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Showing posts from June, 2022

किसी यात्रा का वर्णन निबंध Kisi yatra ka varnan nibandh

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किसी यात्रा का वर्णन निबंध Kisi yatra ka varnan nibandh  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख किसी यात्रा का वर्णन निबंध (Kisi yatra ka varnan nibandh) में। दोस्तों यहाँ पर आप किसी यात्रा का वर्णन निबंध में आप प्रमुख हैडिंग्स के साथ ही इस निबंध को पड़ेंगे। यह निबंध कक्षा 5 से 12 वीं तक पूँछा जाता है, इसलिए आप यहाँ से किसी यात्रा का वर्णन निबंध पर निबंध लिखने का आईडिया लें सकते है:- इसे भी पढ़े:-  वाराणसी पर निबंध Essay on varansi in hindi प्रस्तावना Preface  यात्रा करना (Trevelling) हमारे जीवन का सबसे अभिन्न अंग है, क्योंकि हम किसी न किसी रूप में किसी कार्य कारण मनोरंजनवश यात्राएँ अवश्य करते हैं। हम एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं तो उसको ही यात्रा कहा जाता है और यह यात्रा हम अपने निज निवास से किसी दूसरे के निज निवास पर जाने के लिए भी करते हैं, या फिर किसी अन्य स्थान पर जिसमें दूरी कम और अधिक भी हो सकती है, कुछ यात्राएँ हम किसी कार्य बस करते हैं तो कुछ यात्राएं हम धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने के लिए करते हैं तो कुछ यात्राएँ सांस्कृतिक कार्यक्रम (Cu...

राजेंद्र प्रसाद के बारे में 5 लाइन 5 line about dr Rajendra prasad

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राजेंद्र प्रसाद के बारे में 5 लाइन 5 line about dr Rajendra prasad  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख राजेंद्र प्रसाद के बारे में 5 लाइन 1 0 लाइन (5 line about dr Rajendra prasad) में। दोस्तों इस लेख से आप राजेंद्र प्रसाद के बारे में 5 लाइन, 10 लाइन के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे। तो आइये शुरू करते है, यह लेख राजेंद्र प्रसाद के बारे में 5 लाइन:- इसे भी पढ़े:-  लाल बहादुर शास्त्री का परिचय Lal bahadur shastri ka parichay राजेंद्र प्रसाद के बारे में 5 लाइन 5 line about dr Rajendra prasad  डॉ राजेंद्र प्रसाद एक महान क्रांतिकारी साहित्यकार और राजनेता के रूप में संपूर्ण भारत के साथ विश्व में भी जाने जाते हैं।  डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का जन्म बिहार राज्य के छपरा नामक जिले के एक छोटे से गांव जीरोदोई मैं हुआ था। डॉ राजेंद्र प्रसाद जन्म से ही एक प्रतिभावान और गुणी व्यक्ति थे। उन्होंने अपना अध्ययन कोलकाता विश्वविद्यालय में किया वहां पर उन्होंने m.a. और एल एम की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने मुजफ्फरनगर के एक महाविद्यालय में अध्यापन का कार्य किय...

डॉ राजेंद्र प्रसाद का जीवन परिचय हिंदी मैं dr rajendra prasad ka jeevan parichay hindi main

