कलयुग में सतयुग कैसे आएगा How will Satyug come in Kali Yuga?

कलयुग में सतयुग कैसे आएगा

कलयुग में सतयुग कैसे आएगा How will Satyug come in Kali Yuga?

हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, आज के हमारे इस लेख कलयुग में सतयुग कैसे आएगा (How will Satyug come in Kali Yuga?)

दोस्तों इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे, कि कलयुग क्या है? सत्य जो किया है? तथा कलयुग में सतयुग कैसे आएगा? तो दोस्तों आइए शुरू करते हैं, आज का यह लेख कलयुग में सतयुग कैसे आएगा:-

सप्तऋषियों के नाम तथा मन्त्र

सतयुग क्या है What is Satyug

संत रामपाल जी महाराज ने कहा है, कि सतयुग वह समय होता है, जिसमें अधर्म में नहीं होता है, पिता से पहले पुत्र की मृत्यु नहीं होती है,

स्त्रियाँ विधवा नहीं होती हैं,सभी व्यक्तियों का शरीर रोग रहित होता है, उन्हें किसी भी प्रकार की बीमारियाँ नहीं सताती हैं, सभी मनुष्य भक्ति मार्ग को अपनाते हैं,

उनके हृदय में दया, परोपकार, प्रेम, करुणा आदि मानवीय गुण विद्यमान होते हैं, सभी मनुष्य ईश्वर से डरते हैं, क्योंकि वे आध्यात्मिक ज्ञान से सर्व कर्मों से परिचित होते हैं। सतयुग में कोई भी व्यक्ति

मन, वचन, कर्म से किसी अन्य को किसी भी प्रकार की पीड़ा उन्हें दुख नहीं पहुंचाता है। लोग दुराचारी नहीं होते हैं, जाति सती स्त्री-पुरुष होते हैं,

वृक्षों की अधिकता होती है, सभी मनुष्य वेदों के आधार पर ही भक्ति करते हैं, अर्थात कहा जा सकता है, कि सतयुग वह समय होता है, जिसमें चारों और खुशहाली संपन्नता और प्रसन्नता ही दिखाई देती है।

कलयुग क्या है What is Kali yuga 

संत रामपाल जी महाराज ने बताया है, कि कलयुग वह समय होता है, जिसमें मानव भक्ति के प्रति आस्था कम रखने लगता है, अगर मनुष्य भक्ति करता भी है,

तो वह शास्त्र विधि त्याग कर देता है और अपने मनमाने तरीके से भक्ति करना शुरू कर देता है, जो श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 16 श्लोक

नंबर 23, 24 में वर्णित है। इसी कारण परमात्मा से प्राप्त होने वाला लाभ मनुष्य को प्राप्त नहीं हो पाता है और मनुष्य नास्तिक होते चले जाते हैं।

कलयुग में लोग धनी बनने के लिए रिश्वत, चोरी, डकैती विभिन्न प्रकार के अनैतिक कार्य करने लगते हैं और इस प्रकार लोग कलयुग में परमात्मा के दोषी होते जाते हैं।

कलयुग में मानव परमात्मा के बनाए हुए विधान को भूल जाता है, कि किस्मत में जितना लिखा है उतना ही प्राप्त होगा किस्मत से अधिक वह प्राप्त नहीं कर पाएगा

यदि अन्य अवैध विधि से वह धन प्राप्त कर लेगा तो वह धन उसके पास नहीं रहेगा, जैसे कि एक व्यक्ति अपने पुत्र को सुखी रखने के लिए अवैध

तरीके से धन प्राप्त करता है, कुछ दिनों पश्चात उसके पुत्र के दोनों गुर्दे खराब हो गये  जैसे तैसे करके उसने गुर्दे बदलवाये, जिसके लिए ₹300000 का खर्च होता है,

जो धन अवैध विधि से जोड़ा गया इकट्ठा किया गया वह सब खर्च हो गया तथा कुछ कर्जा भी उस पर हो गया, फिर लड़के का विवाह किया 6 महीने के पश्चात दुर्घटना में उसका एकलौता पुत्र मृत्यु को प्राप्त हो गया,

अब ना तो पुत्र रहा और ना ही वह अवैध अर्जित किया हुआ धन। अब यहाँ स्थिर क्या रहा शेष तुम्हारे पाप कर्म रहे, जो तुमने गलत काम करके एकठ्ठे किए हैं,

उनको भोगने के लिए अभी तुम बैठे हो और तुम्हें इसके लिए विभिन्न योनिओं को धारणा करना होगा, तुमको पशु, गधा, बैल आदि बनना होगा,

किंतु अगर परम अक्षर ब्रह्म की शास्त्रानुकूल साधना की जाती है तो भक्तों की किस्मत परमेश्वर बदल देता है, क्योंकि परमेश्वर के गुणों में लिखा है, कि परमात्मा निर्धन को धनवान बना देता है।

कलयुग में सतयुग कैसे आएगा How will Satyug come in Kali Yuga?

