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Showing posts from February, 2022

विटामिन डी 3 खाद्य पदार्थ Vitamin D3 Foods

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विटामिन डी 3 खाद्य पदार्थ Vitamin D3 Foods हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख विटामिन डी 3 खाद्य पदार्थ (Vitamin D3 Foods) में। दोस्तों इस लेख के अंतर्गत आप विटामिन डी 3 क्या है? विटामिन डी 3 कमी के लक्षण, विटामिन डी 3 लाभ जानेंगे। तो आइये करते है शुरू यह लेख विटामिन डी 3 खाद्य पदार्थ:- विटामिन डी के स्रोत रोग लक्षण उपचार विटामिन डी 3 क्या है What is Vitamin D3 विटामिन डी के बारे में तो आप सभी जानते हैं, इसे धूप का विटामिन या सूर्य से प्राप्त विटामिन के नाम से भी जाना जाता है। विटामिन डी का रासायनिक नाम कैल्सीफेरोल (Calciferol) होता है। किंतु बहुत से लोगों को विटामिन D3 के बारे में जानकारी नहीं होती है, तो दोस्तों यहाँ पर हम आपको बता देना चाहते हैं, कि विटामिन D3 विटामिन डी का ही प्रकार है। जी हाँ विटामिन डी के दो प्रकार होते हैं। विटामिन D2 और विटामिन D3 (कॉलेकैल्सिफेरॉल) जो वसा में घुलनशील विटामिन होते हैं, तथा वसा में घुलनशील विटामिन होने के कारण यह हमारे वसीय स्तर में स्टोर भी हो जाता है तथा लंबे समय तक उपयोग में आता है। विटामिन D3 का कैल्शियम के साथ बड़ा ही ...

कलयुग में सतयुग कैसे आएगा How will Satyug come in Kali Yuga?

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कलयुग में सतयुग कैसे आएगा How will Satyug come in Kali Yuga? हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, आज के हमारे इस लेख कलयुग में सतयुग कैसे आएगा (How will Satyug come in Kali Yuga?) दोस्तों इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे, कि कलयुग क्या है? सत्य जो किया है? तथा कलयुग में सतयुग कैसे आएगा? तो दोस्तों आइए शुरू करते हैं, आज का यह लेख कलयुग में सतयुग कैसे आएगा:- सप्तऋषियों के नाम तथा मन्त्र सतयुग क्या है What is Satyug संत रामपाल जी महाराज ने कहा है, कि सतयुग वह समय होता है, जिसमें अधर्म में नहीं होता है, पिता से पहले पुत्र की मृत्यु नहीं होती है, स्त्रियाँ विधवा नहीं होती हैं,सभी व्यक्तियों का शरीर रोग रहित होता है, उन्हें किसी भी प्रकार की बीमारियाँ नहीं सताती हैं, सभी मनुष्य भक्ति मार्ग को अपनाते हैं, उनके हृदय में दया, परोपकार, प्रेम, करुणा आदि मानवीय गुण विद्यमान होते हैं, सभी मनुष्य ईश्वर से डरते हैं, क्योंकि वे आध्यात्मिक ज्ञान से सर्व कर्मों से परिचित होते हैं। सतयुग में कोई भी व्यक्ति मन, वचन, कर्म से किसी अन्य को किसी भी प्रकार की पीड़ा उन्हें दुख नहीं पहुंचाता है। लोग दुर...

