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Showing posts from October, 2021

एल्युमीनियम क्या है यौगिक तथा उपयोग what is Aluminum compounds and uses

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एल्युमीनियम क्या है यौगिक तथा उपयोग what is Aluminum compounds and uses हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख एल्युमीनियम क्या है यौगिक तथा उपयोग  (what is Aluminium compound or use) में। दोस्तों इस लेख में आप एल्युमीनियम क्या है? एलुमिनियम का निष्कर्षण, एल्यूमीनियम के गुण, एल्युमीनियम के यौगिक तथा उपयोग तथा अन्य तथ्यों के बारे में जान पायेंगे। तो आइये दोस्तों शुरू करते है, यह लेख एल्युमीनियम क्या है यौगिक तथा उपयोग:- एल्युमीनियम क्या है what is Aluminum  एल्युमीनियम एक रासायनिक धातु तत्व है, जो मेंडलीफ की आवर्त सारणी (Mendeleev's periodic table) में P ब्लॉक में रखा गया है। एल्युमीनियम का परमाणु क्रमांक (Atomic number) 13 होता है। यह धातु तत्व स्वतंत्र अवस्था में प्रकृति में उपलब्ध नहीं है यह अपने यौगिकों के रूप में पृथ्वी पर पाया जाने वाला तत्व है। एल्युमीनियम ऑक्सीजन Oxigen और सिलिकॉन Silicon के बाद तीसरा तत्व है जो प्रकृति में सबसे अधिक पाया जाता है। जबकि एल्युमीनियम भूपर्पटी में सबसे अधिक पाया जाने वाला तत्व होता है। एल्युमीन...

मैंगनीज क्या है यौगिक तथा उपयोग what is Manganese compounds and uses

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मैंगनीज क्या है यौगिक तथा उपयोग what is Manganese compounds and uses हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख मैंगनीज क्या है यौगिक तथा उपयोग  (what is manganese compounds and uses) में। दोस्तों इस लेख में आप मैंगनीज क्या है? मैंगनीज कहाँ पाया जाता है? मैंगनीज के यौगिक तथा मैंगनीज के उपयोग समझाये गए है। इस लेख से आपको मैंगनीज के बारे में काफी जानकारी प्राप्त होंगी, तो आइये दोस्तों करते है, यह लेख शुरू मैंगनीज क्या है यौगिक तथा उपयोग:- मैंगनीज क्या है what is manganese मैंगनीज रासायनिक संक्रमण धातु तत्व होता है, जिसका परमाणु क्रमांक 25 तथा परमाणु द्रव्यमान 54 होता है। यह तत्व मेंडलीफ की आवर्त सारणी (Mendeleev's periodic table) में D ब्लॉक में पाया स्थित है। क्योंकि मैंगनीज का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास करने पर इसका अंतिम इलेक्ट्रॉन डी कक्षक में प्रवेश करता है। इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic configuration) 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 4s2 3d5 होता है। मैंगनीज प्रकृति में मुक्त अवस्था में नहीं पाया जाता है, यह अपने यौगिकों के रूप में संयुक्त अवस्था में उपस्थित होता है। अधिकतर म...

राजा असमंजस की कहानी Story of Raja Asmanjas

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style="display:block" data-ad-client="ca-pub-4937722633288941" data-ad-slot="3623960447" data-ad-format="auto"> राजा असमंजस की कहानी Story of Raja Asmanjas  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, आज के हमारे इस लेख राजा असमंजस की कथा  (Story of king Asmanjas) में। दोस्तों इस लेख में आप इक्ष्वाकु वंश के महान राजा असमंजस की कथा पड़ेंगे कि राजा असमंजस कौन थे? उनके पिता का नाम क्या है? तो दोस्तों आइए जानते हैं, राजा असमंजस की कथा:- महर्षि बाल्मीकि कौन थे राजा असमंजस कौन थे Raja Asmanjas kon the  राजा असमंजस इक्ष्वाकु वंश के महान , दयालु, पराक्रमी तथा प्रजावत्सल राजा थे। राजा असमंजस इक्ष्वाकु वंश के महान राजा सगर के पुत्र थे। इनकी माता का नाम केशिनी था। इनकी एक और छोटी माता थी जिनका नाम  सुमति था। माता सुमति के साठ हजार पुत्र थे। राजा सगर को यह सभी पुत्र महर्षि भृगु के आशीर्वाद से प्राप्त हुए थे। जो अज्ञानी, दुराचारी तथा दुष्ट प्रवृति के थे। किन्तु कई विधाओं में पारंगत भी थे।  राजा असमंजस की कथा Raja Asmanjas ki kath...