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डॉ राजेंद्र प्रसाद का जीवन परिचय हिंदी मैं dr rajendra prasad ka jeevan parichay hindi main  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख डॉ राजेंद्र प्रसाद का जीवन परिचय हिंदी मैं (dr rajendra prasad ka jeevan parichay hindi main) दोस्तों इस लेख में आप डॉ राजेंद्र प्रसाद का जीवन परिचय के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जानेंगे। तो आइये शुरू करते है, यह लेख डॉ राजेंद्र प्रसाद का जीवन परिचय हिंदी मैं:- इसे भी पढ़े:-  गुरु तेगबहादुर का परिचय Guru tegbahadur ka parichay डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का जीवन परिचय dr rajendra prasad ka jeevan parichay hindi main   डॉ राजेंद्र प्रसाद एक महान क्रांतिकारी राजनीतिज्ञ तथा साहित्यकार के रूप में भारत सहित विश्व के कोने-कोनेमें जाने जाते हैं, ऐसे महान प्रतिभावान आत्मा का जन्म भारत देश के राज्य बिहार के प्रसिद्ध जिला छपरा के एक छोटे से गांव जीरोदोई में हुआ था। उनके पिता का नाम महादेव सहाय था, जो संस्कृत और फारसी के प्रकांड विद्वान थे, जबकि माता जी का नाम कमलेश्वरी देवी था, जो एक धर्मपरायण, पतिव्रता महिला थीं। प्रसाद का वि...

समय का सदुपयोग पर निबंध 10 लाइन Ten line essay on utility of time

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समय का सदुपयोग पर निबंध 10 लाइन Ten line essay on utility of time  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख समय का सदुपयोग पर निबंध 10 लाइन (Ten line essay on utility of time) में। दोस्तों यहाँ पर आप समय का सदुपयोग पर निबंध 10 लाइन पड़ेंगे। जहाँ पर समय के सदुपयोग से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य बताये गए है:- इसे भी पढ़े :-  माखनलाल चतुर्वेदी की कविता Poem of Makhanlal chaturvedi समय का सदुपयोग पर निबंध 10 लाइन Ten line essay on utility of time  समय एक ऐसा आयाम है, जो एक बार जीवन से जाता है तो लौट कर नहीं आता। समय निरंतर चलने वाली प्रिक्रिया है, जो कभी नहीं रूकती और इसे कोई रोक भी नहीं सकता है। समय के अनुसार ही प्रकृति के सभी कार्य होते है सूर्य, चंद्र, ग्रह, नक्षत्र सब समय अधीन है। सभी व्यक्तियों को समय का सदुपयोग करना चाहिए कियोकि समय एक बार बीत जाता है, तो लौट कर फिर नहीं आता है। जो लोग समय के महत्व को समझते है, वे अपने सभी कार्य समय पर करते है, उनका हर एक काम बनता है, वे सभी उद्देश्यो में सफल होता है, इसलिए समाज में उनकी अच्छी प्रतिष्ठा होती है। जो लोग समय के...

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम Theme of International Yoga Day 2022

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम Theme of International Yoga Day 2022 हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, आज के हमारे इस लेख अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम (Theme of International Yoga Day 2022) में । दोस्तों इस लेख के माध्यम से आज आप अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस क्या है? अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कब से मनाया जा रहा है? अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के बारे में 10 वाक्य पड़ेंगे। तो आइए दोस्तों पढ़ते हैं, इस लेख में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम:- इसे भी पढ़े:-  जल संकट पर निबंध Essay on water crisis in india अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस क्या है what is international yoga day योग मनुष्य के शारीरिक मानसिक तथा आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ही आवश्यक होता है, इसलिए भारतीय संस्कृति में योग का सबसे बड़ा योगदान है। क्योंकि यह भारत में प्राचीन काल से ही चला आ रहा है,  जो मनुष्य को शारीरिक मानसिक तथा आध्यात्मिक सुख प्रदान करता है। इसीलिए योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाकर वर्तमान में शारीरिक मानसिक तथा आध्यात्मिक सुख से वंचित लोगों क...