शुक्र ग्रह का स्वामी कौन है Shukra Grah ka Svami kaun hai

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शुक्र ग्रह का स्वामी कौन है Shukra Grah ka Svami kaun hai  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, आज के हमारे इस लेख शुक्र ग्रह का स्वामी कौन है (Shukra Grah ka Svami kaun hai) में। दोस्तों इस लेख के माध्यम से आज आप शुक्र ग्रह का स्वामी कौन है? के साथ ही शुक्र ग्रह क्या है? शुक्र ग्रह से होने वाले रोग, शुक्र ग्रह से बचने के उपाय और शुक्र ग्रह से संबंधित मंत्र आदि के बारे में जानेंगे, तो आइए दोस्तों बढ़ते हैं, आज के इस लेख में और जानते हैं, शुक्र ग्रह का स्वामी कौन है:- माँ दुर्गा के 32 नाम और प्रसन्न करने वाले शक्तिशाली मन्त्र शुक्र ग्रह क्या है what is shukra grah  शुक्र ग्रह सौरमंडल का बुध के बाद सूर्य का सबसे पास वाला ग्रह है, जिसकी सूर्य से औसत दूरी लगभग 10 करोड 8200000 किलोमीटर होती है। शुक्र ग्रह आकार में पृथ्वी के लगभग समान ही है, इसीलिए इसे पृथ्वी की जुड़वा बहन के नाम से जाना जाता है। शुक्र ग्रह पर कार्बन डाइऑक्साइड गैस (CO2) सबसे अधिक है, इसलिए यह सूर्य के प्रकाश को परावर्तित कर देता है और ज्यादा चमकदार दिखाई देता है। शुक्र ग्रह को सौंदर्य का ग्रह तथा बौद्धिक...

अवतार की परिभाषा Definition of avatar

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अवतार की परिभाषा Definition of avatar हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख अवतार की परिभाषा (Definition of avatar) में। दोस्तों इस लेख में आप अवतार की परिभाषा तथा काल ब्रम्ह के अवतारों की जानकारी प्राप्त करेंगे। तो आइये दोस्तों करते है, शुरू यह लेख अवतार की परिभाषा:- इसे भी पढ़े: -  भगवान विष्णु के 10 अवतार अवतार की परिभाषा Definition of avatar अवतार का अर्थ ऊँचे स्थान से नीचे स्थान पर उतरना होता है, जिसे विशेषकर शुभ शब्द उन उत्तम आत्माओं के लिए प्रयोग किया जाता है, जो धरती पर विभिन्न अद्भुत कार्य करते हैं और उनको परमात्मा की ओर से भेजा हुआ माना जाता है या फिर वह स्वयं ही परमात्मा होते है। श्रीमद् भागवत अध्याय 15 श्लोक 1 से 4 तथा 16 से 17 में 3 महापुरुषों (प्रभुओं) का ज्ञान। 1 क्षर जिसे ब्रह्म भी कहा जाता है, जिसका ओम ( ॐ ) नाम साधना का होता है इसका प्रमाण गीता अध्याय 8 श्लोक 13 में है। 2 अक्षर पुरुष जिसको परब्रह्म के नाम से जाना जाता है, जिसकी साधना का मंत्र तत जो सांकेतिक है और इसका प्रमाण गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में है। 3 उत्तम पुरुष तू: अन्य श्रेष्ठ पुरुष परम...

विभीषण का जीवन परिचय Vibhishan ka jivan Parichay

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विभीषण का जीवन परिचय Vibhishan ka jivan Parichay  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख विभीषण का जीवन परिचय (Vibhishan ka jivan Parichay) में। दोस्तों इस लेख में आप विभीषण कौन था? विभीषण का जन्म कैसे हुआ? विभीषण पूर्व जन्म में कौन था? के साथ ही आप विभीषण की पत्नी का नाम तथा अन्य तथ्यों के बारे में जानेंगे:- मंथरा कौन थी मंथरा की कहानी विभीषण कौन था who was vibhishan   विभीषण रामायण का एक प्रमुख पात्र महर्षि पुलत्स्य के पुत्र महर्षि विश्ववा तथा कैकसी का पुत्र था। विभीषण के दो बड़े भाई रावण और कुंभकरण और एक बहन शूर्पनखा थी। विभीषण के दोनों बड़े भाई रावण और कुंभकरण के साथ ही शूर्पणखा राक्षसी कैकसी और उसके पिता सुमाली के प्रभाव के कारण राक्षस थे, किंतु विभीषण अपने पिता महर्षि विश्ववा के प्रभाव के कारण राक्षस जाति में जन्म लेने के पश्चात भी एक महान तथा पवित्र आत्मा रहे। वे हमेशा ईश्वर की भक्ति करते थे तथा अहिंसा और जीव हत्या से दूर रहते थे। विभीषण ने महाराज रावण के साथ ही लंका में रहकर भगवान श्री राम की भक्ति की और अंत में भगवान श्री राम के चरणों में स्थान प्र...