थोरियम क्या है गुण तथा उपयोग What is Thorium Properties and Uses

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थोरियम क्या है गुण तथा उपयोग What is Thorium Properties and Uses हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत -बहुत स्वागत है, इस लेख थोरियम क्या है गुण तथा उपयोग  (what is thorium properties and uses) में। दोस्तों इस लेख में थोरियम क्या है? थोरियम के गुण, थोरियम का सबसे बड़ा उत्पादक देश, थोरियम धातु के उपयोग जान पायेंगे। तो आइये दोस्तों करते है, शुरू यह लेख थोरियम क्या है गुण तथा उपयोग:- युरेनियम क्या है उपयोग थोरियम क्या है What is Thorium थोरियम मेंडलीफ की आवर्त सारणी के f ब्लॉक के लैंथेनाइड श्रेणी का प्रथम रेडिओ सक्रिय Radioactive तत्व है, जिसका परमाणु क्रमांक 90 तथा परमाणु भार 232.04 होता है। थोरियम एक भूरे रंग की धातु होती है, जिसका संकेत Th होता है। इसकी खोज बरजीलियस नामक वैज्ञानिक ने 1828 में थोराइट नामक अयस्क (Ore) से की, किन्तु इसका सबसे प्रमुख अयस्क मोनोजोइट बालू होता है। थोरियम के गुण Properties of thorium थोरियम एक भूरे रंग की धातु होती है, जिसका गलनांक  145 डिग्री सेंटीग्रेड तथा क्वथनांक 2800 डिग्री सेंटीग्रेड होता है। जबकि इसका आपेक्षिक घनत्व 11.23  होता है। थोरियम धात...

सीता माता की जन्म कथा Seeta Mata ki janm katha

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सीता माता की जन्म कथा Seeta Mata ki janm katha  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, आजके इस लेख सीता माता की जन्म कथा (Seeta mata ki janm katha)  में। दोस्तों इस लेख में आप सीता माता की जन्म कथा पड़ेंगे। साथ ही आप जानेंगे की सीता कौन थी? सीता जी किसकी पुत्री थी? सीता किसका अवतार थी? तो आइये दोस्तों करते है, यह लेख शुरू सीता माता की जन्म कथा:- इसे भी पढ़े: -  सीता के 108 नाम सीता कौन थी Seeta kon thi  सीता माता मिथिला के राजा जनक की पुत्री थी। मिथिला की राजकुमारी होने के कारण उनको मिथलेश कुमारी कहके बुलाया जाता था। सीता माता की माँ का नाम सुनयना देवी था। जो स्वयं वासुकी नाग की पुत्री थी। सीता माता का विवाह अयोध्या के महाराज दशरथ के सबसे बड़े पुत्र श्रीराम से हुआ था। सीता एक आदर्श पुत्री कर्तव्यनिष्ठ बहु, तथा पतिव्रत नारी थी। इसलिए दुष्ट रावण उनको छू भी नहीं सकता था। माता सीता ने भगवान श्रीराम के साथ वन का रास्ता चुना और हमेशा पति भक्ति और सेवा में व्यस्त रही। उन्होंने वन में कई दुखों का सामना किया किन्तु उनका विश्वास और भक्ति अटल थी उन्होंने साहस...

भगवान विष्णु का दूसरा अवतार Bhagwan vishnu ka doosra avtar

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style="display:block" data-ad-client="ca-pub-4937722633288941" data-ad-slot="3623960447" data-ad-format="auto"> भगवान विष्णु का दूसरा अवतार Bhagwan vishnu ka doosra avtar  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, आज के इस लेख भगवान विष्णु का दूसरा अवतार  (God Vishnu ka doosra avtaar) में। दोस्तों इस लेख में आप भगवान विष्णु के दूसरे अवतार के बारे में जानेंगे कि भगवान विष्णु ने दूसरा अवतार कौन सा धारण किया था और किस कारण धारण किया था। तो आइए दोस्तों पढ़ते हैं, पूरी कथा भगवान विष्णु का दूसरा अवतार:- भगवान विष्णु के 10 अवतार भगवान विष्णु का कुर्मू अवतार Bhagwan vishnu ka kurmu avtar  भगवान विष्णु का दूसरा अवतार कुर्मू अवतार उस समय हुआ था। जब देवताओं तथा दानवों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था। इस कथा का आरम्भ उस समय हुआ जब महर्षि दुर्वासा किसी कारणवश इंद्रलोक गए तथा देवराज से रूष्ट होकर उन्होंने देवराज इंद्र समेत सभी देवताओं को शक्तिहीन होने का श्राप दे दिया। जब देवता शक्तिहीन हो गए तो राक्षसों ने देवताओं पर आक्रमण कर दिया ...