कलयुग में सतयुग लाने के लिए निम्न प्रकार की बातों का यहाँ पर उल्लेख किया गया है, जो बहुत ही महत्वपूर्ण है। इन बातों को सभी व्यक्तियों को अपने जीवन में जरूर अपनाना चाहिए जिससे उनका जीवन सरल सुखी और संपन्न बनता है:-

मांस खाना पाप है 

एक समय एक संत अपने शिष्य के साथ कहीं जा रहा था, रास्ते में वहाँ पर एक मछुआरा तालाब से कुछ मछलियों को पकड़ रहा था।

मछलियाँ जाल में फंस कर तड़प-तड़प कर मर रही थी, उस समय शिष्य ने अपने गुरुदेव से पूछा हे! गुरुदेव इस अपराधी को उसके अपराधों का क्या दंड मिलेगा।

तब गुरु जी ने कहा शिष्य समय आने पर में तुम्हें बताऊंगा चार-पांच वर्ष के पश्चात दोनों गुरु और शिष्य कहीं जाने के लिए जंगल से निकल रहे थे।

वहाँ पर उन्हें एक हाथी का बच्चा मिला, जो चिल्ला रहा था, उछल कूद करते समय हाथी का बच्चा दो निकट उगे हुए वृक्षों के बीच में फस गया,

अब वह निकल नहीं पा रहा था, किंतु निकलने के प्रयास में उसका सारा शरीर छिल गया, उसके शरीर से लहु निकलने लगा और उसके शरीर में जख्म बन गए,

उसके शरीर में बने हुए जख्मों के ऊपर विभिन्न कीड़े मकोड़े पहुंच गए जो उसको अर्थात उसके जिस्म को नोंचने लगे। अब हाथी का बच्चा बुरी तरह से चिल्ला रहा था, अब शिष्य ने गुरुजी से पूछा हे! गुरुदेव

यह प्राणी कौन है, इसे किस पाप का दंड मिल रहा है? तब गुरुदेव ने कहा पुत्र यह वही मछुआरा है, जो शहर के बाहर जलाशय से मछलियों को पकड़ रहा था।

इस प्रकार से मांस खाना एक भयंकर पाप होता है, जिसका परिणाम आपको अवश्य ही भोगना पड़ेगा, इसीलिए जो व्यक्ति सतयुग की कामना करता है, उसे मांस खाना छोड़ देना चाहिए, क्योंकि अन्य जीवो में भी जीवात्मा होती है जो परमात्मा का ही अंश है।

शराब पीना पाप है 

संत महात्माओं के द्वारा बताया गया है, कि शराब पीने वाले को 70 जन्म कुत्ते के भोगने पड़ते हैं, उसे मल मूत्र खाना पड़ता है, अन्य कष्ट भी उसे भोगने पड़ते हैं,

कियोकि शराब शरीर में बहुत सी हानियाँ उत्पन्न करती हैं। शराब के चार महत्वपूर्ण अंग होते हैं ह्रदय, लीवर, फेफड़े गुर्दे और शराब इन चारों को बहुत ही बुरी तरह से हानि पहुंचा देती है।

शराब पीकर मानव मानव नहीं रह जाता वह पशु के समान हरकतें करने लगता है। कीचड़ में गिर जाता है, कपड़ों में मल-मूत्र और उल्टी कर देता है।

शराब पीने के कारण धन-हानि, मान-हानि और घर में अशांति उत्पन्न हो जाती है। मदिरा अर्थात शराब सतयुग में प्रयोग नहीं होती थी, सतयुग में सभी मानव परमात्मा के विधान से परिचित थे,

जिस कारण वे सुख का जीवन व्यतीत करते थे। अतः सतयुग के आरंभ के लिए व्यक्तियों को शराब पीना छोड़ देना चाहिए, जिससे उनके घर में सुख शांति और संपन्नता का वातावरण रहेगा और वह ईश्वर के प्रिय तथा समाज में सम्मान पत्र रहेंगे।