इंटरनेट विषय पर 100 शब्दों में निबंध Essay on Internet Subject in 100 words

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इंटरनेट विषय पर 100 शब्दों में निबंध Essay on Internet Subject in 100 words नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख इंटरनेट विषय पर 100 शब्दों में निबंध (Essay on Internet Subject in 100 words) में। दोस्तों इस लेख में इंटरनेट की संक्षिप्त तथा महत्वपूर्ण जानकारी आपको दी गई है। तो आइये दोस्तों करते है, शुरू यह लेख इंटरनेट विषय पर 100 शब्दों में निबंध:- समाचार पत्र पर निबंध प्रस्तावना Preface  इंटरनेट के नाम से आज विश्व का बच्चा-बच्चा परिचित है, क्योंकि यह आधुनिक दुनिया में जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है। इंटरनेट का फुल फॉर्म इंटरनेशनल नेटवर्क (International Network) होता है, जिसे हिंदी में अंतरजाल बोला जाता है। क्योंकि इसके द्वारा विश्व के सभी इलेक्ट्रॉनिक गेजेट जैसे कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप आदि जोड़े जाते हैं। इंटरनेट का आविष्कार अमेरिका में सबसे पहले हुआ था अमेरिका के एक विश्वविद्यालय में वहाँ के सभी कंप्यूटर को इंटरनेट से जोड़ने प्रयास किया गया था। प्रारंभ में इसका नाम अर्पानेट था। किंतु इंटरनेट के आविष्कार का श्रेय डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस (Department of Defence) अ...

एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम क्या है संरचना कार्य What is endoplasmic reticulum Structure and function

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एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम क्या है संरचना कार्य what is endoplasmic reticulum Structure and function  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, आज के हमारे इस लेख एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम क्या है संरचना कार्य (What is endoplasmic reticulum structure and function) में। दोस्तों इस लेख के माध्यम से आज आप कोशिका के प्रमुख अंगक एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम,  जिसे हिंदी में अंतः प्राद्रव्यी जालिका कहते है के बारे में जानेंगे, कि  एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम क्या है? इसका कार्य क्या है? तथा इसकी संरचना क्या है? तो आइए दोस्तों बढ़ते हैं इस लेख एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम क्या है संरचना तथा कार्य:- एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम क्या है what is endoplasmic reticulum   एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम in hindi - कोशिका के कोशिका द्रव में लंबी छड़ो के समान जालिकावत संरचनाएँ होती हैं, जो कोशिका झिल्लियो के आपस में जुड़ने से बनती हैं तथा कोशिका के कंकाल का निर्माण करके कोशिका को निश्चित आकृति प्रदान करती हैं, उन रचनाओं को ही अंतः प्राद्रव्यी जालिका या फिर एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम कहा जाता है। एंडोप्लास्मिक रेटिकु...

केंद्रक की संरचना तथा कार्य Structure of nucleus and function

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केंद्रक की संरचना तथा कार्य Structure of nucleus and function  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है इस लेख केंद्रक की संरचना तथा कार्य (Structure of nucleus and function ) मे। दोस्तों इस लेख मे आप केंद्रक किसे कहते है, केंद्रक की संरचना, केंद्रक की खोज तथा केंद्रक के कार्य न्यूक्लियस की खोज किसने की के बारे में जानेंगे, तो आइए दोस्तों करते हैं आज का यह लेख शुरू केंद्रक की संरचना तथा कार्य:- कोशिका किसे कहते है प्रकार सिद्धांत केंद्रक किसे कहते हैं What is nucleus  न्यूक्लियस क्या होता है- सभी यूकैरियोटिक कोशिकाओं के कोशिका द्रव में एक बड़ी, गोल संरचना पाई जाती है, जिसे केंद्रक कहा जाता है, जिसकी खोज 1831 में रॉबर्ट ब्राउन (Robert Brown) ने की थी। केंद्रक किसी भी कोशिका का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है, कियोकि यह कोशिका में होने वाली विभिन्न प्रकार की बायोलॉजिकल क्रियाओं (Biological reaction) का नियंत्रण करता है। इसलिए इसको कोशिका का मैनेजर के नाम से भी जाना जाता है। केंद्रक चारों ओर से एक विशेष प्रकार की दोहरी झिल्ली के द्वारा घिरा हुआ रहता है, जिसे केंद्रक झिल्ली ...