गुप्त साम्राज्य के पतन के कारण Gupt samrajya ke patan ke karan

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गुप्त साम्राज्य के पतन के कारण Gupt samrajya ke patan ke karan  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख गुप्त साम्राज्य के पतन के कारण (Gupt samrajya ke patan ke karan) में। दोस्तों इस लेख के माध्यम से आप गुप्त साम्राज्य के पतन के कौन - कौन से कारण है जान पायेंगे। तो आइये शुरू करते है, यह लेख गुप्त साम्राज्य के पतन के कारण:- इसे भी पढ़े:-  हंटर आयोग 1882 का इतिहास गुप्त साम्राज्य के पतन के कारण Gupt samrajya ke patan ke karan  गुप्त साम्राज्य जिसकी स्थापना श्रीगुप्त नामक शासक ने की तथा वास्तविक संस्थापक चन्द्रगुप्त प्रथम था, जिस वंश में चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य, समुद्रगुप्त जैसे महाप्रतापी शासकों ने जन्म लिया उसकी स्थापना चौथी शताब्दी (4th century) में हुई थी। इस वंश के शासकों ने लगभग छठवीं शताब्दी (6th century) तक शासन किया किंतु विभिन्न प्रकार के कारणों के फलस्वरुप गुप्त साम्राज्य का पतन छठवीं शताब्दी के लगभग मध्य में हो गया। गुप्त साम्राज्य को विस्तृत और सशक्त बनाने में सबसे प्रमुख भूमिका सबसे प्रसिद्ध गुप्त शासक समुद्रगुप्त जिसे भारत का नेपोलियन (Napo...

गुरु तेगबहादुर पर निबंध Essay on Guru Tegbahadur

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गुरु तेगबहादुर पर निबंध Essay on Guru Tegbahadur   हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख गुरु तेगबहादुर पर निबंध (Essay on Guru Tegbahadur) में। दोस्तों यहाँ पर आप गुरुतेगबहादुर पर निबंध हिंदी में पड़ेंगे। जिसके अंतर्गत आप गुरु तेगबहादुर का जीवन परिचय, शिक्षाएँ, बलिदान आदि जानेंगे। दोस्तों यहाँ से आप गुरु तेगबहादुर पर निबंध लिखने का आईडिया भी लें सकते है, तो आइये करते है, शुरू यह लेख गुरु तेगबहादुर पर निबंध:- इसे भी पढ़े:-   मंगल पांडे पर निबंध Essay on Mangal Pandey गुरु तेग बहादुर पर निबंध 200 शब्द Essay on guru tegbahadur in 200 words   सिक्खों के नोवें गुरु तेग बहादुर एक महान कवि, योद्धा, तथा शिक्षक थे, जिन्होंने हमेशा ही शांति तथा प्रेम के साथ लोगों को रहने की सीख दी। ऐसे महान गुरु का जन्म 1 अप्रैल 1621 में पंजाब के अमृतसर नामक स्थान पर हुआ और उनका नाम त्याग मल रखा गया। इनके पिता का नाम गुरु हरगोविंद सिंह था, जो सिक्खों के छठवें गुरु थे और माता जी का नाम नानकी था। गुरु तेगबहादुर ने हिंदी संस्कृत तथा गुरुमुखी सीखी जबकि घुड़सवारी, तीरदाजी, और तलवारबाज...

flipkart फ्रेंचाइजी कैसे लें How to take flipkart frenchise

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flipkart फ्रेंचाइजी कैसे लें How to take flipkart frenchise  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख flipkart फ्रेंचाइजी कैसे लें How to take flipkart frenchise में। दोस्तों इस लेख में आपको साधारण भाषा में बिल्कुल सरल तरीके से स्टेप बाय स्टेप बताया गया है, कि flipkart फ्रेंचाइजी कैसे लें। तो आइये जानते है पूरा प्रोसेस flipkart फ्रेंचाइजी कैसे लें :- इसे भी पढ़े: -  Club factory अल्टरनेटिव इन इंडिया फ्लिपकार्ट क्या है What is flipkart फ्रेंचाइजी कैसे लें दोस्तों वर्तमान में सभी लोग अपने कार्य में बिजी रहते है, उनके पास घूमने का खाने - पीने और बाजार जाकर सामान लेने का समय भी नहीं होता है, ऐसे में उनके समय की बचत ई कॉमर्स कम्पनियाँ करती है, जो व्यक्ति को विभिन्न जरूरतों के सामान उनके घर पर पहुँचा देते है, उन्ही ई-कॉमर्स कम्पनियों में से एक कम्पनी है फ्लिपकार्ट । फ्लिपकार्ट भारत की जानी-मानी एक ई-कॉमर्स कंपनी है जो भारत में अपनी डिलीवरी सुविधाओं और बेहतर सेवा शर्तों के कारण जानी जाती है। फ्लिपकार्ड प्राइवेट लिमिटेड इंडियन ई-कॉमर्स कंपनी (E-Commerce Compnay) के रूप ...

