी की कविता है, जो वीररस तथा ओज शैली में लिखी गई है। दोस्तों यहाँ पर आप माखनलाल चतुर्वेदी की कविता पुष्प की अभिलाषा का भावार्थ जान पायेंगे तो आइये दोस्तों पड़ते है यह लेख माखनलाल चतुर्वेदी की कविता पुष्प की अभिलाषा का भावर्थ:- गजानन माधव मुक्तिबोध का जीवन परिचय माखनलाल चतुर्वेदी की कविता पुष्प की अभिलाषा भावार्थ Makhanlal Chaturvedi ki kavita Pushp ki avhilasha ka vhavarth  चाह नहीं, मैं सुरबाला के, गहनों में गूँथा जाऊँ, चाह नहीं प्रेमी-माला में, बिंध प्यारी को ललचाऊँ, चाह नहीं सम्राटों के शव, पर हे हरि डाला जाऊँ, चाह नहीं देवों के सिर पर, चढूँ भाग्य पर इठलाऊँ, मुझे तोड़ लेना बनमाली, उस पथ पर देना तुम फेंक, मातृ-भूमि पर शीश- चढ़ाने, जिस पथ पर जावें वीर अनेक। पुष्प की अभिलाषा का भावार्थ Pushp ki avhilasha ka vhavarth  माखनलाल चतुर्वेदी कहते है कि पुष्प में भी देशप्रेम की भा...

देश प्रेम पर निबंध Essay on Desh prem in hindi

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देश प्रेम पर निबंध Essay on Desh prem in hindi  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख देशप्रेम पर निबंध हिंदी में । दोस्तों यहाँ पर आप देशप्रेम पर निबंध महत्वपूर्ण हैडिंग्स के साथ जान पायेंगे। दोस्तों यह निबंध कक्षा 1से 12 वीं तक अक्सर पूँछा जाता है। तो आइये दोस्तों करते है यह लेख शुरू देश प्रेम पर निबंध:- लाल किला पर निबंध प्रस्तावना Introduction  देश प्रेम वह पुण्य क्षेत्र है अमल असीम त्याग से विलसित  आत्मा के विकास से जिसमें मानवता होती विकसित।। मनुष्य जिस देश, जिस समाज और देश परिवार में जन्म लेता है अगर वह उस देश, उस समाज और उस परिवार के विकास में अपनी भूमिका अदा नहीं करता तो उस मनुष्य का जन्म व्यर्थ माना जाता है। इसलिए मनुष्य जिस देश में जन्म लेता है, जिस समाज में बड़ा होता है अपने आप का विकास करता है, पोषण प्राप्त करता है, और समाज में महत्वपूर्ण स्थान भी प्राप्त करता है, उसे उस समाज, उस देश और उस परिवार के विकास में मनुष्य को अवश्य ही अपना योगदान देना चाहिए। मनुष्य में देश, समाज तथा परिवार के प्रति त्याग, बलिदान और परोपकार की भावना सदा से ही विधमान...