भगवान विष्णु का पहला अवतार Bhagvan vishnu ka pahla avtar

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भगवान विष्णु का पहला अवतार Bhagvan vishnu ka pahla avtar  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है। इस लेख भगवान विष्णु का पहला अवतार (God vishnu ka Pahla avtaar) में। दोस्तों इस लेख में आप श्री हरि विष्णु के पहले अवतार के बारे में जानेंगे कि उन्होंने पहला अवतार कौन सा धारण किया था। तथा क्यों धारण किया था। तो आइये दोस्तों पढ़ते है यह कथा भगवान विष्णु का पहला अवतार:- भगवान विष्णु के 10 अवतार भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार Bhagwan vishnu ka Matsya avtar  यह कथा उस समय की है जब प्रकृति पर अधर्म, अनीति और अत्याचार का साम्राज्य बढ़ता जा रहा था। तथा पृथ्वी पर भयंकर प्रलय आने वाला था। पृथ्वी पर प्रलय आने से पहले भगवान ब्रह्मा जी ने वेदों का सृजन किया था। जो मानव जाति के कल्याण तथा प्रकाश का स्रोत माने जाते हैं। किंतु उस समय के राक्षस राज हायग्रीव ने वेदों को चुरा लिया। इसलिए भगवान विष्णु ने अपना पहला अवतार मत्स्य अवतार धारण किया। तथा हयग्रीव का वध करके सृष्टि को भयंकर प्रलय से बचाया। भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की कथा उस समय आरंभ होती है। जब हयग्रीव राक्षस राज के समय ही एक बहुत...

राजा जनक का जीवन परिचय Raja janak ka jivan parichay

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style="display:block" data-ad-client="ca-pub-4937722633288941" data-ad-slot="3623960447" data-ad-format="auto"> राजा जनक का जीवन परिचय Raja janak ka jivan parichay  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख राजा जनक के जीवन परिचय  (Biography of king Janak) में। दोस्तों इस लेख में आप राजा जनक कौन थे? राजा जनक के माता पिता का नाम, राजा जनक के पुरोहित और गुरु के साथ ही राजा जनक की कहानी पड़ेंगे। तो आइये दोस्तों करते है शुरू यह लेख राजा जनक की कहानी:- लक्ष्मण की पत्नी का नाम  राजा जनक कौन थे Raja janak kon the  रामायण के राजा जनक से आप सभी परिचित है। कियोकि वे माता सीता के धर्म पिता मिथिला के नरेश तथा महान विष्णु भक्त थे। राजा जनक एक विद्वान तथा पराकर्मी राजा होने के साथ वेद शास्त्र के प्रकांड विद्वान थे, उनकी सभा में बड़े-बड़े विद्वान् तथा ऋषि मुनि होते थे। भगवान परशुराम ने उनसे प्रसन्न होकर विश्व प्रसिद्ध शिव धनुष धरोहर के रूप में प्रदान किया था। राजा जनक एक दयालु और प्रजावत्सल राजा थे। वे अपने प्रजा को अपने पुत...

राजा इक्ष्वाकु की कहानी Raja ekshvaku ki kahani.

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राजा इक्ष्वाकु की कहानी Raja ekshvaku ki kahani  हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख राजा इक्ष्वाकु की कहानी  (Story of king ekshvaku) में। दोस्तों इस लेख में आप  राजा इक्ष्वाकु कौन थे? इक्ष्वाकु का अर्थ, के साथ ही इक्ष्वाकु के वंशज के बारे में जान पायेंगे। तो आइये दोस्तों करते है, शुरू आज का यह लेख राजा इक्ष्वाकु की कहानी:- श्रवण कुमार का जीवन परिचय राजा इक्ष्वाकु कौन थे Raja ekshvaku kon the   राजा इक्ष्वाकु एक महान सम्राट तथा सूर्यवंश के पहले राजा थे। जिनकी राजधानी अयोध्या थी। राजा इक्ष्वाकु के पिता का नाम वैवस्त मनु था जो विवस्तान (सूर्य) के पुत्र थे। राजा इक्ष्वाकु एक प्रजावत्सल, धर्मपरायण, दयालु और पराक्रमी राजा थे। इसलिए इनके नाम पर इस वंश का नाम इक्ष्वाकु वंश पड़ गया। राजा इक्ष्वाकु के 100 पुत्र थे जिनमें से एक विकुक्षि थे। जिन्होंने इक्ष्वाकु वंश को आगे बड़ाया और दुसरे निमि थे जिन्होंने मिथिला में राजकुल की स्थापना की। इसी कुल में महाराज जनक का जन्म हुआ।  इक्ष्वाकु का अर्थ Meaning of ekshvaku  इक्ष्वाकु सूर्यवंश के प्रथम राज...