कनिष्क का इतिहास तथा परिचय History and Introduction of Kanishka

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कनिष्क का इतिहास तथा परिचय History and Introduction of Kanishka हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख कनिष्क का इतिहास तथा परिचय (History and Introduction of Kanishka) में। दोस्तों यहाँ पर आप कनिष्क का जीवन परिचय, कनिष्क की उपलब्धियाँ, कनिष्क की विजयें आदि के बारे में पड़ेंगे। तो आइये शुरू करते है, यह लेख कनिष्क का इतिहास तथा परिचय:- इसे भी पढ़े:-   हंटर आयोग 1882 का इतिहास History of Hunter Commission 1882 कनिष्क का जीवन परिचय Biography of Kanishk कनिष्क कुषाण वंश का एक वीर शासक था, जिसकी राजधानी पुरुषपुर (पेशावर) थी। कनिष्क कुषाण वंश के छिन्न-भिन्न साम्राज्य को फिर से समृद्ध बनाने का प्रयास किया और उसमें सफल रहा। कुषाण वंश का संस्थापक कुजुल कैडफिसेस था जो युची जाति के पांच जातियों में से कोई चाउआंग जाति से सम्बन्ध रखता था। कुजुल कैडफिसेस ने अन्य चार जातियों हिउमी, ही-तुम, चाउआंग-मी ताउ-मी पर विजय प्राप्त करके कुषाण वंश की स्थापना की, तथा 80 वर्ष तक शासन किया इसके बाद उसका पुत्र विम कैडफिसेस शासक बना और उसने कई वर्षों तक शासन किया, किन्तु विम कैडफिसेस मृत्यु के उप...

चंद्रगुप्त प्रथम का इतिहास History of Chandragupt Prathan

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चंद्रगुप्त प्रथम का इतिहास History of Chandragupt Pratham हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, चंद्रगुप्त प्रथम का इतिहास (History of Chandragupt Pratham) में। दोस्तों यहाँ पर आप चंद्रगुप्त प्रथम का जीवन परिचय के साथ चन्द्रगुप्त प्रथम की उपलब्धियाँ राज्य विस्तार आदि के बारे में जानेंगे, तो आइये दोस्तों शुरू करते है, यह लेख चंद्रगुप्त प्रथम का इतिहास:- चंद्रगुप्त प्रथम का जीवन परिचय Biography of chandragupt pratham  चंद्रगुप्त गुप्त वंश के एक घटोत्कच नामक शासक का पुत्र तथा गुप्त वंश के संस्थापक श्रीगुप्त का पौत्र था, जो अपने पिता के समान ही वीर पराक्रमी तथा महत्वकांक्षी था। गुप्त वंश के विभिन्न अभिलेखों से यह ज्ञात होता है कि गुप्त वंश का प्रथम स्वतंत्र शासक चंद्रगुप्त प्रथम ही था जिसने महाराजाधिराज की उपाधि ग्रहण की थी और यह उपाधि इस बात का प्रमाण है, कि चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का प्रथम शक्तिशाली और स्वतंत्र राजा था। चन्द्रगुप्त प्रथम ने 319 ईस्वी से 350 ईस्वी तक शासन किया और गुप्त वंश को अपने पुत्र के रूप में एक महान शासक समुद्रगुप्त दिया जिसे भारत का नेपोलियन ...