इसीलिए कहा गया है, कि

मदिरा पीवे कड़वा पानी सत्तर जन्म स्वान के जानी।।

दुराचार करना पाप है

संत महाराज ने कहा है, कि जो भी व्यक्ति किसी परस्त्री के साथ दुष्कर्म करता है, तो वह 70 जन्म अंधे का जीवन भोगता है, इसीलिए जो व्यक्ति बुद्धिमान होता है,

वह इस प्रकार की गलती कभी नहीं करता वह तो मूर्ख ही होता है, जो ऐसा काम करता है और आग में ही हाथ डाल लेता है और मौत को मोल ले लेता है,

जैसे कोई व्यक्ति किसी अन्य के खेत में बीज डालता है, तो वह महामूर्ख है। बुद्धिमान व्यक्ति ऐसा कभी नहीं करता और वही वैश्यागमन को ऐसा मानव जैसे

कुरड़ियों पर गेहूं का बहुमूल्य थैला भर कर डाल आए। जबकि बुद्धिमान व्यक्ति यह नहीं करता है। यह तो केवल महामूर्ख निर्लज्ज शराबी और घमंडी व्यक्ति ही करते हैं,

इसीलिए यह विषय विचार करने योग्य है, जो पदार्थ शरीर से नाश होते हुए आनंद का अनुभव कराता है, यदि वह शरीर में सुरक्षित रखा जाए तो कितना आनंद देगा

दीर्घायु, स्वास्थ्य शरीर, स्वस्थ मस्तिष्क, शूरवीरता तथा स्फूर्ति प्रदान करता है, जिस पदार्थ से अनमोल बच्चा प्राप्त होता है, उसका नाश करना

बच्चे की हत्या करने के तुल्य है, इसलिए दुराचार करना तथा अनावश्यक भोग विलास वर्जित है और यह सभी कलयुग के लक्षण होते हैं।

तंबाकू सेवन पाप है

जैसे कि ऊपर वर्णन किया गया है, एक बार शराब पीने पर सत्तर जन्म कुत्ते के भोगने पड़ते हैं, फिर वह मल-मूत्र खाता पीता फिरता है,

परस्त्री गमन करने पर 70 अंधे जन्म भोगना पड़ता है। मांस खाने वाला भी महाकष्ट का भागी होता है, उपरोक्त सर्व पाप सौ-सौ बार करने वाले को जो पाप होता है,

वह एक बार हुक्का पीने वाले अर्थात तंबाकू सेवन करने वाले को सहयोग देने वाले को प्राप्त होता है। तंबाकू सेवन करने वाले हुक्का सिगरेट बीड़ी या अन्य विधि से सेवन करने वाले तंबाकू खाने वालों को क्या पाप लगेगा

वह घोर पाप का भागी होगा। एक व्यक्ति जो तंबाकू सेवन करता है, जब हुक्का या बीड़ी सिगरेट पीकर धुंआ छोड़ता है, तो वह धुंआ उसके छोटे-छोटे बच्चों के शरीर में प्रवेश करके हानि करने लगता है

और वह बच्चे शीघ्र बुराई को ग्रहण करने लगते हैं, तथा उनका स्वास्थ्य बिगड़ जाता है, इसीलिए सतयुग का प्रारंभ करने के लिए तंबाकू का सेवन पूर्ण रूप से त्याग देना चाहिए, जिस कारण से मनुष्य का शरीर तथा मस्तिक स्वास्थ्य रहता है।

इसी के साथ ऐसी विभिन्न प्रकार के पाप कर्म हैं, जिन्हें मनुष्य को त्याग देना चाहिए, जिनमें, चोरी, डकैती, रिश्वतखोरी आदि कई प्रकार के पाप आते है।

इन पाप कर्मो के स्थान पर लोगों में ईमानदारी, दया भावना, करुणा, प्रेम, ईश्वर की भक्ति आदि गुण विद्यमान होने चाहिए लोगों को एक दुसरे के सुख - दुख को समझना चाहिए, इन सभी के साथ ही कलयुग में सतयुग का फिर से आगमन होगा।

दोस्तों इस लेख में आपने कलयुग में सतयुग कैसे आएगा (How will Satyug come in Kali Yuga?) के बारे में पढ़ा। आशा करता हुँ, आपको यह लेख पसंद आया होगा।

इसे भी पढ़े:-

  1. भगवान विष्णु के 10 अवतार
  2. माँ काली की कथा



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